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Accident Graph in Summer: खतरनाक है ये गर्मी...सावधानी से चलाएं वाहन...मई महीने हर साल बढ़ रहीं सड़क दुर्घटनाएं

तेज धूप और गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल कर रहे हैं. भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण वाहन चालक भी ड्राइविंग पर कंसंट्रेट नहीं कर पा रहे हैं जिसका नतीजा ये है कि सड़क दुर्घटनाओं में लगातार (Accident Graph In Summer) बढ़ोतरी हो रही है. खास कर कोरोना काल को छोड़ दें तो बीते पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो मई माह लगातार हादसों में इजाफा देखने को मिल रहा है. पेश हैं विस्तृत रिपोर्ट...

Road accident increase in summer season
गर्मी में बढ़े हादसे
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Published : May 23, 2022, 7:56 PM IST

Updated : May 23, 2022, 10:27 PM IST

जयपुर. प्रदेश में गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है. मई में तो गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. चिलचिलाती धूप से आमजन जीवन प्रभावित हो रहा है. भीषण गर्मी में वाहन चालकों को कंसंट्रेशन भी भंग हो रहा है जिस वजह से सड़क हादसों (Accident Graph In Summer) में भी इजाफा हो रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले कुछ सालों में गर्मी के मौसम में सड़क दुर्घटनाओं में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है. कोरोना काल खंड को छोड़ दें तो उससे पहले के पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो मई माह में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. देश के साथ प्रदेश में भी मई के ही महीने में सड़क दुर्घटनाओं ने भी एक्सीडेंट का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा है.

मई-जून में बढ़ता है सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा
सड़क सुरक्षा पर लम्बे समय से काम कर रही मुस्कान फाउंडेशन में प्रोजेक्ट डायरेक्टर नेहा खुल्लर बताती हैं कि तेज धूप और गर्मी वास्तव में वाहन चालकों का कंसन्ट्रेशन बिगाड़ देती है. इसके चलते प्रदेश में ही नहीं बल्की पूरे देश में भी भीषण गर्मी में सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो जाता है. पिछले कुछ सालों में हुई सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े इस बात के पुख्ता उदाहरण हैं कि साल में मई के महीने में दुर्घटनाएं ज्यादा होते हैं. गर्मी के मौसम में वाहन चालकों को ड्राइविंग के वक्त काफी अलर्ट रहने की आवश्यकता रहती है. प्रदेश और देश में एक अनुमान के मुताबिक 10 फीसदी एक्सीडेंट के आंकड़े मई में ज्यादा बढ़ जाते हैं. पिछले पांच सालों के आंकड़े यही बताते हैं वह भी यह वे घटनाएं हैं जिनका डाटा पुलिस के रजिस्टर में अंकित हैं.

गर्मी में बढ़े हादसे

पढ़ेंं. आसमान से बरस रही आग, पारा 45 डिग्री पार...अप्रैल में ही मई-जून सी गर्मी

इसके अलावा ऐसे भी रोड एक्सीडेंट हुए होंगे जिसमें किसी की जान नहीं गई होगी और उसके बारे में किसी को पता ही नहीं चला होगा. नेहा कहती हैं कि एक्सीडेंट के जो आंकड़े हैं वैसे भी दो पहिया वाहन के ज्यादा होती है. लोकल सड़क दुर्घटना होने के कारण वो रजिस्टर में अंकित नहीं होते हैं. प्रदेश में कुल एक्सीडेंट के आंकड़ों में दो पहिया वाहन से हुए हादसे 26 प्रतिशत हैं.

Road accident increase in summer season
हादसों को ग्राफ

ट्रेंड लगातार बना रहा लेकिन कम नहीं हो रहा
नेहा खुल्लर कहती है कि प्रदेश में लगातार मई के महीने में एक्सीडेंट और इसमें होने वाली मौतों के आंकड़े लगातार ट्रेंड में है. मई में ही क्यों प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटना और उसमें मौतों के आंकड़े लगातार 10 हजार ऊपर बने हुए हैं. एक्सीडेंट का ग्राफ लगातार बढ़ने के बाद भी इस पर कैसे काम किया जाए उस पर कोई चर्चा नहीं है. सरकार भले ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की बात करती है लेकिन इस पार गंभीरता से काम नहीं हो रहा. एक्सीडेंट के कारणों पर आज तक कोई स्टडी नहीं हुई और जब स्टडी नहीं हुई तो काम कैसे हो. जरूरत है कि एक्सीडेंट के कारणों को चिन्हित किया जाए और फिर उस पर काम हो.

Road accident increase in summer season
हादसों को ग्राफ

पढ़ें.Black Sunday For Rajasthan: हादसों के नाम रहा रविवार का दिन...एक दिन में 14 मौतें...अलवर, सिरोही और राजसमंद में गईं जानें

तेज धूप बिगाड़ देती है चालकों का कंसंट्रेशन
नेहा कहती हैं कि एक्सीडेंट के कई तरह के कारण सामने आए हैं. हालांकि प्रदेश में या देश में ऐसे कोई भी आंकड़ा एनालिसिस नहीं हुआ है जिससे यह कहा जाए की मई के महीने में इन कारणों से सड़क दुर्घटनाएं हो रहीं हैं लेकिन जो अब तक का ट्रेंड सामने है और जो स्टडी की है उसमे कुछ अलग-अलग तरह की बातें सामने आईं हैं. इनमें एक ये कि गर्मी में छुट्टियां होने कारण लोग घूमने ज्यादा निकलते हैं, तेज धूप चालकों का कंसन्ट्रेशन बिगाड़ती है.

इसके अलावा अधिक गर्मी होने की वजह से तेज गति में चलते वक्त गाड़िया पंचर हो जाना या टायर फट जाता है, जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. नेहा कहती हैं कि रोड एक्सीडेंट की घटनाओं में लापरवाही और हाईस्पीड बड़ी वजह होती है. भीषण गर्मी में सड़कें खाली देखकर लोग रफ्तार तेज कर देते हैं और यह स्थिति हादसे की वजह बन जाती है. लोग यदि ट्रैफिक रूल्स का पालन करें तो हादसों में कमी आ सकती है.

किन बातों का रखें ख्याल

  • गर्मी के मौसम में सफर करते समय पानी अपने साथ जरूर रखें और बराबर पीते रहें.
  • इससे शरीर और दिमाग का तापमान ठंडा रहेगा, सन ग्लास का प्रयोग जरूर करें.
  • ड्राइविंग करने से पहले मुंह अच्छी तरह से वॉश कर लें. इससे दिमाग को ताजगी मिलेगी.
  • धूप की वजह से रोड पर सन्नाटे को देखकर गाड़ी की स्पीड कभी नहीं बढ़ाएं.
  • यदि आप बाइक चला रहे हैं तो हेलमेट जरूर पहनें, सूती गमछा भी सिर पर लगाएं. ऐसे में गमछा पसीने से गीला होगाल और सिर ठंडा होगा.
  • संभव हो और ज्यादा जरूरी नहीं हो तो दोपहर के वक्त ड्राइविंग से बचें.
  • गर्मी में व्हीकल की मेन्टेनेंस का खास ख्याल रखें.

जयपुर. प्रदेश में गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है. मई में तो गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. चिलचिलाती धूप से आमजन जीवन प्रभावित हो रहा है. भीषण गर्मी में वाहन चालकों को कंसंट्रेशन भी भंग हो रहा है जिस वजह से सड़क हादसों (Accident Graph In Summer) में भी इजाफा हो रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले कुछ सालों में गर्मी के मौसम में सड़क दुर्घटनाओं में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है. कोरोना काल खंड को छोड़ दें तो उससे पहले के पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो मई माह में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. देश के साथ प्रदेश में भी मई के ही महीने में सड़क दुर्घटनाओं ने भी एक्सीडेंट का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा है.

मई-जून में बढ़ता है सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा
सड़क सुरक्षा पर लम्बे समय से काम कर रही मुस्कान फाउंडेशन में प्रोजेक्ट डायरेक्टर नेहा खुल्लर बताती हैं कि तेज धूप और गर्मी वास्तव में वाहन चालकों का कंसन्ट्रेशन बिगाड़ देती है. इसके चलते प्रदेश में ही नहीं बल्की पूरे देश में भी भीषण गर्मी में सड़क हादसों की संख्या में इजाफा हो जाता है. पिछले कुछ सालों में हुई सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े इस बात के पुख्ता उदाहरण हैं कि साल में मई के महीने में दुर्घटनाएं ज्यादा होते हैं. गर्मी के मौसम में वाहन चालकों को ड्राइविंग के वक्त काफी अलर्ट रहने की आवश्यकता रहती है. प्रदेश और देश में एक अनुमान के मुताबिक 10 फीसदी एक्सीडेंट के आंकड़े मई में ज्यादा बढ़ जाते हैं. पिछले पांच सालों के आंकड़े यही बताते हैं वह भी यह वे घटनाएं हैं जिनका डाटा पुलिस के रजिस्टर में अंकित हैं.

गर्मी में बढ़े हादसे

पढ़ेंं. आसमान से बरस रही आग, पारा 45 डिग्री पार...अप्रैल में ही मई-जून सी गर्मी

इसके अलावा ऐसे भी रोड एक्सीडेंट हुए होंगे जिसमें किसी की जान नहीं गई होगी और उसके बारे में किसी को पता ही नहीं चला होगा. नेहा कहती हैं कि एक्सीडेंट के जो आंकड़े हैं वैसे भी दो पहिया वाहन के ज्यादा होती है. लोकल सड़क दुर्घटना होने के कारण वो रजिस्टर में अंकित नहीं होते हैं. प्रदेश में कुल एक्सीडेंट के आंकड़ों में दो पहिया वाहन से हुए हादसे 26 प्रतिशत हैं.

Road accident increase in summer season
हादसों को ग्राफ

ट्रेंड लगातार बना रहा लेकिन कम नहीं हो रहा
नेहा खुल्लर कहती है कि प्रदेश में लगातार मई के महीने में एक्सीडेंट और इसमें होने वाली मौतों के आंकड़े लगातार ट्रेंड में है. मई में ही क्यों प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटना और उसमें मौतों के आंकड़े लगातार 10 हजार ऊपर बने हुए हैं. एक्सीडेंट का ग्राफ लगातार बढ़ने के बाद भी इस पर कैसे काम किया जाए उस पर कोई चर्चा नहीं है. सरकार भले ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की बात करती है लेकिन इस पार गंभीरता से काम नहीं हो रहा. एक्सीडेंट के कारणों पर आज तक कोई स्टडी नहीं हुई और जब स्टडी नहीं हुई तो काम कैसे हो. जरूरत है कि एक्सीडेंट के कारणों को चिन्हित किया जाए और फिर उस पर काम हो.

Road accident increase in summer season
हादसों को ग्राफ

पढ़ें.Black Sunday For Rajasthan: हादसों के नाम रहा रविवार का दिन...एक दिन में 14 मौतें...अलवर, सिरोही और राजसमंद में गईं जानें

तेज धूप बिगाड़ देती है चालकों का कंसंट्रेशन
नेहा कहती हैं कि एक्सीडेंट के कई तरह के कारण सामने आए हैं. हालांकि प्रदेश में या देश में ऐसे कोई भी आंकड़ा एनालिसिस नहीं हुआ है जिससे यह कहा जाए की मई के महीने में इन कारणों से सड़क दुर्घटनाएं हो रहीं हैं लेकिन जो अब तक का ट्रेंड सामने है और जो स्टडी की है उसमे कुछ अलग-अलग तरह की बातें सामने आईं हैं. इनमें एक ये कि गर्मी में छुट्टियां होने कारण लोग घूमने ज्यादा निकलते हैं, तेज धूप चालकों का कंसन्ट्रेशन बिगाड़ती है.

इसके अलावा अधिक गर्मी होने की वजह से तेज गति में चलते वक्त गाड़िया पंचर हो जाना या टायर फट जाता है, जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. नेहा कहती हैं कि रोड एक्सीडेंट की घटनाओं में लापरवाही और हाईस्पीड बड़ी वजह होती है. भीषण गर्मी में सड़कें खाली देखकर लोग रफ्तार तेज कर देते हैं और यह स्थिति हादसे की वजह बन जाती है. लोग यदि ट्रैफिक रूल्स का पालन करें तो हादसों में कमी आ सकती है.

किन बातों का रखें ख्याल

  • गर्मी के मौसम में सफर करते समय पानी अपने साथ जरूर रखें और बराबर पीते रहें.
  • इससे शरीर और दिमाग का तापमान ठंडा रहेगा, सन ग्लास का प्रयोग जरूर करें.
  • ड्राइविंग करने से पहले मुंह अच्छी तरह से वॉश कर लें. इससे दिमाग को ताजगी मिलेगी.
  • धूप की वजह से रोड पर सन्नाटे को देखकर गाड़ी की स्पीड कभी नहीं बढ़ाएं.
  • यदि आप बाइक चला रहे हैं तो हेलमेट जरूर पहनें, सूती गमछा भी सिर पर लगाएं. ऐसे में गमछा पसीने से गीला होगाल और सिर ठंडा होगा.
  • संभव हो और ज्यादा जरूरी नहीं हो तो दोपहर के वक्त ड्राइविंग से बचें.
  • गर्मी में व्हीकल की मेन्टेनेंस का खास ख्याल रखें.
Last Updated : May 23, 2022, 10:27 PM IST
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