जयपुर. विधायकों की रायशुमारी करने के बाद आज प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान अजय माकन ने पदाधिकारियों के साथ मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों, रिक्त पड़े जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर चर्चा करते हुए पार्टी को कैसे और ज्यादा मजबूत बनाया जाए इस पर बात पर चर्चा की.
इस बैठक में उन पदाधिकारियों का दर्द भी प्रभारी अजय माकन के सामने फूट पड़ा, जो विधानसभा चुनाव में हार गए थे. विधानसभा चुनाव में हार झेलने वाले प्रत्याशियों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के जीते हुए तो 100 ही विधायक हैं, बाकी विधानसभा सीटों पर तो जो कांग्रेस के प्रत्याशी थे, उनसे भी राय मशवरा किया जाए.
कई पदाधिकारी जो विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी भी रहे, उन्होंने माकन को यहां तक कह दिया कि हारे हुए प्रत्याशियों की उनकी क्षेत्र में कोई चलत नहीं है, उनके क्षेत्र में अगर पार्टी मजबूत नहीं होगी, तो फिर कांग्रेस पूरे राजस्थान में कैसे मजबूत होगी और अगर ऐसी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को मजबूत नहीं किया गया, तो 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी चुनाव कैसे जीतेगी.
प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने भी अजय माकन के सामने उन नेताओं की सुनवाई नहीं होने की बात रखते हुए कहा कि जो चुनाव हार गए थे. अगर उनपर ध्यान नहीं दिया गया तो उन विधानसभा सीटों पर पार्टी कमजोर रह जाएगी. जहां वर्तमान में भी कांग्रेस के विधायक नहीं है, तो 2023 में पार्टी चुनाव कैसे जीतेगी.
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पार्टी को सभी 200 विधानसभा मजबूत करने की आवश्यकता है न कि केवल जहां विधायक है, उन विधानसभा में. बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के 100 विधायक हैं, हालांकि इसमें 6 उन विधायकों को भी जोड़ दिया जाए, जो बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं, तो भी यह संख्या 106 होती है. ऐसे में बाकी जहां पार्टी के विधायक नहीं है, उन विधानसभा सीट पर कांग्रेस को मजबूत करने और हारे हुए प्रत्याशियों के काम नहीं होने की बात कही गई.
विधायक इंद्राज बोले हारे हुए विधायक प्रत्याशियों की भी हो रायशुमारी
विधानसभा में हारे हुए प्रत्याशियों की भी जीते हुए विधायकों की तरह ही रायशुमारी की जाए. इस बात को लेकर भी विधायक इंद्राज गुर्जर ने कहा कि जिस तरीके से जीते हुए विधायकों की रायशुमारी की गई है. हारे हुए प्रत्याशियों को भी इसी तरीके से रायशुमारी में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि अजय माकन के सामने सारी परिस्थितियां हैं और वह इतने वरिष्ठ नेता है कि इस विषय पर जरूर विचार करेंगे.