जयपुर. प्रदेश के फोन टैपिंग मामले (Rajasthan Phone Tapping Case) में सरकारी वकील के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की जल्दी सुनवाई करने के लिए पेश प्रार्थना पत्र को निस्तारित कर दिया है. अदालत ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए मामले की सुनवाई को लेकर कोई अर्जेंसी नहीं है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने यह आदेश लोकेश शर्मा के प्रार्थना पत्र पर दिए.
दिल्ली हाइकोर्ट (Delhi HC) की ओर से जारी आदेशानुसार लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था. प्रार्थना पत्र (Appeal) में कहा गया कि कोर्ट ने मामले में गत 3 जून को आदेश देते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आगामी आदेशों तक कोई दंडनात्मक कार्रवाई न की जाए. इसके बावजूद दिल्ली क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) ने उन्हें पेश होने का नोटिस दिया है. जिससे याचिकाकर्ता को आशंका है की उसे अदालती आदेश के बाद भी गिरफ्तार किया जा सकता है. ऐसे में मामले की जल्दी सुनवाई की जाए.
इस पर सरकार की ओर से ASC राजेश महाजन ने जांच अधिकारी के हवाले से कहा कि गत 3 जुलाई के आदेश को स्पष्ट करने की कोई जरूरत नहीं है. याचिकाकर्ता लोकेश शर्मा के विरुद्ध आगामी आदेशों तक कोई दंडनात्मक कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाएगी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने प्रार्थना पत्र का निस्तारण कर दिया है. मूल याचिका पर अदालत आगामी 13 जनवरी को सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में लोकेश शर्मा के विरुद्ध ऑडियो वायरल (Audio Viral) कर छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी. शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने लोकेश शर्मा को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था. जिसे लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने लोकेश शर्मा के विरुद्ध अदालत की अनुमति के बिना दंडनात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी.