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समलेटी बम कांड के अभियुक्त को मिली पैरोल - dausa case

राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को दौसा के समलेटी गांव के पास हुए बम धमाके में सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पैरोल अवधि पूरी होने के बाद आरोपी जेल में समर्पण करें.

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Published : Aug 7, 2019, 10:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने साल 1996 में दौसा के समलेटी गांव के पास बस में हुए बम धमाके के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अभियुक्त को एक माह के पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि पैरोल अवधि पूरी होने के बाद अभियुक्त जेल में समर्पण करे.

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश पप्पू उर्फ सलीम की ओर से दायर पैरोल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. चिका में कहा गया कि वह 21 साल से जेल में बंद है. उसे अक्टूबर 2017 में पहली नियमित पैरोल मिली थी. इसके बाद उसने तय समय पर समर्पण किया था. इसके साथ ही उसका जेल में आचरण भी सही है. ऐसे में उसे दूसरी पैरोल पर एक माह के लिए रिहा किया जाए.

यह भी पढ़ेंः जयपुर : पुलिस मोटर व्हीकल एक्ट के जरिए कर रही अपराध नियंत्रण का प्रयास

गौरतलब है कि 22 मई 1996 को रोडवेज की बस में समलेटी गांव के पास विस्फोट हुआ था, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी. मामले में बांदीकुई एडीजे कोर्ट ने 29 सितंबर 2014 को अब्दुल हमीद को फांसी की सजा सुनाते हुए याचिकाकर्ता सहित 6 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं हाईकोर्ट ने गत 22 जुलाई को याचिकाकर्ता और अब्दुल हमीद की सजा को बरकरार रखते हुए शेष 6 को बरी कर दिया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने साल 1996 में दौसा के समलेटी गांव के पास बस में हुए बम धमाके के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अभियुक्त को एक माह के पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि पैरोल अवधि पूरी होने के बाद अभियुक्त जेल में समर्पण करे.

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश पप्पू उर्फ सलीम की ओर से दायर पैरोल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. चिका में कहा गया कि वह 21 साल से जेल में बंद है. उसे अक्टूबर 2017 में पहली नियमित पैरोल मिली थी. इसके बाद उसने तय समय पर समर्पण किया था. इसके साथ ही उसका जेल में आचरण भी सही है. ऐसे में उसे दूसरी पैरोल पर एक माह के लिए रिहा किया जाए.

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गौरतलब है कि 22 मई 1996 को रोडवेज की बस में समलेटी गांव के पास विस्फोट हुआ था, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी. मामले में बांदीकुई एडीजे कोर्ट ने 29 सितंबर 2014 को अब्दुल हमीद को फांसी की सजा सुनाते हुए याचिकाकर्ता सहित 6 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं हाईकोर्ट ने गत 22 जुलाई को याचिकाकर्ता और अब्दुल हमीद की सजा को बरकरार रखते हुए शेष 6 को बरी कर दिया था.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1996 में दौसा के समलेटी गांव के पास बस में हुए बम धमाके के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अभियुक्त को एक माह के पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा है कि पैरोल अवधि पूरी होने के बाद अभियुक्त जेल में समर्पण करे। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश पप्पू उर्फ सलीम की ओर से दायर पैरोल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। Body:याचिका में कहा गया कि वह 21 साल से जेल में बंद है। उसे अक्टूबर 2017 में पहली नियमित पैरोल मिली थी। इसके बाद उसने तय समय पर समर्पण किया था। इसके साथ ही उसका जेल में आचरण भी सही है। ऐसे में उसे दूसरी पैरोल पर एक माह के लिए रिहा किया जाए। गौरतलब है कि 22 मई 1996 को रोडवेज की बस में समलेटी गांव के पास विस्फोट हुआ था। जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी। मामले में बांदीकुई एडीजे कोर्ट ने 29 सितंबर 2014 को अब्दुल हमीद को फांसी की सजा सुनाते हुए याचिकाकर्ता सहित 6 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं हाईकोर्ट ने गत 22 जुलाई को याचिकाकर्ता और अब्दुल हमीद की सजा को बरकरार रखते हुए शेष 6 को बरी कर दिया था। Conclusion:null
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