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निर्वाचन आयोग का EVM से पंचायत चुनाव कराने का दावा फेल, बैलेट पेपर से होंगे वार्ड पंच के चुनाव

राज्य निर्वाचन आयोग एक बार फिर प्रदेश के वार्ड पंचों के चुनाव EVM से कराने में ना काम रहा है. हालांकि, इस बार सरपंच के सभी चुनाव ईवीएम मशीन के जरिए होंगे. लेकिन वार्ड पंच के चुनाव के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नई मशीन खरीदने की स्वीकृति देने में बहुत ज्यादा वक्त लगाया. जिसके चलते नई मशीन समय पर नहीं खरीदी जा सकी.

पंचायती राज चुनाव में EVM से वोटिंग,  EVM voting in Panchayati Raj elections
पंचायती राज चुनाव
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Published : Dec 26, 2019, 9:20 PM IST

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरपंच और वार्ड पंचों के चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया है. लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब सीआर, डीआर और सरपंच के चुनाव साथ न होकर केवल सरपंच के चुनाव कराए जा रहे हैं. वहीं, इस बार पहली बार ऐसा है जब प्रदेश में एक साथ सरपंच के चुनाव EVM से कराए जाएंगे. जबकि वार्ड पंचों के चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे.

बैलेट पेपर से होंगे वार्ड पंच के चुनाव

इसमें राज्य निर्वाचन आयोग लगातार इस बात के दावे करता रहा है कि इस बार पंचायती राज चुनाव इसमें सरपंच और पंच के चुनाव भी शामिल है. वह EVM मशीन के जरिए कराए जाएंगे. लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से आम चुनाव 2020 के कार्यक्रम जारी किए गए. जिसमें साफ कहा गया कि इस बार सरपंच के चुनाव में EVM मशीन के जरिए कराए जाएंगे. जबकि वार्ड पंच की चुनाव बैलेट पेपर के जरिये कराए जाएंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग से जब इस बारे में पूछा गया कि आखिर राज्य निर्वाचन आयोग वार्ड पंच के चुनाव EVM मशीन से कराने में नाकाम क्यों रहा तो उन्होंने इसका पूरा ठीकरा राज्य सरकार में पर फोड़त दिया. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि राज्य सरकार से नई मशीन खरीदने के लिए बजट मांगा गया था, जो कि राज्य सरकार के बजट भाषण में भी शामिल था. लेकिन सरकार ने बजट की अनुमति देने में बहुत देरी की और सरकार की तरफ से देर से मिली अनुमति की वजह से जो नई मशीन खरीदी जा रही हैं उसका उपयोग जनवरी-फरवरी में होने वाले चुनाव में नहीं किया जा सकता.

पढ़ें- प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की तारीखों का ऐलान, 3 चरणों मे होंगे मतदान

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा कि सरकार ने अपने बजट भाषण में नई मशीन खरीदने के बजट का प्रावधान रखा था. सरकार के बजट भाषण को धयान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार से नई EVM मशीन खरीदने के लिए बजट की डिमांड करी थी. लेकिन सरकार ने बहुत दिनों तक उस फाइल पर अनुमति नहीं दी और जब सरकार ने उस पर अनुमति दी तब तक इतना समय गुजर चुका था कि नई EVM मशीन खरीद के मंगवाना संभव नहीं है.

वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा कि इस बार चुनाव के लिए 3 राज्यों से जिसमें बिहार, महाराष्ट्र और उड़ीसा से भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद 1 लाख 18 हाजर 547 कंट्रोल यूनिट और 1 लाख 41 हजार 529 बैलट यूनिट मंगवाई गई है. इनका उपयोग पंचायती राज चुनाव में किया जाएगा. आयोग के आयुक्त पीसी मेहरा ने बताया कि इस बार 3 करोड़ 86 लाख 519 मतदाता अपने अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे.

उन्होंने बताया कि पहले सरपंच और वार्ड पंच के लिए एक दिन पहले नामांकन पत्र दाखिल करने का वक्त होता था. लेकिन अब EVM से मतदान होगा इस लिए नामांकन दाखिल करने के बाद तीन से चार दिन का समय मिलेगा. इसके साथ चुनाव खर्च की सीमा भी बढ़ाई गई है. सरपंच के लिए पहले 20 हजार थी जिसे बढ़ा कर अब 50 हजार किया गया है. हालांकि, वार्ड पंच के कोई खर्च की समय सीमा नहीं रखी गई है.

पढ़ें- बड़ी खबर : जिला परिषद सदस्य, पंचायत समितियों के साथ-साथ नवगठित 173 ग्राम पंचायतों में अभी नहीं होंगे चुनाव

जिले का देखते कितने चरणों में होंगे चुनाव

प्रदेश के 33 जिलों में चुनाव होंगे. जिसके लिए 34525 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इसके साथ ही दौसा में चुनाव एक चरण में होगा. लेकिन बांसवाड़ा, बीकानेर, धौलपुर, डूंगरपुर, करौली, सीकर में दो चरणों में होगा. बाकी अन्य जिलों में 3 चरणों में चुनाव होंगे.

65 हजार कर्मचारी कराएंगे चुनाव

सरपंचों के चुनाव के लिए प्रदेश के सभी कर्मचारी राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन होंगे. जिनका काम चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहण किया जा सकेगा. 9171 ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए करीब 65 हजार कर्मचारियों को नियोजित किया जाएगा. मतदान दलों को दो स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा साथ ही कानून व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा.

पढ़ें- प्रदेश की गहलोत सरकार ने किया प्रशानिक फेरबदल, 23 RAS अफसरों के तबादले

चुनाव के लिए जिले में एक या दो प्रशिक्षक लगाए जाएंगे जो आईएस और वरिष्ठ आरएएस अधिकारी होंगे. जिला और राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए 24X7 नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा.

मतदान के लिए 12 दस्तावेज मान्य

आयोग की ओर से 4 दिसंबर को जारी की गई मतदाता सूची के अनुसार इन पंचायतों में 3 करोड 8 लाख 86 हजार 519 मतदाता जो सरपंच और पंच का चुनाव करेंगे. वहीं, इसमें 1 करोड़ 60 लाख 95 हजार 417 पुरुष और 1 करोड़ 47 लाख 90 हजार 976 महिला मतदाता हैं. वहीं, 126 थर्ड जेंडर मतदाता है. मतदाता फोटो पहचान पत्र के साथ 12 अन्य दस्तावेज से मतदान कर सकेंगे. जिसमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड, सांसद या विधायक की ओर से जारी किया गया पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेज शामिल है.

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरपंच और वार्ड पंचों के चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया है. लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब सीआर, डीआर और सरपंच के चुनाव साथ न होकर केवल सरपंच के चुनाव कराए जा रहे हैं. वहीं, इस बार पहली बार ऐसा है जब प्रदेश में एक साथ सरपंच के चुनाव EVM से कराए जाएंगे. जबकि वार्ड पंचों के चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे.

बैलेट पेपर से होंगे वार्ड पंच के चुनाव

इसमें राज्य निर्वाचन आयोग लगातार इस बात के दावे करता रहा है कि इस बार पंचायती राज चुनाव इसमें सरपंच और पंच के चुनाव भी शामिल है. वह EVM मशीन के जरिए कराए जाएंगे. लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से आम चुनाव 2020 के कार्यक्रम जारी किए गए. जिसमें साफ कहा गया कि इस बार सरपंच के चुनाव में EVM मशीन के जरिए कराए जाएंगे. जबकि वार्ड पंच की चुनाव बैलेट पेपर के जरिये कराए जाएंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग से जब इस बारे में पूछा गया कि आखिर राज्य निर्वाचन आयोग वार्ड पंच के चुनाव EVM मशीन से कराने में नाकाम क्यों रहा तो उन्होंने इसका पूरा ठीकरा राज्य सरकार में पर फोड़त दिया. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि राज्य सरकार से नई मशीन खरीदने के लिए बजट मांगा गया था, जो कि राज्य सरकार के बजट भाषण में भी शामिल था. लेकिन सरकार ने बजट की अनुमति देने में बहुत देरी की और सरकार की तरफ से देर से मिली अनुमति की वजह से जो नई मशीन खरीदी जा रही हैं उसका उपयोग जनवरी-फरवरी में होने वाले चुनाव में नहीं किया जा सकता.

पढ़ें- प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की तारीखों का ऐलान, 3 चरणों मे होंगे मतदान

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा कि सरकार ने अपने बजट भाषण में नई मशीन खरीदने के बजट का प्रावधान रखा था. सरकार के बजट भाषण को धयान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार से नई EVM मशीन खरीदने के लिए बजट की डिमांड करी थी. लेकिन सरकार ने बहुत दिनों तक उस फाइल पर अनुमति नहीं दी और जब सरकार ने उस पर अनुमति दी तब तक इतना समय गुजर चुका था कि नई EVM मशीन खरीद के मंगवाना संभव नहीं है.

वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा कि इस बार चुनाव के लिए 3 राज्यों से जिसमें बिहार, महाराष्ट्र और उड़ीसा से भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद 1 लाख 18 हाजर 547 कंट्रोल यूनिट और 1 लाख 41 हजार 529 बैलट यूनिट मंगवाई गई है. इनका उपयोग पंचायती राज चुनाव में किया जाएगा. आयोग के आयुक्त पीसी मेहरा ने बताया कि इस बार 3 करोड़ 86 लाख 519 मतदाता अपने अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे.

उन्होंने बताया कि पहले सरपंच और वार्ड पंच के लिए एक दिन पहले नामांकन पत्र दाखिल करने का वक्त होता था. लेकिन अब EVM से मतदान होगा इस लिए नामांकन दाखिल करने के बाद तीन से चार दिन का समय मिलेगा. इसके साथ चुनाव खर्च की सीमा भी बढ़ाई गई है. सरपंच के लिए पहले 20 हजार थी जिसे बढ़ा कर अब 50 हजार किया गया है. हालांकि, वार्ड पंच के कोई खर्च की समय सीमा नहीं रखी गई है.

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जिले का देखते कितने चरणों में होंगे चुनाव

प्रदेश के 33 जिलों में चुनाव होंगे. जिसके लिए 34525 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इसके साथ ही दौसा में चुनाव एक चरण में होगा. लेकिन बांसवाड़ा, बीकानेर, धौलपुर, डूंगरपुर, करौली, सीकर में दो चरणों में होगा. बाकी अन्य जिलों में 3 चरणों में चुनाव होंगे.

65 हजार कर्मचारी कराएंगे चुनाव

सरपंचों के चुनाव के लिए प्रदेश के सभी कर्मचारी राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन होंगे. जिनका काम चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहण किया जा सकेगा. 9171 ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए करीब 65 हजार कर्मचारियों को नियोजित किया जाएगा. मतदान दलों को दो स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा साथ ही कानून व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा.

पढ़ें- प्रदेश की गहलोत सरकार ने किया प्रशानिक फेरबदल, 23 RAS अफसरों के तबादले

चुनाव के लिए जिले में एक या दो प्रशिक्षक लगाए जाएंगे जो आईएस और वरिष्ठ आरएएस अधिकारी होंगे. जिला और राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए 24X7 नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा.

मतदान के लिए 12 दस्तावेज मान्य

आयोग की ओर से 4 दिसंबर को जारी की गई मतदाता सूची के अनुसार इन पंचायतों में 3 करोड 8 लाख 86 हजार 519 मतदाता जो सरपंच और पंच का चुनाव करेंगे. वहीं, इसमें 1 करोड़ 60 लाख 95 हजार 417 पुरुष और 1 करोड़ 47 लाख 90 हजार 976 महिला मतदाता हैं. वहीं, 126 थर्ड जेंडर मतदाता है. मतदाता फोटो पहचान पत्र के साथ 12 अन्य दस्तावेज से मतदान कर सकेंगे. जिसमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड, सांसद या विधायक की ओर से जारी किया गया पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेज शामिल है.

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जयपुर

निर्वाचन आयोग का ईवीएम से चुनाव कराने का दावा हुआ , आयोग ने सरकार पर फोड़ा ठीकरा

एंकर:- राज्य निर्वाचन आयोग एक बार फिर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में पंच और सरपंच के चुनाव ईवीएम से कराने में ना काम रहा , हालांकि इस बार सरपंच के सभी चुनाव ईवीएम मशीन के जरिए होंगे वही वार्ड पंच के चुनाव बैलेट पेपर के जरिए होंगे , राज्य निर्वाचन आयोग ने इसका ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने नई मशीन खरीदने की स्वीकृति देने में बहुत ज्यादा वक्त लगाया देरी से मिली अनुमति की वजह से नई मशीन समय पर नहीं खरीद पाए जा सकी ,


Body:VO:- राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरपंच और वार्ड पंचों के चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया गया लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब सीआर , डीआर और सरपंच के चुनाव साथ न होकर केवल सरपंच के चुनाव कराए जा रहे हैं , वहीं इस बार पहली बार ऐसा ही जब प्रदेश में एक साथ सरपंच की चुनाव एवं से कराए जाएंगे , जबकि वार्ड पंचों के चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे , इसमें राज्य निर्वाचन आयोग लगातार इस बात के दावे करता रहा कि इस बार पंचायत राज चुनाव इसमें सरपंच और पंच के चुनाव भी शामिल है वह ईवीएम मशीन के जरिए कराई जाएंगे लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आम चुनाव 2020 के कार्यक्रम जारी किए गए उसमें साफ कहा गया कि इस बार सरपंच के चुनाव में ईवीएम मशीन की जरीय कराए जाएंगे , जबकि वार्ड पंच की चुनाव बैलेट पेपर के जरिये कराए जाएंगे , राज्य निर्वाचन आयोग से जब इस बारे में पूछा गया कि आखिर राज्य निर्वाचन आयोग वार्ड पंच के चुनाव में ईवीएम मशीन से कराने में नाकाम क्यों रहा तो उन्होंने इसका पूरा ठीकरा राज्य सरकार में फोड़ते हुए कहा कि राज्य सरकार से नई मशीन खरीदने के लिए बजट मांगा गया था जो कि राज्य सरकार के बजट भाषण में भी शामिल था लेकिन सरकार ने बजट की अनुमति देने में बहुत देरी की सरकार की तरफ से देरी से मिली अनुमति की वजह से जो नई मशीन खरीदी जा रही है , उसका उपयोग जनवरी-फरवरी में होने वाले चुनाव में नहीं किया जा सकता , राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा कि सरकार ने अपने बजट भाषण में नई मशीन खरीदने के बजट का प्रावधान रखा था सरकार के बजट भाषण के धयान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार से नई ईवीएम मशीन खरीदने के लिए बजट की डिमांड करी थी , लेकिन सरकार बहुत दिनों तक उस फाइल पर अनुमति नहीं दी और जब सरकार ने उस पर अनुमति दी तब तक इतना समय गुजर चुका था कि नई ईवीएम मशीन खरीद के मंगवाना संभव नहीं है वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा कि इस बार चुनाव के लिए 3 राज्यों से जिसमें बिहार महाराष्ट्र और उड़ीसा से भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद 1 लाख 18 हाजर 547 कंट्रोल यूनिट और 1 लाख 41 हजार 529 बैलट यूनिट मंगवाई गई है , इनका उपयोग पंचायत राज संस्थानों के चुनाव में किया जाएगा , आयोग के आयुक्त पीसी मेहरा ने बताया कि इस बार 3 करोड़ 86 लाख 519 मतदाता अपने अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे , उन्होंने बताया कि पहले सरपंच और वार्ड पंच के लिए एक दिन दिन पहके नामांकन पत्र दाखिल करने का वक्त होता था लेकिन अब ईवीएम से मतदान होगा इस लिए नामांकन दाखिल करने के बाद तीन से चार दिन का समय मिलेगा , इसके साथ चुनाव खर्च की सीमा भी बढ़ाई गई है , सरपंच के पहले 20 हजार थी उसे बढ़ कर अब 50 हजार किया गया है , हालांकि वार्ड पंच के कोई खर्च की समय सीमा नही रखी गई है ,

जिले का देखते कितने चरणों में होंगे चुनाव ,
चुनाव 33 जिलों में होंगे चुनाव , 34525 बनाए गए पोलिंग बूथ दोसा में एक चरण में होगा ,
चुनाव बांसवाड़ा बीकानेर धोलपुर डूंगरपुर करौली सीकर में दो चरणों में होंगे चुनाव ,,
बाकी जिलों में 3 चरणों में होंगे चुनाव

65 हजार कर्मचारी कराएंगे चुनाव
सरपंचों के चुनाव के लिए प्रदेश के सभी कर्मचारी राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन होंगे , जिनका काम चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहण किया जा सकेगा , 9171 ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए करीब 65 हजार कर्मचारियों को नियोजित किया जाएगा मतदान दलों को दो स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा , कानून व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा , चुनाव के लिए जिले में एक या दो प्रशिक्षक लगाई जाएंगे जो आईएस और वरिष्ठ आरएएस अधिकारी होंगे , जिला एवं राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए 24 * 7 नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा

मतदान के लिए 12 दस्तावेज मान्य
आयोग की ओर से 4 दिसंबर को जारी की गई मतदाता सूची के अनुसार इन पंचायतों में 3 करोड 8 लाख 86 हजार 519 मतदाता जो सरपंच और पंच का चुनाव करेंगे वहीं इसमें 1 करोड़ 60 लाख 95 हजार 417 पुरुष , 1 करोड से 47 लाख 90 हजार 976 महिला मतदाता है वही 126 थर्ड जेंडर मतदाता है , मतदाता फोटो पहचान पत्र के साथ 12 अन्य दस्तावेज से मतदान कर सकेंगे जिसमें आधार कार्ड , पासपोर्ट , ड्राइविंग लाइसेंस , आयकर पहचान पत्र , मनरेगा जॉब कार्ड , राशन कार्ड , सांसद विधायक द्वारा जारी पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेज शामिल है ।

बाइट:- पीएस मेहरा - आयुक्त , राज्य निर्वाचन आयोग



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