जयपुर. आत्महत्या मामले के बाद सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स में गुस्सा भरा है. लेकिन सीनियर डॉक्टर्स के डर के कारण कोई कुछ बोल नहीं पा रहा. ऐसे में जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर ने अपने फेसबुक पेज के जरिए अपने हालात बयां किए हैं. लिखा है कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं और अस्पताल में 24 घंटे रेजिडेंट्स को काम करना पड़ता है.
मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर मेहमान की तरह ओपीडी में और वार्ड में आते हैं और 24 घंटे वार्ड फर्स्ट ईयर रेजिडेंट के हवाले कर देते हैं. ऐसे में न कोई ड्यूटी चार्ट है और न ही कोई व्यवस्था. ऐसे में विरोध करने पर परीक्षा में फेल करने तक की धमकी दे दी जाती है.
ऐसे हालात में मेडिकल एजुकेशन सिस्टम कीचड़ बन चुका है. ऐसे में जार्ड ने जिम्मेदारों से पूछा है कि क्या मामले को लेकर कार्रवाई होगी या फिर लीपापोती कर मामला निपटा दिया जाएगा. आत्महत्या के मामले को लेकर एक कमेटी भी बनाई गई है, जिस पर सवाल उठाते हुए रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने पूछा है कि जो जिम्मेदार है और जिन्हें सस्पेंड करना चाहिए. उन्हें ही कमेटी में रखा गया है. ऐसे में इस सिस्टम में बदलाव होना जरूरी है. वहीं प्रताड़ित इन चिकित्सकों ने न्यायपालिका से भी सवाल पूछा है और कहा है कि आखिर प्रताड़ित हो रहे चिकित्सकों की अनदेखी क्यों की जा रही है.