जयपुर. परकोटा स्थित चौगान स्टेडियम की पार्किंग में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर के मंगलवार को दो वीडियो वायरल हुए. दोनों वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत के साथ-साथ स्थानीय लोग भी दहशत में आ गए.
दरअसल, जिला प्रशासन ने चौगान स्टेडियम में भिखारियों के लिए शेल्टर होम बनाकर क्वॉरेंटाइन किया है. जहां से सोमवार को स्टेडियम की दीवार कूदकर तीन लोग बाहर आ गए. ऐसे में कॉलोनी के लोगों में दहशत फैल गई. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि इनमें से कोई कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो इसकी जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा.
यह भी पढ़ेंः SPECIAL: कोरोना के 'गढ़' रामगंज को जीतने को सरकार ने बदली रणनीति, अभेद किले में तब्दील परकोटा
हालांकि क्वॉरेंटाइन सेंटर के प्रभारी किशन सिंह की माने तो तीनों लोगों को दोबारा क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है और उन्हें हिदायत दी गई है कि यदि वह दोबारा इस तरह का कृत्य करते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
वहीं दूसरा वीडियो एक श्रमिक ने वायरल किया. इस श्रमिक को गफलत में चौगान स्टेडियम में छोड़ दिया गया. जबकि यहां भिखारियों को रखा गया है. भिखारियों के बीच खुद को देख मजदूर अनिल कुमार डिप्रेशन में आ गया. संक्रमण फैलने से डर से उसने मदद मांगी, लेकिन बाहर नहीं निकल पाया. बाद में स्टेडियम की पार्किग में बने आश्रय स्थल और खुद की पीड़ा बताते हुए वीडियो प्रसारित कर दिया.
वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और तुरंत श्रमिक को चौगान स्टेडियम से शास्त्रीनगर स्थित खंडेलवाल समाज के सामुदायिक केन्द्र में रखवाया गया. यहां पर मजदूर की कांउसिंग की गई. इन दोनों ही वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन की भी घोर लापरवाही सामने आई है. जहां एक और प्रशासन ने 240 लोगों के क्वॉरेंटाइन सेंटर पर निगरानी के लिए महज 2 कॉन्स्टेबल नियुक्त कर रखे हैं. वहीं यहां की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.