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स्पेशल: कहानी एक ऐसे शख्स की...जो व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं के लिए कर रहे हैं काम

जयपुर के प्रतीक खंडेलवाल, जिन्होंने अपने जज्बे को बनाए रखते हुए न केवल अपने आप को सक्षम बनाया है. बल्कि उन्होंने अपने जैसे ही लाखों व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो. इसे लेकर रेस्टोरेंट स्टेडियम और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर रैंपिंग सुविधा प्रदान करने के लिए रैंप माय इंडिया की शुरुआत की है.

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व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं के लिए कर रहे हैं काम
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Published : Feb 18, 2020, 9:50 PM IST

जयपुर. साल 2014 में प्रतीक एक हादसे के दौरान शारीरिक रूप से अक्षम हो गए और रीड की हड्डी में चोट लगने के कारण व्हील चेयर पर चलने फिरने लगे. शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद भी प्रतीक ने जज्बा बनाए रखा. इस दौरान जब व्हील चेयर द्वारा वे किसी रेस्टोरेंट या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाते तो उन्हें लगता की रैंपिंग के बिना उन जैसे व्हील चेयर उपयोग में लेने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है.

व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं के लिए कर रहे हैं काम

ऐसे में प्रतीक ने मन में ठाना और रैंप माय इंडिया की शुरुआत की. प्रतीक ने बताया कि वे जयपुर के के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से बेंगलुरु में रह रहे हैं. ऐसे में जब उनके साथ हादसा हुआ तो उन्होंने इस शारीरिक चुनौती का सामना करने की ठानी और रैंप माय इंडिया फाउंडेशन की शुरुआत की.

यह भी पढ़ेंः स्पेशलः शहीदों को समर्पित एप, अब एक क्लिक में जान पाएंगे शहीद की वीरगाथा

इस फाउंडेशन के तहत प्रतीक बेंगलुरु में 30 से अधिक रेस्टोरेंट में रैंप तैयार करवा चुके हैं. ताकि व्हील चेयर पर चलने वाले शारीरिक अक्षम लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. ऐसे में अब वे जयपुर में भी इसकी शुरुआत कर रहे हैं और उन्होंने बताया कि जब कुछ रेस्टोरेंट्स ऑनर्स के साथ उन्होंने इस बारे में चर्चा की तो वे उनकी इस मुहिम से जुड़ने को तैयार हो गए.

जयपुर. साल 2014 में प्रतीक एक हादसे के दौरान शारीरिक रूप से अक्षम हो गए और रीड की हड्डी में चोट लगने के कारण व्हील चेयर पर चलने फिरने लगे. शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद भी प्रतीक ने जज्बा बनाए रखा. इस दौरान जब व्हील चेयर द्वारा वे किसी रेस्टोरेंट या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाते तो उन्हें लगता की रैंपिंग के बिना उन जैसे व्हील चेयर उपयोग में लेने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है.

व्हील चेयर उपयोगकर्ताओं के लिए कर रहे हैं काम

ऐसे में प्रतीक ने मन में ठाना और रैंप माय इंडिया की शुरुआत की. प्रतीक ने बताया कि वे जयपुर के के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से बेंगलुरु में रह रहे हैं. ऐसे में जब उनके साथ हादसा हुआ तो उन्होंने इस शारीरिक चुनौती का सामना करने की ठानी और रैंप माय इंडिया फाउंडेशन की शुरुआत की.

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इस फाउंडेशन के तहत प्रतीक बेंगलुरु में 30 से अधिक रेस्टोरेंट में रैंप तैयार करवा चुके हैं. ताकि व्हील चेयर पर चलने वाले शारीरिक अक्षम लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. ऐसे में अब वे जयपुर में भी इसकी शुरुआत कर रहे हैं और उन्होंने बताया कि जब कुछ रेस्टोरेंट्स ऑनर्स के साथ उन्होंने इस बारे में चर्चा की तो वे उनकी इस मुहिम से जुड़ने को तैयार हो गए.

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