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RAS बनने के लिए विवाहिता बनी विधवा, ऐसे खुला राज... - RAS बनने के लिए विवाहिता बनी विधवा

सीकर जिले की धोद नायब तहसीलदार रजनी यादव पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरएएस बनकर विधवा कोटे से सरकारी नौकरी पाने का मामला दर्ज करवाया है. आरोप के मुताबिक रजनी यादव वर्तमान में अपने पति बाबूलाल और बेटी के साथ ही रह रही है. जब परिवादी ने सूचना के अधिकार के तहत यह तमाम जानकारी हासिल की तब जाकर उसे फर्जीवाड़े का पता चला.

जयपुर न्यूज , Rajasthan News
जयपुर का मुरलीपुरा थाना
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Published : Oct 14, 2021, 12:39 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के मुरलीपुरा थाने में एक 73 वर्षीय वृद्ध ने सीकर जिले की धोद नायब तहसीलदार रजनी यादव पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरएएस बनकर विधवा कोटे से सरकारी नौकरी पाने का मामला दर्ज करवाया है. पीड़िता ने विवाहित होने के बावजूद विधवा कोटे से सरकारी नौकरी पाने का मामला दर्ज करवाया है. प्रकरण को लेकर रामलाल यादव ने शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके पुत्र लालचंद यादव की वर्ष 2016 में मृत्यु हो गई. जिसकी एक 12 वर्षीय बेटी है जो वर्तमान में परिवादी के पास रह रही है.

विधवा होने का झूठा शपथ पत्र देने का आरोप

परिवादी के पुत्र की मृत्यु हो जाने के बाद उनकी परिचित रजनी यादव ने धोखाधड़ी करते हुए मृतक लालचंद यादव का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया. साथ ही सरकारी नौकरी पाने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग के समक्ष खुद को लालचंद यादव की पत्नी व उसकी विधवा होने का झूठा शपथ पत्र देकर विधवा कोटे से सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली.इस बारे में जब परिवादी को भनक लगी तो जांच पड़ताल की गई. जिसमें यह बात निकलकर सामने आई की रजनी यादव की 2002 में बाबूलाल से शादी हुई थी. शादी के बाद दोनों की एक बेटी भी है. रजनी यादव वर्तमान में अपने पति बाबूलाल और बेटी के साथ ही रह रही है.

पढ़ें- रीट पेपर लीक मामला: भजनलाल बिश्नोई की तलाश में जालौर में SOG की दबिश

विधवा कोटे से नौकरी पाने के लिए रजनी यादव ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करते हुए खुद को परिवादी के पुत्र लालचंद की विधवा बनकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए. उन दस्तावेजों के आधार पर रजनी यादव ने आरएएस की परीक्षा देकर विधवा कोटे से नायब तहसीलदार की नौकरी हासिल की. जब परिवादी ने सूचना के अधिकार के तहत यह तमाम जानकारी हासिल की तब जाकर उसे फर्जीवाड़े का पता चला.

मुरलीपुरा थाने में रजनी यादव पर केस दर्ज

इसके बाद परिवादी ने मुरलीपुरा थाने पहुंच रजनी यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवानी चाही लेकिन पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद परिवादी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और न्यायालय के आदेश पर मुरलीपुरा थाने में रजनी यादव सहित चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 385, 386 और 120-बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है.

जयपुर. राजधानी जयपुर के मुरलीपुरा थाने में एक 73 वर्षीय वृद्ध ने सीकर जिले की धोद नायब तहसीलदार रजनी यादव पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरएएस बनकर विधवा कोटे से सरकारी नौकरी पाने का मामला दर्ज करवाया है. पीड़िता ने विवाहित होने के बावजूद विधवा कोटे से सरकारी नौकरी पाने का मामला दर्ज करवाया है. प्रकरण को लेकर रामलाल यादव ने शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके पुत्र लालचंद यादव की वर्ष 2016 में मृत्यु हो गई. जिसकी एक 12 वर्षीय बेटी है जो वर्तमान में परिवादी के पास रह रही है.

विधवा होने का झूठा शपथ पत्र देने का आरोप

परिवादी के पुत्र की मृत्यु हो जाने के बाद उनकी परिचित रजनी यादव ने धोखाधड़ी करते हुए मृतक लालचंद यादव का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया. साथ ही सरकारी नौकरी पाने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग के समक्ष खुद को लालचंद यादव की पत्नी व उसकी विधवा होने का झूठा शपथ पत्र देकर विधवा कोटे से सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली.इस बारे में जब परिवादी को भनक लगी तो जांच पड़ताल की गई. जिसमें यह बात निकलकर सामने आई की रजनी यादव की 2002 में बाबूलाल से शादी हुई थी. शादी के बाद दोनों की एक बेटी भी है. रजनी यादव वर्तमान में अपने पति बाबूलाल और बेटी के साथ ही रह रही है.

पढ़ें- रीट पेपर लीक मामला: भजनलाल बिश्नोई की तलाश में जालौर में SOG की दबिश

विधवा कोटे से नौकरी पाने के लिए रजनी यादव ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करते हुए खुद को परिवादी के पुत्र लालचंद की विधवा बनकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए. उन दस्तावेजों के आधार पर रजनी यादव ने आरएएस की परीक्षा देकर विधवा कोटे से नायब तहसीलदार की नौकरी हासिल की. जब परिवादी ने सूचना के अधिकार के तहत यह तमाम जानकारी हासिल की तब जाकर उसे फर्जीवाड़े का पता चला.

मुरलीपुरा थाने में रजनी यादव पर केस दर्ज

इसके बाद परिवादी ने मुरलीपुरा थाने पहुंच रजनी यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवानी चाही लेकिन पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद परिवादी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और न्यायालय के आदेश पर मुरलीपुरा थाने में रजनी यादव सहित चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 385, 386 और 120-बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है.

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