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'सरकार का इकबाल नष्ट हो गया है, राजस्थान में छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहे' : गहलोत - MLAS SUSPENSION ROW

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कई मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है.

जोधपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
जोधपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 22, 2025, 1:29 PM IST

जोधपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विधानसभा में सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया है, जिससे सदन नहीं चल सके. ऐसे ही हालत दिल्ली में केंद्र सरकार ने किए थे, जब 45 लोगों को निलंबित किया था. राजस्थान में 6 विधायकों को बिना किसी कारण के निलंबित कर दिया गया, जबकि होना उल्टा चाहिए. विपक्ष अगर कोई मुद्दा बनाता है तो सत्ता पक्ष का दायित्व होता है कि वह इस मुद्दे को शांत करें और सब को साथ लेकर चलें. सदन की कार्यवाही पूरी करने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है. शनिवार को जोधपुर आए अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उनके समय में शुरू की गई जनहित की योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया.

गहलोत ने कहा कि सत्ता पक्ष को चाहिए कि इस गतिरोध को तोड़ें, जिन विधायकों को निलंबित किया है उनका निलंबन वापस लें और सदन की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाएं. गहलोत ने दलितों के साथ प्रदेश में हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार और पुलिस दोनों का इकबाल खत्म हो गया है, जबकि पुलिस का इकबाल बुलंद होना चाहिए. सवाल जवाब के दौरान गहलोत सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा सरकार की ओर से निरस्त नहीं करने के सवाल पर जवाब देने से बचते रहे. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान केंद्र सरकार ने पेपर लीक का मुद्दा बनाया था, जिसके चलते हमारी सरकार चली गई.

पढ़ें. इंदिरा गांधी पर टिप्पणी और विधायकों के निलंबन पर भड़के गहलोत, कहा- यह विफलता छुपाने का तरीका

सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो रहा : उन्होंने कहा कि दलितों को घोड़ी से उतार कर रोका जा रहा है. फिर बाद में सपा को खड़े रहकर शादी करवानी पड़ रही है, जो दर्शाता है कि सरकार और पुलिस का इकबाल कमजोर हो गया है. जोधपुर सहित प्रदेश में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसा पहले नहीं होता था. जनता के अंदर भी भय खत्म हो रहा है.

बजट में जोधपुर नहीं, हमारी घोषणाओं का जायजा लूंगा : बजट में जोधपुर को प्राथमिकता नहीं मिलने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि अब जोधपुर का नाम बजट मैनेजर में नहीं आएगा. जो घोषणाएं उन्होंने जोधपुर के लिए कर रखी हैं, उनका जायजा लेने के लिए वो लगातार जोधपुर आएंगे. बड़े-बड़े संस्थान बने हैं, उनका काम कितना चल रहा है, इन सबको देखेंगे. प्रयास करके सरकार से यह काम पूरे करवाए जाएंगे.

पढ़ें. गहलोत बोले- यूपी की तर्ज पर राजस्थान सरकार स्थानीय बोलियों के साथ राजस्थानी भाषा को दे आधिकारिक मान्यता

एसआई भर्ती निरस्त करने पर बोलने से बचे : अशोक गहलोत से पूछा गया कि सरकार हाईकोर्ट के कहने के बाद भी सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पर निर्णय नहीं ले पा रही है. इस पर गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार को प्रधानमंत्री सहित सभी नेताओं ने पेपर लीक मामले में बदनाम किया, जिसकी वजह से हमारी सरकार चली गई. पेपर लीक सभी जगह होते रहे. जब उनसे फिर पूछा गया कि सरकार सब इंस्पेक्टर भर्ती पर निर्णय नहीं ले पा रही है तो वह बिना जवाब दिए निकल गए.

जोधपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विधानसभा में सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया है, जिससे सदन नहीं चल सके. ऐसे ही हालत दिल्ली में केंद्र सरकार ने किए थे, जब 45 लोगों को निलंबित किया था. राजस्थान में 6 विधायकों को बिना किसी कारण के निलंबित कर दिया गया, जबकि होना उल्टा चाहिए. विपक्ष अगर कोई मुद्दा बनाता है तो सत्ता पक्ष का दायित्व होता है कि वह इस मुद्दे को शांत करें और सब को साथ लेकर चलें. सदन की कार्यवाही पूरी करने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है. शनिवार को जोधपुर आए अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उनके समय में शुरू की गई जनहित की योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया.

गहलोत ने कहा कि सत्ता पक्ष को चाहिए कि इस गतिरोध को तोड़ें, जिन विधायकों को निलंबित किया है उनका निलंबन वापस लें और सदन की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाएं. गहलोत ने दलितों के साथ प्रदेश में हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार और पुलिस दोनों का इकबाल खत्म हो गया है, जबकि पुलिस का इकबाल बुलंद होना चाहिए. सवाल जवाब के दौरान गहलोत सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा सरकार की ओर से निरस्त नहीं करने के सवाल पर जवाब देने से बचते रहे. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान केंद्र सरकार ने पेपर लीक का मुद्दा बनाया था, जिसके चलते हमारी सरकार चली गई.

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सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो रहा : उन्होंने कहा कि दलितों को घोड़ी से उतार कर रोका जा रहा है. फिर बाद में सपा को खड़े रहकर शादी करवानी पड़ रही है, जो दर्शाता है कि सरकार और पुलिस का इकबाल कमजोर हो गया है. जोधपुर सहित प्रदेश में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसा पहले नहीं होता था. जनता के अंदर भी भय खत्म हो रहा है.

बजट में जोधपुर नहीं, हमारी घोषणाओं का जायजा लूंगा : बजट में जोधपुर को प्राथमिकता नहीं मिलने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि अब जोधपुर का नाम बजट मैनेजर में नहीं आएगा. जो घोषणाएं उन्होंने जोधपुर के लिए कर रखी हैं, उनका जायजा लेने के लिए वो लगातार जोधपुर आएंगे. बड़े-बड़े संस्थान बने हैं, उनका काम कितना चल रहा है, इन सबको देखेंगे. प्रयास करके सरकार से यह काम पूरे करवाए जाएंगे.

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एसआई भर्ती निरस्त करने पर बोलने से बचे : अशोक गहलोत से पूछा गया कि सरकार हाईकोर्ट के कहने के बाद भी सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पर निर्णय नहीं ले पा रही है. इस पर गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार को प्रधानमंत्री सहित सभी नेताओं ने पेपर लीक मामले में बदनाम किया, जिसकी वजह से हमारी सरकार चली गई. पेपर लीक सभी जगह होते रहे. जब उनसे फिर पूछा गया कि सरकार सब इंस्पेक्टर भर्ती पर निर्णय नहीं ले पा रही है तो वह बिना जवाब दिए निकल गए.

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