जयपुर. कोरोना वायरस से निपटने और संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन के निर्देश जारी कर रखे हैं. लॉक डाउन का सीधा सा अर्थ है तालाबंदी. राजधानी में सोमवार को इसी तालाबंदी के चलते बाजार, मॉल, पर्यटन स्थल, सिनेमाघर सभी बंद रहे और लोग जनता कर्फ्यू के बाद एक बार फिर घरों में ही कैद रहे.
ऐसे में लोगों की दिनचर्या भी पूरी तरह बदल सी गई. व्यवसायी हो या नौकरी पेशा, गृहणी हो या छात्र लॉक डाउन में हर एक की दिनचर्या प्रभावित हुई. यही जानने के लिए ईटीवी भारत परकोटा के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में रहने वाले एक संयुक्त परिवार में पहुंचा.
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यहां रावत फैमिली के मुखिया ने बताया कि सरकार के निर्देश और कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते उनका पूरा परिवार घर में ही मौजूद है. अपनी दिनचर्या को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि सुबह रोजमर्रा के काम के बाद टेलीविजन उनका सहारा बना. पहले न्यूज़ चैनल और फिर मूवी देखकर वो और उनके भाई अपना टाइम स्पेंट कर रहे हैं. आगामी दिनों में नवरात्र के पूजा पाठ में समय देंगे.
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वहीं गृहिणियों की दिनचर्या में कुछ खास बदलाव नजर नहीं आया. हालांकि वो खुश इसलिए थीं, क्योंकि पूरा परिवार एक साथ समय व्यतीत कर रहा है और घर में बच्चों और पुरुषों की मौजूदगी के चलते उनकी फरमाइश पर कुछ ना कुछ खाने के लिए बनाना पड़ रहा है. महिलाओं ने अब नवरात्र और गणगौर की भी तैयारी शुरू कर दी है. इस दौरान घर के बच्चे कुछ बच्चों की परीक्षा स्थगित होने के चलते वो अपनी प्रिपरेशन करते दिखे. जिन बच्चों की परीक्षा संपन्न हो चुकी है, वो इस समय का आनंद लेने के लिए आपस में इंडोर गेम्स खेलने में व्यस्त रहें.
इस दौरान कुछ बच्चों ने पतंगबाजी का भी लुत्फ उठाया. लेकिन कहीं न कहीं ये पूरा संयुक्त परिवार देश हित में घर में ही कैद रहा और लॉक डाउन का भी पूरा समर्थन किया. कोरोना के संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए ईटीवी भारत इसी तरह सहयोग करने की अपील करता है.