जयपुर. स्कूल की एनओसी रद्द होने पर 19 जुलाई को अभिभावकों और स्कूल शिक्षा परिवार ने विभाग के आदेश को लेकर प्रदर्शन किया. इसके बाद मंगलवार को उच्च न्यायालय ने विभाग के आदेश पर स्टे दे दिया है.
ये था मामला?
दरअसल, पिछले साल विद्याधर नगर के जयपुर स्कूल में फीस बढ़ोतरी का कई अभिभावकों ने विरोध किया था. तब से ही उनके बच्चों को स्कूल में परेशान किया जा रहा था. अभिभावकों ने इसकी शिकायत बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कार्यालय में भी की. लेकिन कोई राहत नहीं मिली थी. वहीं सत्र समाप्त होते ही स्कूल प्रशासन ने उनको धमकी भरा नोटिस थमाते हुए बच्चों को ट्रोजन हॉर्स की संज्ञा देते हुए उनको बाहर निकाल दिया था.
अभिभावक अभिषेक कुमार त्रिवेदी ने राज्य बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की थी कि उनकी पुत्री को शैक्षणिक शुल्क बकाया होने पर साथ ही छात्रा को ट्रोजन हॉर्स जैसे शब्द का इस्तेमाल कर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. शिकायत की 25 मार्च को जांच कराई गई तो सामने आया की विद्यालय प्रशासन ने शिकायतकर्ता के प्रति प्रतिशोधात्मक रवैया रखते हैं. इससे छात्रा की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है.
आयोग ने स्कूल प्रबंधन को कहा था कि इस मामले में स्पष्टीकरण समुचित तथ्यात्मक अभिलेखों सहित निदेशक माध्यमिक शिक्षा के समक्ष 16 जुलाई को सुबह 11 बजे उपस्थिति दें. साथ ही चेतावनी दी गई थी कि इस मामले पर लापरवाही बरतने पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 नियम 1993 की अवहेलना करने पर संस्था के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसी समय शिकायतकर्ता को भी अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थिति देनी होगी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद विद्याधर नगर स्थित जयपुर स्कूल की मान्यता को एक साल के लिए रद्द कर दिया गया था.