जयपुर. किसानों की खड़ी फसलें और काट के रखी गई फसलें खराब होने की कगार तक पहुंच गईं, लेकिन खराब होती फसलों को चाहकर भी ये अन्नदाता मंडियों तक नहीं जा सकता. क्योंकि देश में चल रहा है लॉक डाउन. बेमौसम बरसात से परेशान किसानों के बीच पहुंची etv भारत की टीम और जाना उनका दर्द.
खेतों में कटी पड़ी है फसल, गेहूं चने को सबसे ज्यादा नुकसान...
बेमौसम बरसात से सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और चने की फसल को हुई है. कई खेतों में गेहूं की फसल किसानों ने काट ली, लेकिन इन फसलों में से गेहूं अलग करने के लिए जो मशीनें चाहिए वो लॉक डाउन के चलते खेतों तक नहीं पहुंच पाई. जिसके चलते कटी हुई फसल खेतों में ही रही और फिर बरसात ने इन फसलों को भिगो दिया. इससे गेहूं का दाना खराब होने की संभावना है, कुछ दाना काला भी पड़ सकता है. हनुमान चने की फसल का भी यही हाल है.
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खड़ी फसलों को भी नुकसान...
केवल कटी हुई फसलों को ही नहीं, बल्कि जौ गेहूं और चने की फसल पककर तैयार है. लेकिन किसानों ने उसे अब तक काटा नहीं. वह भी इस बरसात के चलते प्रभावित हुई है. किसानों की माने तो खड़ी फसल का दाना भी इस बरसात में खराब होने की संभावना ज्यादा है.
मंडी खुली भी तो कैसे पहुंचेगा अनाज, बड़ा सवाल...
किसानों की एक परेशानी ई समाधान के लिए 2 दिन बाद मंडियां खुलने के आसार हैं. इस संबंध में प्रदेश सरकार ने भी निर्देश दिए हैं, जिसके बाद मंडियों में सेनिटाइजर से सफाई कार्य शुरू कर दी गई है. लेकिन किसानों के लिए अभी अपनी फसल को मंडियों तक ले जाना एक बड़ी चुनौती का काम है, वो इसलिए क्योंकि कटी हुई फसलों में से अनाज निकालने के लिए संबंधित उपकरण अब तक खेतों में नहीं पहुंचे हैं. ये उपकरण बाहरी राज्यों या अन्य जिलों से ही आएंगे.
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मतलब मंडिया खुली भी तो सभी किसानों को इसका फायदा नहीं मिलेगा. केवल उन्हीं किसानों को फायदा मिलेगा, जिनके पास फसल से अनाज निकालने की मशीन भी है.