जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में चल रहा जयपुर संभाग के फीडबैक कार्यक्रम में गुरुवार को जयपुर के विधायकों और नेताओं ने प्रभारी महासचिव अजय माकन के सामने खरी-खरी बातें रख दी. ज्यादातर नेताओं ने कार्यकर्ता के काम करने और जल्द से जल्द संगठन के पुनर्गठन की मांग प्रभारी के सामने रखी. माकन के सामने नेताओं ने क्या कहा आप भी जानिए...
किशनपोल से विधायक अमीन कागजी ने प्रभारी अजय माकन के सामने जयपुर नगर निगम को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं विधायक हूं, लेकिन एमएलए के होने के बावजूद निगम प्रशासन मेरी ही नहीं सुनता. यहां तक कि सीईओ बिना मेरी जानकारी के बैठक बुला लेते हैं. अगर यही हाल रहा तो निगम के चुनाव में जीतना मुश्किल हो जाएगा.
अमीन कागजी, विधायक
बगरू से विधायक गंगा देवी ने कहा कि ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं. बड़े और वरिष्ठ नेता तो काम कराने में सक्षम होते हैं, लेकिन जब तक छोटे कार्यकर्ताओं का काम नहीं होगा तो फिर पार्टी कैसे मजबूत होगी.
गंगा देवी, विधायक
विद्याधर नगर विधानसभा से चुनाव लड़े सीताराम अग्रवाल ने कहा कि कार्यकर्ताओं के काम नहीं होंगे, तो फिर कैसे काम चलेगा.
सीताराम अग्रवाल
कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा ने अजय माकन के सामने सवाल उठाते हुए कहा कि जयपुर जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी इतनी बड़ी नहीं होनी चाहिए. इससे हमें ब्लॉक स्तर पर काम करने के लिए नेता भी नहीं मिलते तो वहीं उन्होंने कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने की भी बात कही.
अर्चना शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता
पढ़ें- जयपुर : माकन का फीडबैक कार्यक्रम शुरू, नहीं पहुंचे कई बड़े नेता
कांग्रेस नेता गिरिराज गर्ग ने कहा कि राजस्थान में बीते 2 सालों से सत्ता और संगठन के बीच तालमेल नहीं था. सरकार काम कर रही थी लेकिन संगठन ने उसे कोई सहयोग नहीं दिया. अब जल्द से जल्द संगठन का पुनर्गठन होना चाहिए और ऐसे नेताओं को मौका मिलना चाहिए जो सत्ता और संगठन में तालमेल बनाकर चले. अगर सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं बना तो फिर से सरकार आना मुश्किल होगा.
गिरिराज गर्ग
कांग्रेस नेता केके हरितवाल ने कहा कि सिर्फ एमएलए और विधानसभा में चुनाव लड़े प्रत्याशियों की चल रही है. मंत्री उन्हीं की डिजाइन पर काम करते हैं. हमारे कांग्रेस नेता होने के बावजूद भी मंत्री फोन तक नहीं उठाते जिन्होंने हमारे कहने पर कांग्रेस को वोट दिया उन्हें हम क्या जवाब दें.
केके हरितवाल
इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस नेता सुशील शर्मा को यह सुझाव देना महंगा पड़ा कि मौजूदा प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को बहाल कर दिया जाए. इस सुझाव पर अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह फैसला आलाकमान का है. क्या आप आलाकमान से ऊपर हैं. इसके बाद उन्हें बैठा दिया गया.
सुशील शर्मा