जयपुर. नागौर के पांचौड़ी थाना इलाके में दलित युवकों के साथ हुए अमानवीय कृत्य के बाद सियासी उबाल लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी एक जांच कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट उन्हें मिल चुकी है. जांच कमेटी ने अपनी पूरी रिपोर्ट को बंद लिफाफे में सौंपा है.
वहीं, प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं की माने तो जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस मामले में पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार माना है. सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर समय रहते पुलिस इस मामले को हैंडल कर लेती और आरोपियों के खिलाफ तुरंत एक्शन ले लेती तो मामला इतना नहीं बिगड़ता.
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गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को रिपोर्ट सौंपने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की जांच कमेटी ने सोमवार को विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से मुलाकात कर उन्हें भी इस मामले में अवगत करवाया. खास बात यह है कि इसमें एसपी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया गया है. जिस पर कार्रवाई के लिए प्रदेश की भाजपा और आरएलपी पार्टी लगातार कहती नजर आ रही है. अब इस रिपोर्ट के आने के बाद माना जा रहा है की इस मामले में कई और पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है. क्योंकि यह रिपोर्ट सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के पास दिल्ली पहुंचाएंगे.
दरअसल नागौर के पांचौड़ी थाना इलाके में दलित युवकों के साथ अमानवीय कृत्य मामले की गूंज देश भर में होने के बाद कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर सचिन पायलट ने संगठन स्तर पर इसकी जांच करने के लिए संगठन महामंत्री महेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल और विधायक हरीश मीणा की एक कमेटी बनाई थी. कमेटी ने 2 दिन तक नागौर में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और अब यह रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को सौंपी गई है.