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नारी शक्ति के हाथ में कमान, लॉकडाउन के दौरान जयपुर में महिला अधिकारियों को सौंपी गई अहम जिम्मेदारियां - अधिकारियों को जिम्मेदारियां

कोरोना वायरस की आपदा से निपटने के दौरान जयपुर में महिला अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई है. एसडीएम नार्थ ओम प्रभा, आरएएस अधिकारी आशु चौधरी, आरएएस अधिकारी देवयानी, सहायक कलेक्टर श्यामा राठौड़ और मनीषा लेखा, एसीएम आमेर प्रथम हर दिन कोरोना वायरस को हराने के लिए नई लड़ाई शुरू करती हैं.

कोरोना वायरस, women officers
जयपुर में महिला अधिकारियों को सौंपी गई अहम जिम्मेदारियां
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Published : Mar 28, 2020, 11:29 AM IST

जयपुर. पूरे देश और दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हाहाकार मचा हुआ है. देश और प्रदेश की सरकारें कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में लगी हुई हैं. जिला प्रशासन भी इसे रोकने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है. सभी अधिकारी और कर्मचारी मिलकर काम कर रहे हैं. वहीं, इस कोरोना वायरस की आपदा से निपटने के दौरान जयपुर जिला प्रशासन ने कुछ महिला अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां सौंप दी है. इस आपदा से निपटने में ये महिला शक्ति तारणहार का काम करेंगी.

जयपुर में महिला अधिकारियों को सौंपी गई अहम जिम्मेदारियां

एसडीएम नार्थ ओम प्रभा, आरएएस अधिकारी आशु चौधरी, आरएएस अधिकारी देवयानी, सहायक कलेक्टर श्यामा राठौड़ और मनीषा लेखा, एसीएम आमेर प्रथम हर दिन कोरोना वायरस को हराने के लिए नई लड़ाई शुरू करती हैं. ये महिला अधिकारी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी पीछे छोड़ कर इस प्रयास में जुटी है. सभी महिला अफसर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निभा रही हैं.

पढ़ें: डूंगरपुर से बड़ी खबर: इंदौर से लौटे पिता-पुत्र कोरोना पॉजिटिव, राजस्थान-गुजरात की सीमा सील

इन सभी महिला अधिकारियों का कहना है कि हम लोग कोरोना जैसी आपदा से निपटने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इस आपदा से पार पा लेंगे. इस काम में उन्होंने जनता से भी मदद मांगी है. उन्होंने अपील की है कि लोग लॉकडाउन के दौरान घर पर ही रहें, जिससे सुरक्षित रह सकें.

जनता की समस्याओं का समाधान कर रही एसडीएम नार्थ ओम प्रभा
पूरे जिले में लॉकडाउन को लेकर जनता की समस्या के जल्द समाधान के लिए जिला कलेक्ट्रेट में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. इस कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी एसडीएम नार्थ ओम प्रभा को दी गई है. ओम प्रभा एक शिफ्ट में कंट्रोल रूम का पूरा काम संभालती है और लोगों की समस्याओं को सुनकर संबंधित थाने और अधिकारियों को दिशा निर्देश देती हैं. उनकी प्राथमिकता रहती है कि लॉक डाउन में जनता को किसी भी तरह की समस्या नहीं हो. कंट्रोल रूम में प्रतिदिन 250 से ज्यादा शिकायतें आती हैं, जिनका समाधान ओम प्रभा के नेतृत्व में रोजाना किया जा रहा है. ओम प्रभा ने जनता से अपील की है कि वो बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं. लेकिन, जनता घर पर ही रह कर इस लड़ाई को जीतने में मदद करें.

आरएएस अधिकारी आशु चौधरी को मिली फल सब्जी जनता तक पहुंचाने का जिम्मा

जयपुर में लॉकडाउन के दौरान जनता को दैनिक उपयोग में काम आने वाली फल सब्जी को लेकर किसी तरह की समस्या ना हो, इसकी अहम जिम्मेदारी आरएएस अधिकारी आशु चौधरी को दी गई है. उनको शहर की मुहाना मंडी का प्रशासक बनाया गया है. चाहे व्यक्ति अमीर हो या गरीब मजदूर हो या कमजोर वर्ग का, उसे फल सब्जी दैनिक कार्य के लिए आवश्यकता रहती है. आशु चौधरी का कहना है कि व्यापारियों और छोटे दुकानदारों के बीच समन्वय बैठा कर काम किया जा रहा है. सब्जी-फल की आवक बनी रहे इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही रोज मॉनिटरिंग की जा रही है.

आरएएस अधिकारी देवयानी को नियुक्त किया गया 6 थाना क्षेत्रों का मजिस्ट्रेट

जयपुर में लॉकडाउन के दौरान महिला अफसर देवयानी को शहर में छह थाना इलाकों में मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है. इन थाना क्षेत्रों में लॉकडाउन की पालना और जनता को किसी भी तरह की समस्या नहीं हो, इसकी मॉनिटरिंग उन्हीं के जिम्मे है. दिहाड़ी मजदूर से लेकर जरूरतमंद भूखा नहीं सोए, इसके लिए खाने का इंतजाम भी उनके द्वारा कराया जाता है. राशन से लेकर दवाई तक की दुकान खुली रहे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. जिन लोगों को क्वारंटाइन में रखा है, उसकी पालना हो रही है या नहीं, इसकी भी मॉनिटरिंग उनके द्वारा की जा रही है.

सहायक कलेक्टर श्यामा राठौड़ को मिली खाद्य सामग्री वितरण की जिम्मेदारी

प्रशासन की ओर से शहर में खाने के पैकेट सप्लाई किए जा रहे हैं और उसकी देखरेख का जिम्मा सहायक कलेक्टर श्यामा राठौड़ को दिया गया है. खाने के पैकेट का इंतजाम कहां से करना है. जनता तक कैसे पहुंचे. ये सब श्यामा राठौड़ देख रही हैं. दानदाताओं को ढूंढने का जिम्मा भी उन्हीं के हाथों में है. दानदाताओं को जिला प्रशासन के साथ मिलकर जनता के बीच पहुंचा रहे हैं.

एसीएम (आमेर प्रथम) मनीषा लेखा को मिली सुभाष चौक और माणक चौक का जिम्मेदारी

सुभाष चौक और माणक चौक इलाके का जिम्मा एसीएम आमेर प्रथम मनीषा लेखा को दिया गया है. पुलिस के साथ मिलकर जनता के बीच का जाकर समस्याओं को जाने का काम करती है. उसका समाधान भी किया जाता है. किसी को कोई दिक्कत आ रही है तो उसकी सुनवाई की जा रही है. कहीं राशन, दूध और सब्जी की कमी नहीं है. इसको भी मनीष लेखा ही देख रही है.

जयपुर. पूरे देश और दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हाहाकार मचा हुआ है. देश और प्रदेश की सरकारें कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में लगी हुई हैं. जिला प्रशासन भी इसे रोकने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है. सभी अधिकारी और कर्मचारी मिलकर काम कर रहे हैं. वहीं, इस कोरोना वायरस की आपदा से निपटने के दौरान जयपुर जिला प्रशासन ने कुछ महिला अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां सौंप दी है. इस आपदा से निपटने में ये महिला शक्ति तारणहार का काम करेंगी.

जयपुर में महिला अधिकारियों को सौंपी गई अहम जिम्मेदारियां

एसडीएम नार्थ ओम प्रभा, आरएएस अधिकारी आशु चौधरी, आरएएस अधिकारी देवयानी, सहायक कलेक्टर श्यामा राठौड़ और मनीषा लेखा, एसीएम आमेर प्रथम हर दिन कोरोना वायरस को हराने के लिए नई लड़ाई शुरू करती हैं. ये महिला अधिकारी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी पीछे छोड़ कर इस प्रयास में जुटी है. सभी महिला अफसर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निभा रही हैं.

पढ़ें: डूंगरपुर से बड़ी खबर: इंदौर से लौटे पिता-पुत्र कोरोना पॉजिटिव, राजस्थान-गुजरात की सीमा सील

इन सभी महिला अधिकारियों का कहना है कि हम लोग कोरोना जैसी आपदा से निपटने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इस आपदा से पार पा लेंगे. इस काम में उन्होंने जनता से भी मदद मांगी है. उन्होंने अपील की है कि लोग लॉकडाउन के दौरान घर पर ही रहें, जिससे सुरक्षित रह सकें.

जनता की समस्याओं का समाधान कर रही एसडीएम नार्थ ओम प्रभा
पूरे जिले में लॉकडाउन को लेकर जनता की समस्या के जल्द समाधान के लिए जिला कलेक्ट्रेट में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. इस कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी एसडीएम नार्थ ओम प्रभा को दी गई है. ओम प्रभा एक शिफ्ट में कंट्रोल रूम का पूरा काम संभालती है और लोगों की समस्याओं को सुनकर संबंधित थाने और अधिकारियों को दिशा निर्देश देती हैं. उनकी प्राथमिकता रहती है कि लॉक डाउन में जनता को किसी भी तरह की समस्या नहीं हो. कंट्रोल रूम में प्रतिदिन 250 से ज्यादा शिकायतें आती हैं, जिनका समाधान ओम प्रभा के नेतृत्व में रोजाना किया जा रहा है. ओम प्रभा ने जनता से अपील की है कि वो बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं. लेकिन, जनता घर पर ही रह कर इस लड़ाई को जीतने में मदद करें.

आरएएस अधिकारी आशु चौधरी को मिली फल सब्जी जनता तक पहुंचाने का जिम्मा

जयपुर में लॉकडाउन के दौरान जनता को दैनिक उपयोग में काम आने वाली फल सब्जी को लेकर किसी तरह की समस्या ना हो, इसकी अहम जिम्मेदारी आरएएस अधिकारी आशु चौधरी को दी गई है. उनको शहर की मुहाना मंडी का प्रशासक बनाया गया है. चाहे व्यक्ति अमीर हो या गरीब मजदूर हो या कमजोर वर्ग का, उसे फल सब्जी दैनिक कार्य के लिए आवश्यकता रहती है. आशु चौधरी का कहना है कि व्यापारियों और छोटे दुकानदारों के बीच समन्वय बैठा कर काम किया जा रहा है. सब्जी-फल की आवक बनी रहे इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही रोज मॉनिटरिंग की जा रही है.

आरएएस अधिकारी देवयानी को नियुक्त किया गया 6 थाना क्षेत्रों का मजिस्ट्रेट

जयपुर में लॉकडाउन के दौरान महिला अफसर देवयानी को शहर में छह थाना इलाकों में मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है. इन थाना क्षेत्रों में लॉकडाउन की पालना और जनता को किसी भी तरह की समस्या नहीं हो, इसकी मॉनिटरिंग उन्हीं के जिम्मे है. दिहाड़ी मजदूर से लेकर जरूरतमंद भूखा नहीं सोए, इसके लिए खाने का इंतजाम भी उनके द्वारा कराया जाता है. राशन से लेकर दवाई तक की दुकान खुली रहे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. जिन लोगों को क्वारंटाइन में रखा है, उसकी पालना हो रही है या नहीं, इसकी भी मॉनिटरिंग उनके द्वारा की जा रही है.

सहायक कलेक्टर श्यामा राठौड़ को मिली खाद्य सामग्री वितरण की जिम्मेदारी

प्रशासन की ओर से शहर में खाने के पैकेट सप्लाई किए जा रहे हैं और उसकी देखरेख का जिम्मा सहायक कलेक्टर श्यामा राठौड़ को दिया गया है. खाने के पैकेट का इंतजाम कहां से करना है. जनता तक कैसे पहुंचे. ये सब श्यामा राठौड़ देख रही हैं. दानदाताओं को ढूंढने का जिम्मा भी उन्हीं के हाथों में है. दानदाताओं को जिला प्रशासन के साथ मिलकर जनता के बीच पहुंचा रहे हैं.

एसीएम (आमेर प्रथम) मनीषा लेखा को मिली सुभाष चौक और माणक चौक का जिम्मेदारी

सुभाष चौक और माणक चौक इलाके का जिम्मा एसीएम आमेर प्रथम मनीषा लेखा को दिया गया है. पुलिस के साथ मिलकर जनता के बीच का जाकर समस्याओं को जाने का काम करती है. उसका समाधान भी किया जाता है. किसी को कोई दिक्कत आ रही है तो उसकी सुनवाई की जा रही है. कहीं राशन, दूध और सब्जी की कमी नहीं है. इसको भी मनीष लेखा ही देख रही है.

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