जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को विधानसभा में बजट पेश किया और इस बजट में पेयजल को लेकर भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं मुख्यमंत्री की ओर से की गई है. वहीं दूसरी ओर जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा है कि जब तक केंद्र सरकार से जल जीवन मिशन के लिए 90 फीसदी पैसा नहीं मिलेगा तब तक योजना की क्रियान्विति नहीं हो पाएगी.
बजट पेश करने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि 2013 से पहले केंद्र की ओर से राजस्थान को पेयजल योजनाओं के लिए 90 फीसदी अनुदान मिलता था. लेकिन, वर्तमान सरकार ने अनुदान घटाकर 50 फीसदी कर दिया है. मुख्यमंत्री भी कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं.
कल्ला ने कहा कि केंद्र शासित राज्यों, पहाड़ी, बर्फ और पानी वाले राज्यों को 90 फीसदी अनुदान दिया जाता है. राजस्थान में भी रेगिस्तान है, अरावली की पहाड़ियां है उस हिसाब से राजस्थान को भी जल जीवन मिशन के लिए 90 फीसदी अनुदान मिलना चाहिए.
पढ़ेंः जोधपुरः पुलिस ने खेत में दबिश देकर अफीम के 355 पौधे नष्ट किए
कल्ला ने साफ कर दिया है कि यदि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश को 90 फीसदी अनुदान नहीं मिलेगा, तब तक जल जीवन मिशन योजना की क्रियान्विति प्रदेश में नहीं हों पायेगी. मंत्री कल्ला ने कहा कि आने वाली गर्मी के दिनों के लिए हमने जिला स्तर पर कंटीजेंसी प्लान बनाया है. हमारे पास बीसलपुर और जवाई बांध में भी पर्याप्त पानी है, इसलिए गर्मी में कोई परेशानी नहीं होगी.
बजट में पेयजल को लेकर की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं-
- जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए वर्ष 2020-21 में कुल 8 हजार 794 करोड़ 51 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
- 500 जनता जल योजनाओं के माध्यम से एक लाख घरों को पेयजल से लाभान्वित करने के लिए कुल 750 करोड़ के पुनर्गठन कार्य किये जायेंगे
- वर्ष 2020-21 में 250 गांव में नल से हर घर में पेयजल आपूर्ति की योजनाओं के कुल 625 करोड रुपए की लागत की कार्य हाथ में लिए जाएंगे.
- ग्रामीण परिवारों को घर में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 16 जिलों की 30 परियोजनाओं के कार्य शुरू की जाएंगे, इससे 9 लाख परिवारों को फायदा होगा और इस पर करीब 1350 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
- जयपुर शहर के लिए पेयजल वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा और इस पर 165 करोड़ रुपये खर्च होंगे.