जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि गुड गवर्नेंस गहलोत सरकार की प्राथमिकता है, इसके लिए सभी कलेक्टरों और सचिवों को प्रयास करना चाहिए. मुख्यमंत्री का गुड गवर्नेंस पर प्रयास सराहनीय है. इसके साथ ही ई-फाइल ट्रैकिंग सिस्टम अभी प्रक्रियाधीन है. उन्होंने कहा कि सिस्टम लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमजन को रहत देने और समस्याओं के समाधान में तेजी लाने के लिए लगातार जिला कलेक्टर और विभागीय अधिकारीयों के साथ वीसी के जरिए संवाद कर रहे हैं. सरकार की मंशा है कि कुछ इस तरह का सिस्टम विकसित हो जो आमजन को ज्यादा ज्यादा से राहत दें और उनकी परेशानियों को कम करे. यही वजह है कि इसके लिए ई-फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू करने पर लगातार जोर दिया जा रहा है.
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों को ई-फाइल ट्रेकिंग सिस्टम पर अधिक से अधिक काम करने के लिए आदेश भी जारी किए हैं. निरंजन आर्य ने कहा कि सरकार का गुड गवर्नेंस पर फोकस है और इसके लिए सभी कलेक्टरों और विभागों के सचिवों को काम करना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुड गवर्नेंस पर प्रयास सराहनीय है.
मुख्य सचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ई-फाइल ट्रैकिंग सिस्टम अभी राज्य में प्रक्रियाधीन है. सिस्टम लागू होने से आमजन को राहत मिलेगी. सिस्टम लागू होने से लोगों को आसानी से फाइल के मूवमेंट की जानकारी मिल जाएगी. सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
दरअसल, फाइल ट्रेकिंग सिस्टम को लागू करने के दावों के बावजूद अभी सरकारी विभागों में फाइल को ट्रैक करने की पुख्ता व्यवस्था नहीं हो पाई है. ऐसे में सीएस निरंजन आर्य ने ई-फाइल ट्रैकिंग सिस्टम को हर विभाग में 100 फीसदी लागू करने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ें- जयपुर की एक और अजमेर की 9 ग्राम पंचायतों में मतदान कल, 54 हजार से ज्यादा मतदाता करेंगे मतदान
ई-फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू से किस काम की फाइल सरकारी विभाग में किस जगह है, इसे ऑनलाइन देखकर बताया जा सकता है. संबंधित फाइल में क्या प्रगति हुई है उसकी अपडेट जानकारी ऑनलाइन मिलेगी. पत्रावलियों के मूवमेंट को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा. राजकीय कार्यालयों में फाइलों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो सकेगा.
इसके साथ ही ट्रेकिंग से फाइल डिस्पोजल या काम पूरा होने में देरी होती है तो तुरंत उच्चाधिकारियों के निर्देश के जरिए मूवमेंट तेज किया जा सकता है और फाइल से जुड़े काम को अंजाम दिया जा सकता है. दरअसल, इसके जरिए आम जनता से जुड़ी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को मिलने का मेंडेट पूरा हो सकेगा. वहीं, आम जनता से जुड़े छोटे से बड़े कामों की दिक्कत दूर होगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी.