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जयपुर: राजस्थान का सियासी असर अब मध्य प्रदेश चुनाव पर भी...जानें - etvbharat hindi news

राजस्थान में चले सियासी महासंग्राम का असर अब मध्य प्रदेश के चुनाव में देखने को मिल रहा है. जहां पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हैं, जिनमें लिखा है, 'प्रदेश अध्यक्ष बनाकर दिन-रात मेहनत करवाई, सरकार बनी तो मुख्यमंत्री गहलोत को बनाया और हक, अधिकार मांगा तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का पद छीन लिया, नकारा, निकम्मा कहा और स्वाभिमानी गुर्जर समाज का वोट चाहिए'.

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राजस्थान का सियासी असर मध्य प्रदेश चुनाव पर
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Published : Sep 29, 2020, 3:53 PM IST

जयपुर. 14 जुलाई को अपने और अपने सहयोगी मंत्रियों विधायकों के पदों को गंवा चुके प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भले ही अब कांग्रेस पार्टी में वापसी कर चुके हैं, लेकिन अब भी उन्हें और उनके साथियों को इंतजार है अपने सम्मान की वापसी का, जो राजस्थान में चले सियासी महासंग्राम के चलते उन्हें गंवाना पड़ा था. पायलट कैंप के विधायकों के नाराजगी के चलते एआईसीसी की 3 सदस्य कमेटी बन चुकी है और उसकी एक मीटिंग भी हो चुकी है.

राजस्थान का सियासी असर मध्य प्रदेश चुनाव पर

हालांकि, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विदेश में होने के चलते पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. सचिन पायलट ने उम्मीद जताई है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी वापस आ चुके हैं और कमेटी के सदस्यों से उनकी बात भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने जो बातें रखी थी उन पर संतोषजनक कार्रवाई होगी. इसकी उन्हें पूरी उम्मीद है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार और वहां लगे पोस्टर को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी मुझे जहां भी प्रचार करने के लिए भेजती है तो मैं जरूर जाता हूं. हालांकि, मध्य प्रदेश को लेकर पायलट से सवाल किया गया तो वे वहां प्रचार करेंगे या नहीं, उसके बारे में उन्होंने साफ नहीं किया है. बता दें कि मध्यप्रदेश में कुछ ऐसे होर्डिंग्स लगे हैं जिसकी खास चर्चा हो रही है.

पढ़ें: सरकार का प्रार्थना पत्र खारिज, 31 अक्टूबर तक ही कराने होंगे निगम चुनाव

इन होर्डिंग्स पर यह लिखा गया है कि 'प्रदेश अध्यक्ष बना कर दिन रात मेहनत करवाई सरकार बनी तो मुख्यमंत्री गहलोत को बनाया और हक, अधिकार मांगा तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का पद छीन लिया और नकारा निकम्मा कहा और स्वाभिमानी गुर्जर समाज का वोट चाहिए. यह बैनर अखिल भारतीय युवा गुर्जर महासभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र गुर्जर की ओर से मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर लगाए गए हैं. हालांकि इन होर्डिंग्स को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.

जयपुर. 14 जुलाई को अपने और अपने सहयोगी मंत्रियों विधायकों के पदों को गंवा चुके प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भले ही अब कांग्रेस पार्टी में वापसी कर चुके हैं, लेकिन अब भी उन्हें और उनके साथियों को इंतजार है अपने सम्मान की वापसी का, जो राजस्थान में चले सियासी महासंग्राम के चलते उन्हें गंवाना पड़ा था. पायलट कैंप के विधायकों के नाराजगी के चलते एआईसीसी की 3 सदस्य कमेटी बन चुकी है और उसकी एक मीटिंग भी हो चुकी है.

राजस्थान का सियासी असर मध्य प्रदेश चुनाव पर

हालांकि, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विदेश में होने के चलते पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. सचिन पायलट ने उम्मीद जताई है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी वापस आ चुके हैं और कमेटी के सदस्यों से उनकी बात भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने जो बातें रखी थी उन पर संतोषजनक कार्रवाई होगी. इसकी उन्हें पूरी उम्मीद है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार और वहां लगे पोस्टर को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी मुझे जहां भी प्रचार करने के लिए भेजती है तो मैं जरूर जाता हूं. हालांकि, मध्य प्रदेश को लेकर पायलट से सवाल किया गया तो वे वहां प्रचार करेंगे या नहीं, उसके बारे में उन्होंने साफ नहीं किया है. बता दें कि मध्यप्रदेश में कुछ ऐसे होर्डिंग्स लगे हैं जिसकी खास चर्चा हो रही है.

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इन होर्डिंग्स पर यह लिखा गया है कि 'प्रदेश अध्यक्ष बना कर दिन रात मेहनत करवाई सरकार बनी तो मुख्यमंत्री गहलोत को बनाया और हक, अधिकार मांगा तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का पद छीन लिया और नकारा निकम्मा कहा और स्वाभिमानी गुर्जर समाज का वोट चाहिए. यह बैनर अखिल भारतीय युवा गुर्जर महासभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र गुर्जर की ओर से मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर लगाए गए हैं. हालांकि इन होर्डिंग्स को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.

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