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जयपुर के SMS अस्पताल में IMA की हड़ताल बेअसर - एसएमएस अस्पताल

प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में आईएमए के हड़ताल का आह्वान का असर बेअसर रहा. जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सक मरीजों का इलाज करते दिखे. वहीं देशभर में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में हो रहे डॉक्टरों के प्रदर्शन में एसएमएस चिकित्सक शामिल न होकर मरीजों के लिए अच्छी खबर रही.

Patient in SMS Hospital
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Published : Jul 31, 2019, 5:37 PM IST

जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में आईएमए के हड़ताल का आह्वान का असर बिल्कुल बेअसर रहा. जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सक मरीजों का इलाज करते दिखे. वही देशभर में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में हो रहे डॉक्टरों के प्रदर्शन में एसएमएस चिकित्सक शामिल न होकर मरीजों के लिए अच्छी खबर रही.

जयपुर के SMS अस्पताल में IMA की हड़ताल बेअसर

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में आज आईएमए के आह्वान पर देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर रहे. हालांकि प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल का आंशिक असर रहा. वहीं सरकारी अस्पतालों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह हुआ. जिसके तहत एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों पर इसका प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ा.

गौरतलब है कि डॉक्टर राज्यसभा में पेश हुए नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे हैं.इसी को लेकर आईएमए के नेतृत्व में देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की. लेकिन पहले दो घण्टे का कार्य बहिष्कार बदलकर काली पट्टी बांधकर काम करने पर तय हुआ लेकिन इसका असर भी कम ही देखने को मिला. जिसके चलते सूबे के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर सामान्य दिनों की तरह ही ओपीडी में सेवाएं दे रहे थे.

यह भी पढ़ें: जयपुर में बढ़ रहा साइबर ठगों का आतंक, फिर हुई 11 लाख की ठगी

सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने इस विरोध में शामिल ने होकर मरीजों के दर्द को समझा और उनका इलाज किया. जिसके चलते तीमारदारों ने भी डॉक्टरों की तारीफ की. वही चिकित्सको का कहेना है कि इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी. जिसके चलते उन्होंने ओपीडी में बदस्तूर अपनी सेवाएं जारी रखी. ऐसे में मरीजों को भी किसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा.

जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में आईएमए के हड़ताल का आह्वान का असर बिल्कुल बेअसर रहा. जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सक मरीजों का इलाज करते दिखे. वही देशभर में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में हो रहे डॉक्टरों के प्रदर्शन में एसएमएस चिकित्सक शामिल न होकर मरीजों के लिए अच्छी खबर रही.

जयपुर के SMS अस्पताल में IMA की हड़ताल बेअसर

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में आज आईएमए के आह्वान पर देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर रहे. हालांकि प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल का आंशिक असर रहा. वहीं सरकारी अस्पतालों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह हुआ. जिसके तहत एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों पर इसका प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ा.

गौरतलब है कि डॉक्टर राज्यसभा में पेश हुए नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे हैं.इसी को लेकर आईएमए के नेतृत्व में देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की. लेकिन पहले दो घण्टे का कार्य बहिष्कार बदलकर काली पट्टी बांधकर काम करने पर तय हुआ लेकिन इसका असर भी कम ही देखने को मिला. जिसके चलते सूबे के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर सामान्य दिनों की तरह ही ओपीडी में सेवाएं दे रहे थे.

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सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने इस विरोध में शामिल ने होकर मरीजों के दर्द को समझा और उनका इलाज किया. जिसके चलते तीमारदारों ने भी डॉक्टरों की तारीफ की. वही चिकित्सको का कहेना है कि इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी. जिसके चलते उन्होंने ओपीडी में बदस्तूर अपनी सेवाएं जारी रखी. ऐसे में मरीजों को भी किसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा.

Intro:प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में आईएमए के हड़ताल का आह्वान का असर बिल्कुल बेअसर रहा. जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सक मरीजों का इलाज करते दिखे. वही देशभर में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में हो रहे डॉक्टरों के प्रदर्शन में एसएमएस चिकित्सक शामिल न होकर मरीजों के लिए अच्छी खबर रही.


Body:एंकर : नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में आज आईएमए के आह्वान पर देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर रहे. हालांकि प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल का आंशिक असर रहा. वहीं सरकारी अस्पतालों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह हुआ. जिसके तहत एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों पर इसका प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ा.

गौरतलब है कि डॉक्टर राज्यसभा में पेश हुए नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे हैं.इसी को लेकर आईएमए के नेतृत्व में देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की. लेकिन पहले दो घण्टे का कार्य बहिष्कार बदलकर काली पट्टी बांधकर काम करने पर तय हुआ लेकिन इसका असर भी कम ही देखने को मिला. जिसके चलते सूबे के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर सामान्य दिनों की तरह ही ओपीडी में सेवाएं दे रहे थे.

सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने इस विरोध में शामिल ने होकर मरीजों के दर्द को समझा और उनका इलाज किया. जिसके चलते तीमारदारों ने भी डॉक्टरों की तारीफ की. वही चिकित्सको का कहेना है कि इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी. जिसके चलते उन्होंने ओपीडी में बदस्तूर अपनी सेवाएं जारी रखी. ऐसे में मरीजों को भी किसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा.

बाइट- राकेश डूकिया, चिकित्सक, एसएमएस अस्पताल


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