जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर राजधानी में कभी भी सर्वे हो सकता है. वर्तमान में दोनों निगम समितियों की उठापटक में लगे हुए हैं. आज की तारीख में यदि ये सर्वे होता है तो राजधानी की रैंक गिरना तय है. देखिये यह खास रिपोर्ट...
जयपुर शहर में न तो हर वार्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण हो रहा है. न ही सड़कों पर से कचरा डिपो खत्म हो पाए हैं. गनीमत इस बात की है कि जयपुर को ओडीएफ++ के तहत 500-500 अंक दोनों नगर निगम को मिल चुके हैं. हालांकि अभी सिटीजन वॉइस, सर्विस लेवल प्रोग्रेस और स्टार रेटिंग के अंक मिलना बाकी हैं.
राजधानी की स्वच्छता परखने कभी भी आ सकती है टीम
राजधानी जयपुर में सफाई व्यवस्था को परखने के लिए कभी भी टीम आ सकती हैं. जयपुर के दोनों ही निगम में स्वच्छ सर्वेक्षण के इतर निगम समितियों का बखेड़ा खड़ा है. राज्य सरकार ने ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त कर दिया है और हेरिटेज निगम की समितियों का गठन हो नहीं पाया है.
ऐसे में इस राजनीतिक लड़ाई के बीच शहर की स्वच्छता पिस रही है. आलम ये है कि निगम के अधिकारी जब निरीक्षण पर निकलते हैं तो आम जनता से डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर नहीं पहुंचने की शिकायत मिलती है. कर्मचारी भी नदारद मिलते हैं. यही नहीं, शहर में सड़कों पर कचरे के ढेर ये बताने के लिए काफी है कि शहर में सफाई का ढर्रा कितना बिगड़ा हुआ है.
सर्वेक्षण को लेकर हो रहा चिंतन और मंथन
हालांकि ग्रेटर नगर निगम हो गया हेरिटेज नगर निगम बैठकों में प्रशासनिक अधिकारी सर्वेक्षण को लेकर चिंतन और मंथन जरूर कर रहे हैं. अब आईईसी एक्टिविटी के तहत जागरूकता रैली, पोस्टर बैनर लगाकर जागरूक करने और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को कचरा पात्र रखने जैसे कई कार्य किए जा रहे हैं.
साथ ही अब समझाइश के साथ-साथ सख्ती भी बरती जा रही है. जोन वाइज कैरिंग चार्ज वसूलने, उपायुक्तों को विभिन्न जोन में मॉनिटरिंग करने, बीवीजी कंपनी पर सख्ती बरतते हुए सेग्रीगेशन करने के भी निर्देश दिए हुए हैं.
ग्रेटर नगर निगम में व्यवस्थाओं को बेहतर करने के निर्देश
ग्रेटर नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण के नोडल अधिकारी हर्षित वर्मा ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम इस महीने में कभी भी आ सकती है. ऐसे में सभी अधिकारी-कर्मचारियों और बीवीजी के प्रतिनिधियों से वार्ता कर व्यवस्थाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसका असर फील्ड में भी नजर आएगा.
इसके साथ ही आवासीय क्षेत्र, व्यवसायिक क्षेत्र, फल-सब्जी मंडी, मीट मार्केट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड, डिपो, स्लम एरिया, ओल्ड सिटी, फ्लाईओवर और दूसरे सार्वजनिक क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण और स्वच्छता को लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही स्वच्छता संबंधी कैरिंग चार्ज वसूलने, प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग पर प्रतिबंध जैसे निर्देश भी दिए गए हैं.
हेरिटेज निगम नया निकाय, चुनौतियों से निपटेंगे
हेरिटेज नगर निगम स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार का कहना है कि हेरिटेज नगर निगम एक नया नगरीय निकाय है. ऐसे में यहां ढांचागत और संस्थागत सुधार की आवश्यकता है. फिलहाल कर्मचारियों के समानीकरण का प्रयास किया जा रहा है.
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वहीं नए वार्डों के अनुसार जो संसाधनों की आवश्यकता है, उनकी पूर्ति की जा रही है. इसके अलावा प्रत्येक वार्ड में एक-एक हूपर उपलब्ध कराया जाएगा. जो रोड पर पड़े कचरे और टूरिस्ट प्लेस से कचरा उठाने का कार्य करेगा.
इसके अलावा प्रत्येक जोन में रोड स्वीपर मशीन और आरसी लगाए गए हैं, ताकि कचरा रोड पर नहीं आए. उन्होंने माना कि स्वच्छता में कमी रहती ही है. लेकिन अब डिपो मैनेजमेंट पर कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा हर घर तक हूपर पहुंचने के साथ ही आम जनता को जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है.
स्वच्छता सर्वे : इस बार
इनमें से जयपुर के दोनों नगर निगम को ओडीएफ++ सर्टिफिकेशन के 500-500 अंक मिल चुके हैं. लेकिन अभी 5500 अंक के लिए सर्वे होगा. जिसमें आम जनता की भूमिका भी अहम रहने वाली है. ऐसे में वर्तमान तस्वीरों में यदि बदलाव नहीं होता, तो स्टार रेटिंग और सर्विस लेवल प्रोग्रेस के अंक डूबना तय है.