जयपुर. लॉकडाउन के चलते विभिन्न जिलों में अटके प्रवासी मजदूरों के मामले में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट को जवाब दिया गया. जिसमें बताया गया कि यदि केंद्र सरकार इस संबंध में कोई नीति बनाती है तो राज्य सरकार इन्हें अपने गृह राज्य में भेजने का इंतजाम करने को तैयार है.
महाधिवक्ता के इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को इस संबंध में केंद्र सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त कर अदालत को जानकारी देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश जेम्स बेदी व अन्य की जनहित याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार की नीति के अनुसार राज्य सरकार ने कोटा में कोचिंग कर रहे छात्रों को उनके गृह राज्यों की मदद से वापस भेजना शुरू कर दिया है. यदि केंद्र सरकार विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों को भी उनके गृह राज्य भेजने की कोई नीति तय करती है तो राज्य सरकार इंतजाम करने को तैयार है.
याचिकाओं में कहा गया कि लॉकडाउन के चलते सभी उद्योग धंधे बंद हो गए हैं. इस कारण बड़ी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. अधिकांश मजदूरों के पास पैसे भी खत्म हो गए हैं. मजदूर अपने घर जाने के लिए निकले थे, लेकिन अब वह अलग- अलग शहरों में फंस चुके हैं. सरकार के पास इनके रहने और भोजन के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं.
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याचिका में कहा गया कि अधिकांश मजदूर वर्तमान हालात में अपने घरों तक पहुंचना चाहते हैं. याचिकाकर्ताओं ने अदालत को यह भी बताया कि कोटा में रहकर पढ़ने वाले छात्रों को उनके गृह राज्यों की सरकारों ने राज्य सरकार की मदद से वापस बुलाया है. इसलिए सरकार को प्रवासी मजदूरों को भी उनके घर तक पहुंचाने के निर्देश दिए जाए.