जयपुर. नगर निगम प्रशासन की ओर से 2018 से पहले निगम ठेकेदार के पास सफाई का कार्य करने वाले कर्मचारियों की सूची मांगी गई. लेकिन इस सूचना को सोशल मीडिया पर गलत ढंग से प्रसारित किया गया. जिसके बाद सोमवार को बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर निगम मुख्यालय आवेदन करने पहुंचे.
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राजधानी में दो नगर निगम बनने के बाद मानो निगम में कर्मचारियों का टोटा पड़ गया है. सबसे ज्यादा कमी तो सफाई कर्मचारियों की है. ग्रेटर नगर निगम में सफाई कमर्चारियों के तकरीबन 7145 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से महज 3355 कार्यरत हैं. इसी कमी को ध्यान में रखते हुए हाल ही में ग्रेटर नगर निगम प्रशासन की ओर से निगम के ठेकेदारों से 2018 से पहले संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों की सूची मांगी गई, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. जिसके चलते बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी लाल कोठी स्थित निगम मुख्यालय जा पहुंचे. जिन्हें काफी समझाइश के बाद लौटाया गया.
इस संबंध में कार्मिक उपायुक्त ममता नागर ने बताया कि नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की कोई भर्ती नहीं हो रही है. एक अफवाह के चलते बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी आवेदन करने निगम मुख्यालय आ गए. जिन कर्मचारियों ने 2018 से पहले ठेकेदारों के माध्यम से सफाई का कार्य किया था, उनकी सूची ठेकेदार के माध्यम से जरूर मांगी गई थी. संभवतः इस आदेश से भ्रमित होकर सफाई कर्मचारी यहां तक पहुंचे. उन्होंने बताया कि जो सूची ठेकेदारों से मांगी गई है, उसे राज्य सरकार को प्रेषित किया जाएगा. राज्य सरकार के स्तर पर ही निर्णय लिया जाएगा कि उन सफाई कर्मचारियों का क्या करना है.
सफाई श्रमिक संघ की ओर से भी सोशल मीडिया पर प्रसारित संदेश को अफवाह बताते हुए उस पर गौर नहीं करने का आग्रह किया गया. वहीं अफवाह से भ्रमित होकर सफाई कर्मचारियों की बड़ी संख्या जब निगम मुख्यालय पहुंची, तो यहां कोरोना गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ती हुई नजर आई. ये कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर, मास्क लगाना भी भुला बैठे.