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जर्जर भवनों में चल रहे स्कूल के मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, जारी किया नोटिस...

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Published : Jul 7, 2022, 9:30 PM IST

राज्य मानवाधिकार आयोग ने जर्जर हवेली और भवनों में संचालित (Schools running in Dilapidated Buildings in Rajasthan) स्कूलों के मामले में संज्ञान लिया है. आयोग ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य को नोटिस जारी किया है.

Schools running in Dilapidated Buildings in Rajasthan
मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

जयपुर. राज्य मानव अधिकार आयोग ने जर्जर हवेली और भवनों में संचालित स्कूल के मामले में (School running in Dilapidated Buildings in Rajasthan) संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 18 जुलाई तक तथ्यात्मक जवाब मांगा है. मीडिया में कोटा संभाग के जर्जर स्कूल भवनों से जुड़ी खबरों के आधार पर आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है.

आयोग ने इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से तीन बिंदुओं पर तथ्यात्मक जानकारी और रिपोर्ट मांगी है. इसमें राज्य के प्रत्येक जिले में कितने स्कूल जर्जर भवन अवस्था में है और उसकी मरम्मत के लिए क्या कार्रवाई की गई है. यह जानकारी मांगी गई है. साथ ही जर्जर भवनों में चलने वाले स्कूलों के छात्र छात्राओं की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए और स्कूल भवन शहर से कितनी दूरी पर स्थित हैं? यदि स्कूल शहर से दूर हैं तो विद्यार्थियों के लिए स्कूल आने जाने की क्या व्यवस्था है? इन तमाम बिंदुओं पर यह जानकारी मांगी गई है.

पढ़े.Dilapidated Buildings : मानसून से पहले जर्जर इमारतों को मरम्मत कराने या डिमोलिश करने के लिए भवन मालिकों को हिदायत

आयोग ने अपने आदेश में लिखा कि मीडिया के जरिए यह बात भी सामने आई कि कोटा संभाग के बारां जिले में सर्वाधिक 36 स्कूल भवन जर्जर हैं. इसी प्रकार कोटा, बूंदी, झालावाड़ में भी स्कूल भवनों की मरम्मत की दरकार है. अजमेर संभाग के स्कूल भवनों में कहीं छतों से पानी टपकता है तो कहीं दीवारों में गहरी दरारें हैं.

जयपुर. राज्य मानव अधिकार आयोग ने जर्जर हवेली और भवनों में संचालित स्कूल के मामले में (School running in Dilapidated Buildings in Rajasthan) संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 18 जुलाई तक तथ्यात्मक जवाब मांगा है. मीडिया में कोटा संभाग के जर्जर स्कूल भवनों से जुड़ी खबरों के आधार पर आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है.

आयोग ने इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से तीन बिंदुओं पर तथ्यात्मक जानकारी और रिपोर्ट मांगी है. इसमें राज्य के प्रत्येक जिले में कितने स्कूल जर्जर भवन अवस्था में है और उसकी मरम्मत के लिए क्या कार्रवाई की गई है. यह जानकारी मांगी गई है. साथ ही जर्जर भवनों में चलने वाले स्कूलों के छात्र छात्राओं की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए और स्कूल भवन शहर से कितनी दूरी पर स्थित हैं? यदि स्कूल शहर से दूर हैं तो विद्यार्थियों के लिए स्कूल आने जाने की क्या व्यवस्था है? इन तमाम बिंदुओं पर यह जानकारी मांगी गई है.

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आयोग ने अपने आदेश में लिखा कि मीडिया के जरिए यह बात भी सामने आई कि कोटा संभाग के बारां जिले में सर्वाधिक 36 स्कूल भवन जर्जर हैं. इसी प्रकार कोटा, बूंदी, झालावाड़ में भी स्कूल भवनों की मरम्मत की दरकार है. अजमेर संभाग के स्कूल भवनों में कहीं छतों से पानी टपकता है तो कहीं दीवारों में गहरी दरारें हैं.

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