ETV Bharat / city

SMS में रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम के अतिरिक्त भार से जुड़े मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान...27 जून तक मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट - Human Rights Commission

एसएमएस अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम के अतिरिक्त भार से जुड़े मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है. मानव अधिकार आयोग ने सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन से रेजिडेंट डॉक्टरों की कामकाज से जुडी पूरी जानकारी तथ्यात्मक रिपोर्ट के साथ मांगी है. हॉस्पिटल प्रशासन को बिंदुवार सभी मामलों की रिपोर्ट 27 जून तक पेश करनी है.

एसएमएस अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
author img

By

Published : Jul 20, 2019, 1:21 PM IST

जयपुर. पिछले दिनों काम के अधिक दबाव के चलते जयपुर के एसएमएस अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी. इसके बाद से ही लगातार एसएमएस प्रशासन पर रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम का अतिरिक्त भार डालने के आरोप लग रहे थे. बता दें कि इसे लेकर रेजिडेंट डॉक्टर भी विरोध दर्ज करवा चुके हैं. इस बीच मानव अधिकार आयोग ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएमएस प्रशासन से 27 जून तक रिपोर्ट तलब की है.

एसएमएस अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

मानव अधिकार आयोग ने अपने संज्ञान में कहा कि एसएमएस रेजिडेंट डॉक्टरों को 20-20 घंटे काम करना पड़ रहा है. इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर को अस्पताल का स्टाफ भी पूरी सहायता नहीं करता है. जिसके चलते बार-बार झगड़े होते रहते हैं, न ट्रॉली मेन सुनते हैं और ना वहां का फोर्थ क्लास स्टाफ सुनता है.

रेजिडेंट डॉक्टरों को फार्म भरने से लेकर रोगियों का हर काम करना पड़ता है. ऊपर से सीनियर भी धमका के काम का प्रेशर डालते हैं .आयोग ने माना है कि सवाई मानसिंह अस्पताल में हर वर्ष 40 लाख मरीज पहुंचते हैं. अस्पताल में डॉक्टर, रेजिडेंट डॉक्टर से स्टाफ आदि के साथ विवाद झगड़े और मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे में सवाई मानसिंह अस्पताल आयोग के समक्ष रिपोर्ट पेश करें.

आयोग ने मांगी यह जानकारी -

- सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 30 जून 2019 से पूर्व 2 वर्ष में आउटडोर इनडोर में कितने मरीज पहुंचे, उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं.

- 30 जून 2019 से पहले के 2 वर्ष में रेजिडेंट डॉक्टर प्रत्येक अस्पताल के अनुसार कितने संख्या में कार्यरत हैं.

- रेजिडेंट डॉक्टरों की वास्तविक ड्यूटी की सूचना प्रत्येक समयबद्ध अस्पताल अनुसार उपलब्ध कराई जाए.

- साधारणतया कितने रोगियों पर कितने रेजिडेंट डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई जाती है.

- क्या सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय और संलग्न चिकित्सालय समूह जयपुर में मरीजों की संख्या के अनुपात में रेजीडेंट डॉक्टर उचित संख्या में उपलब्ध हैं.

- रेजिडेंट डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ के दरमियां हुए किसी विवाद के कारण से अगर कोई भी शिकायत प्राप्त हुई है ,तो ऐसी शिकायतों की संख्या से आयोग को अवगत कराएं.

- डॉक्टर्स और सीनियर डॉक्टरों की जूनियर रेजिडेंट से आपस में हुई कहासुनी अथवा झगड़ों के संबंध में जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उसकी आयोग के समक्ष संख्या मात्र उपलब्ध कराएं.

दरअसल, पिछले दिनों जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी. महिला रेजिडेंट डॉक्टर की खुदकुशी के पीछे अस्पताल प्रशासन द्वारा डाला जा रहा अतिरिक्त काम का भार बताया गया था. साथ ही सीनियर डॉक्टर द्वारा अनावश्यक रूप से प्रेशर डालने का भी आरोप लगा था. ऐसे में यह देखना होगा कि मानव अधिकार आयोग के संज्ञान के बाद सवाई मानसिंह चिकित्सालय प्रशासन अपनी व्यवस्था में कुछ सुधार कर पाता है या नहीं.

जयपुर. पिछले दिनों काम के अधिक दबाव के चलते जयपुर के एसएमएस अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी. इसके बाद से ही लगातार एसएमएस प्रशासन पर रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम का अतिरिक्त भार डालने के आरोप लग रहे थे. बता दें कि इसे लेकर रेजिडेंट डॉक्टर भी विरोध दर्ज करवा चुके हैं. इस बीच मानव अधिकार आयोग ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएमएस प्रशासन से 27 जून तक रिपोर्ट तलब की है.

एसएमएस अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

मानव अधिकार आयोग ने अपने संज्ञान में कहा कि एसएमएस रेजिडेंट डॉक्टरों को 20-20 घंटे काम करना पड़ रहा है. इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर को अस्पताल का स्टाफ भी पूरी सहायता नहीं करता है. जिसके चलते बार-बार झगड़े होते रहते हैं, न ट्रॉली मेन सुनते हैं और ना वहां का फोर्थ क्लास स्टाफ सुनता है.

रेजिडेंट डॉक्टरों को फार्म भरने से लेकर रोगियों का हर काम करना पड़ता है. ऊपर से सीनियर भी धमका के काम का प्रेशर डालते हैं .आयोग ने माना है कि सवाई मानसिंह अस्पताल में हर वर्ष 40 लाख मरीज पहुंचते हैं. अस्पताल में डॉक्टर, रेजिडेंट डॉक्टर से स्टाफ आदि के साथ विवाद झगड़े और मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे में सवाई मानसिंह अस्पताल आयोग के समक्ष रिपोर्ट पेश करें.

आयोग ने मांगी यह जानकारी -

- सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 30 जून 2019 से पूर्व 2 वर्ष में आउटडोर इनडोर में कितने मरीज पहुंचे, उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं.

- 30 जून 2019 से पहले के 2 वर्ष में रेजिडेंट डॉक्टर प्रत्येक अस्पताल के अनुसार कितने संख्या में कार्यरत हैं.

- रेजिडेंट डॉक्टरों की वास्तविक ड्यूटी की सूचना प्रत्येक समयबद्ध अस्पताल अनुसार उपलब्ध कराई जाए.

- साधारणतया कितने रोगियों पर कितने रेजिडेंट डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई जाती है.

- क्या सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय और संलग्न चिकित्सालय समूह जयपुर में मरीजों की संख्या के अनुपात में रेजीडेंट डॉक्टर उचित संख्या में उपलब्ध हैं.

- रेजिडेंट डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ के दरमियां हुए किसी विवाद के कारण से अगर कोई भी शिकायत प्राप्त हुई है ,तो ऐसी शिकायतों की संख्या से आयोग को अवगत कराएं.

- डॉक्टर्स और सीनियर डॉक्टरों की जूनियर रेजिडेंट से आपस में हुई कहासुनी अथवा झगड़ों के संबंध में जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उसकी आयोग के समक्ष संख्या मात्र उपलब्ध कराएं.

दरअसल, पिछले दिनों जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी. महिला रेजिडेंट डॉक्टर की खुदकुशी के पीछे अस्पताल प्रशासन द्वारा डाला जा रहा अतिरिक्त काम का भार बताया गया था. साथ ही सीनियर डॉक्टर द्वारा अनावश्यक रूप से प्रेशर डालने का भी आरोप लगा था. ऐसे में यह देखना होगा कि मानव अधिकार आयोग के संज्ञान के बाद सवाई मानसिंह चिकित्सालय प्रशासन अपनी व्यवस्था में कुछ सुधार कर पाता है या नहीं.

Intro:
जयपुर

एस एम एस अस्पताल के रेजिडेंस डॉक्टरों पर काम का अतिरिक्त भार से जुड़ा मामला , मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, 27 जून तक मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

एंकर:- एस एम एस अस्पताल के रेजिडेंस डॉक्टरों पर काम के अतिरिक्त भार मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है मानव अधिकार आयोग ने सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन से रेजिडेंट डॉक्टरों की कामकाज से जुड़ी पूरी जानकारी तथ्यात्मक रिपोर्ट के साथ मांगी है हॉस्पिटल प्रशासन को बिंदुवार सभी मामलों की रिपोर्ट 27 जून तक पेश करनी है ।




Body:VO:- पिछले दिनों काम के अधिक दबाव के चलते जयपुर के एसएमएस प्रेसिडेंट डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी , इसके बाद से ही लगातार s.m.s. प्रशासन पर रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम का अतिरिक्त भार डालने के आरोप लग रहे थे , इसको लेकर रेजिडेंट डॉक्टर भी विरोध दर्ज कराया करा चुके है , इस बीच मानव अधिकार आयोग ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए s.m.s. प्रशासन से 27 जून तक रिपोर्ट तलब की है , मानव अधिकार आयोग ने अपने संज्ञान में कहा कि एस एम एस रेजिडेंट डॉक्टरों को 20 - 20 घंटे काम करना पड़ रहा है इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर को अस्पताल का स्टाफ भी पूरी सहायता नहीं करता है , जिसके चलते बार-बार झगड़े होते रहते हैं , न ट्रॉली मेन सुनते सुनते हैं , और ना वहां का फोर्थ क्लास स्टाफ , रेजिडेंट डॉक्टरों को फार्म भरने से लेकर रोगियों का हर काम करना पड़ता है , उनके साथ सीनियर भी धमका के काम का प्रेशर डालते हैं , आयोग ने माना कि सवाई मानसिंह अस्पताल में हर वर्ष 40 लाख मरीज पहुंचते हैं , अस्पताल में डॉक्टर , रेजिडेंट डॉक्टर से स्टाफ यादी के साथ विवाद झगड़े और मारपीट की घटनाएं होती रहती है , डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ पर भी आरोप लगते रहे हैं लेकिन इसका तात्पर्य कभी नहीं की रेजिडेंट डॉक्टर अगर आरोप सत्य है तो प्रताड़ित व माननीय परिस्थिति में कार्य करें , ऐसे में सवाई मानसिंह अस्पताल आयोग के समक्ष रिपोर्ट पेश करे

आयोग ने ये मांगी जानकारी -
- सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 30 जून 2019 से पूर्व 2 वर्ष में आउटडोर इनडोर में कितने मरीज पहुंचे उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं
- 30 जून 2019 से पहले के 2 वर्ष मैं रेजिडेंट डॉक्टर प्रत्येक अस्पताल के अनुसार कितने संख्या में कार्यरत हैं
- रेजिडेंट डॉक्टरों की वास्तविक ड्यूटी की सूचना प्रत्येक समयबद्ध अस्पताल अनुसार उपलब्ध कराई जाए
- साधारणतया कितने रोगियों पर कितने रेजिडेंट डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई जाती है ?
- क्या सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय और संलग्न चिकित्सालय समूह जयपुर में मरीजों की संख्या के अनुपात में रेजीडेंट डॉक्टर उचित संख्या में उपलब्ध हैं
- ररेजिडेंट डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ के दरमियां हुए किसी विवाद के कारण से अगर कोई भी शिकायत प्राप्त हुई है तो ऐसी शिकायतों की संख्या से आयोग को अवगत कराएं
- डॉक्टर्स तथा सीनियर डॉक्टरों की जूनियर रेजिडेंट से आपस में हुई कहासुनी अथवा झगड़ों के संबंध में जो शिकायतें प्राप्त हुई है उसकी आयोग के समक्ष संख्या मात्र उपलब्ध कराएं ।



Conclusion:VO:- दरअसल पिछले दिनों जयपुर में रीजन डॉक्टर ने खुदकुशी की थी महिला रेजिडेंट डॉक्टर की खुद खुशी के पीछे अस्पताल प्रशासन द्वारा डाला जा रहा अतिरिक्त काम का भार बताया गया साथ ही सीनियर डॉक्टर द्वारा अनावश्यक रूप से प्रेशर डालने का भी आरोप लगा है ऐसे में मानव अधिकार आयोग के संज्ञान के बाद में का सवाई मानसिंह चिकित्सालय प्रशासन अपनी व्यवस्था में कुछ सुधार कर पाता है यह देखना होगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.