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सर्दियों के समय में कैसे बचें मौसमी बिमारियों से...जानें चिकित्सकों के सुझाव

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Published : Dec 6, 2020, 11:00 PM IST

Updated : Dec 7, 2020, 3:39 PM IST

राजस्थान में सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में सर्द मौसम में होने वाली बीमारियों ने अब धीरे-धीरे लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. इसको देखते हुए चिकित्सकों का मानना है कि सर्दी के मौसम में कुछ सावधानी बरती जाए तो इन बीमारियों से निजात पाया जा सकता है.

सर्दियों के मौसम बिमारियां, Winter season illnesses
सर्दी में मौसमी बिमारियों से मिलेगा निजात

जयपुर. सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में सर्द मौसम में होने वाली बीमारियां भी लोगों को घेरना शुरू कर देती है. चिकित्सकों की मानें तो आमतौर पर सर्द मौसम में सांस, ह्रदय और हड्डियों से जुड़ी बीमारियां सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. वहीं बच्चों में भी ठंड के मौसम में बुखार और सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां परेशान करती है. चिकित्सकों का मानना है कि सर्दी के मौसम में कुछ सावधानी बरती जाए तो इन बीमारियों से निजात पाया जा सकता है.

सर्दी में मौसमी बिमारियों से मिलेगा निजात

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि आमतौर पर सर्दियों के मौसम में श्वसन संबंधी बीमारियां देखने को मिलती है. जहां सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण अधिक रहता है, ऐसे में दमा से पीड़ित मरीजों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है और हाल ही में कोरोना जैसी महामारी के दौरान दी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सबसे अधिक देखने को मिले हैं. इसके अलावा एलर्जी से संबंधित बीमारियां भी ठंड के मौसम में ही सबसे अधिक देखने को मिलती है. डॉ. शर्मा का कहना है कि सर्दी के मौसम में खासकर बुजुर्गों में सबसे अधिक बीमारी के मामले देखने को मिलते हैं. जिसमें श्वसन संबंधी और ह्रदय रोग से संबंधित बीमारियां सबसे अधिक सामने आती हैं.

पढे़ं- भरतपुर: डीग में खुलेआम उड़ रही राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां, समस्या समाधान के नाम पर खुल रहे शैक्षणिक संस्थान

  • ठंड के मौसम में यह बीमारियां सबसे अधिक
  • सर्दियों के मौसम में खासतौर पर बच्चों में बुखार और सर्दी जुकाम के लक्षण
  • 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में आमतौर पर हृदय और श्वसन संबंधी बीमारी
  • ठंड में त्वचा संबंधी बीमारियों के मामले अधिक
  • सर्दियों के मौसम में फ्लू के मामलों में भी होती है बढ़ोतरी
  • हड्डियों से संबंधित बीमारियां भी

इसके अलावा सर्दियों में सबसे अधिक हड्डियों से संबंधित बीमारियां भी देखने को मिलती है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर अजीत बागड़ा का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड का मौसम बढ़ता है, वैसे वैसे शरीर में हड्डियों से जुड़े बीमारियां देखने को मिलती है. डॉ. अजीत का कहना है कि आमतौर पर जो बुजुर्ग लोग में जोड़ों का दर्द सबसे अधिक सामने आता है.

  • ठंड के मौसम में आम तौर पर जोड़ों का दर्द अधिक
  • मांस पेशियों में खिंचाव की समस्या भी ठंड के मौसम में अधिक देखने को मिलती है
  • गठिया संबंधी रोग भी आमतौर पर सर्दियों में लोगों को घेर लेते हैं

डॉ. अजीत का कहना है कि सर्दियों के मौसम में आमतौर पर धूप का सेवन भी काफी जरूरी है, क्योंकि धूप के सेवन से विटामिन डी मिलता है, जो हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है और यही नहीं धूप के कारण शरीर का तापमान भी संतुलित बना रहता है. जिससे मांसपेशियों को काफी आराम मिलता है. ऐसे में बच्चे और घर के बुजुर्ग लोगों को अधिक से अधिक सर्दियों के मौसम में धूप का सेवन करना चाहिए.

पढे़ं- जोधपुर : Night curfew में शराब की दुकान बंद कराने पहुंचे अधिकारी से धक्का-मुक्की, आरोपी गिरफ्तार

चिकित्सक से परामर्श जरूरी...

चिकित्सकों का यह भी कहना है कि आमतौर पर ठंड से होने वाली बीमारियां कई बार काफी तकलीफ दे होती है. ऐसे में चिकित्सकीय परामर्श काफी जरूरी है और हड्डी और ह्रदय रोग से जुड़े ऐसे मरीज जो लंबे समय से दवाओं का सेवन कर रहे हैं. उन्हें अपनी दवाइयां नियमित रूप से लेनी चाहिए. इसके अलावा बिना चिकित्सक की सलाह के किसी भी तरह की दवा का सेवन नहीं करना चाहिए.

जयपुर. सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में सर्द मौसम में होने वाली बीमारियां भी लोगों को घेरना शुरू कर देती है. चिकित्सकों की मानें तो आमतौर पर सर्द मौसम में सांस, ह्रदय और हड्डियों से जुड़ी बीमारियां सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. वहीं बच्चों में भी ठंड के मौसम में बुखार और सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां परेशान करती है. चिकित्सकों का मानना है कि सर्दी के मौसम में कुछ सावधानी बरती जाए तो इन बीमारियों से निजात पाया जा सकता है.

सर्दी में मौसमी बिमारियों से मिलेगा निजात

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि आमतौर पर सर्दियों के मौसम में श्वसन संबंधी बीमारियां देखने को मिलती है. जहां सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण अधिक रहता है, ऐसे में दमा से पीड़ित मरीजों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है और हाल ही में कोरोना जैसी महामारी के दौरान दी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सबसे अधिक देखने को मिले हैं. इसके अलावा एलर्जी से संबंधित बीमारियां भी ठंड के मौसम में ही सबसे अधिक देखने को मिलती है. डॉ. शर्मा का कहना है कि सर्दी के मौसम में खासकर बुजुर्गों में सबसे अधिक बीमारी के मामले देखने को मिलते हैं. जिसमें श्वसन संबंधी और ह्रदय रोग से संबंधित बीमारियां सबसे अधिक सामने आती हैं.

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  • ठंड के मौसम में यह बीमारियां सबसे अधिक
  • सर्दियों के मौसम में खासतौर पर बच्चों में बुखार और सर्दी जुकाम के लक्षण
  • 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में आमतौर पर हृदय और श्वसन संबंधी बीमारी
  • ठंड में त्वचा संबंधी बीमारियों के मामले अधिक
  • सर्दियों के मौसम में फ्लू के मामलों में भी होती है बढ़ोतरी
  • हड्डियों से संबंधित बीमारियां भी

इसके अलावा सर्दियों में सबसे अधिक हड्डियों से संबंधित बीमारियां भी देखने को मिलती है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर अजीत बागड़ा का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड का मौसम बढ़ता है, वैसे वैसे शरीर में हड्डियों से जुड़े बीमारियां देखने को मिलती है. डॉ. अजीत का कहना है कि आमतौर पर जो बुजुर्ग लोग में जोड़ों का दर्द सबसे अधिक सामने आता है.

  • ठंड के मौसम में आम तौर पर जोड़ों का दर्द अधिक
  • मांस पेशियों में खिंचाव की समस्या भी ठंड के मौसम में अधिक देखने को मिलती है
  • गठिया संबंधी रोग भी आमतौर पर सर्दियों में लोगों को घेर लेते हैं

डॉ. अजीत का कहना है कि सर्दियों के मौसम में आमतौर पर धूप का सेवन भी काफी जरूरी है, क्योंकि धूप के सेवन से विटामिन डी मिलता है, जो हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है और यही नहीं धूप के कारण शरीर का तापमान भी संतुलित बना रहता है. जिससे मांसपेशियों को काफी आराम मिलता है. ऐसे में बच्चे और घर के बुजुर्ग लोगों को अधिक से अधिक सर्दियों के मौसम में धूप का सेवन करना चाहिए.

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चिकित्सक से परामर्श जरूरी...

चिकित्सकों का यह भी कहना है कि आमतौर पर ठंड से होने वाली बीमारियां कई बार काफी तकलीफ दे होती है. ऐसे में चिकित्सकीय परामर्श काफी जरूरी है और हड्डी और ह्रदय रोग से जुड़े ऐसे मरीज जो लंबे समय से दवाओं का सेवन कर रहे हैं. उन्हें अपनी दवाइयां नियमित रूप से लेनी चाहिए. इसके अलावा बिना चिकित्सक की सलाह के किसी भी तरह की दवा का सेवन नहीं करना चाहिए.

Last Updated : Dec 7, 2020, 3:39 PM IST
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