जयपुर. होम्योपैथिक चिकित्सकों ने गुरुवार को अपनी मांगों को लेकर राजधानी जयपुर में विशाल रैली निकाली और विधानसभा का घेराव किया. इन चिकित्सकों का आरोप है कि सरकार प्रदेश भर के होम्योपैथिक चिकित्सकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
इसी के तहत गुरुवार को होम्योपैथी डेवलपमेंट एसोसिएशन की ओर से विशाल रैली निकाली गई. इस दौरान होम्योपैथिक चिकित्सकों का कहना था कि राज्य में जितने आयुर्वेद चिकित्सक रजिस्टर्ड है. उतने ही होम्योपैथिक चिकित्सक भी रजिस्टर्ड हैं, लेकिन सरकार होम्योपैथिक चिकित्सकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
होम्योपैथिक चिकित्सकों ने बताया कि प्रदेश में 10000 में से 4000 आयुर्वेद चिकित्सक सरकारी सेवा में कार्य कर रहे हैं, जबकि होम्योपैथी के 9538 चिकित्सकों में से सिर्फ 247 चिकित्सक ही राजकीय सेवा में कार्य कर रहे हैं. वहीं राज्य में आयुर्वेद की 3800 डिस्पेंसरी है, जबकि होम्योपैथिक की मात्र 185 डिस्पेंसरी ही सरकार की ओर से संचालित की जा रही है. ऐसे में इस रैली के माध्यम से चिकित्सकों ने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई.
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चिकित्सकों ने कहा कि सरकार जिस तरह से आयुष बजट की बात कर रही है, उसी तरह से होम्योपैथिक चिकित्सकों को लेकर भी बड़ी घोषणा करे. जयपुर में आयोजित हुई इस रैली में प्रदेश भर से आए होम्योपैथिक चिकित्सक शामिल हुए.
स्वास्थ्य निदेशालय में कर्मचारियों और हेल्थ वर्कर्स को लगाया गया कोरोना टीका
कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम के तहत गुरुवार को स्वास्थ्य निदेशालय में कर्मचारियों और हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाई गई. जहां निदेशक जनस्वास्थ्य डॉक्टर केके शर्मा ने सबसे पहले टीका लगवाया.
टीका लगने के बाद निदेशक स्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा ने बताया कि सरकार की ओर से हेल्थ वर्कर और अन्य अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. ऐसे में गुरुवार को स्वास्थ्य भवन में भी वैक्सीन से जुड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया है. जहां स्वास्थ्य निदेशालय में कार्यरत कर्मचारियों और हेल्थ वर्कर को टीका लगाया जा रहा है. ऐसे में डॉ. केके शर्मा ने कहा कि जो वैक्सीन मौजूदा समय में लगाई जा रही है, वह काफी सुरक्षित है और वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हम सबकी जिम्मेदारी है.
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा ने सभी हेल्थ वारियर्स फ्रंटलाइन वॉरियर्स से अपील करते हुए कहा है कि वे आगे आकर यह टीका लगवाएं, ताकि कोरोना जैसी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके. स्वास्थ्य निदेशालय में गुरुवार को शुरू किए गए वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत सभी कर्मचारियों को टीका लगाया गया है और टीका लगने के बाद लगभग आधे घंटे तक सभी कर्मचारियों को ऑब्जरवेशन में भी रखा गया.