जयपुर. कोरोना वायरस की इस वैश्विक महामारी के चलते देश में जहां लॉकडाउन का दूसरा दौर चालू है. एक महीने से अधिक का समय लॉकडाउन को हो गया, इस दौरान बड़ी दिक्क्त उन मजदूरों और श्रमिकों की है जो हर दिन मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते है.
कोरोना वायरस ने इन लोगों के सामने खाने का संकट खड़ा कर दिया, ऐसे में इन लोगों की मदद का बीड़ा उठाया एक होमगार्ड के जवान ने. इस जवान का नाम है झलकन सिंह. झलकन सिंह होमगार्ड एसोसिशन के प्रदेश अध्यक्ष है और प्रदेश में 31 हजार से अधिक होमगार्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले झलकन सिंह इन दिनों खाना बनाने में व्यस्त है, वो इस लिए कि इस कोरोना वायरस संकट के समय में कोई भूखा नहीं सोये.
बता दें, कि झलकन सिंह अपने स्वयं के खर्चे पर हर दिन एक हजार से अधिक लोगों तक सुबह-शाम पका हुआ भोजन उपलब्ध करवा रहे है. प्रदेश में लॉकडाउन लागु होने के साथ ही झलकन सिंह ने मजदूरों और श्रमिकों के लिए भोजन का बीड़ा उठा लिया था, जो आज भी निरंतर जारी है. झलकन सिंह बताते है कि वो एक होमगार्ड जवान है देश की सेवा करना उनका कर्त्यव्य है और उसे वो हर दिन बड़ी जिम्मेदारी के साथ निभा रहे है. लेकिन जब प्रदेश में ही नहीं विश्व में कोरोना वायरस का संकट मूंह बाहे खड़ा है ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्क्त निमन वर्ग के लोगों को आ रही है.
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उनका कहना है, कि ये वो तबका है जो हर दिन मजदूरी करके अपने और अपने परिवार का पेट भरता है, लेकिन लॉकडाउन ने इनसे इनका रोजगार छीन लिया और इसके सामने खाने के लाले पढ़ गए. जब इन्हे पता लगा की कच्ची बस्तियों में लोगों के पास खाने के दाने नहीं है वो भूखे मरने को मजबूर हो रहे है तो उन्होंने इन सभी लोगों के भोजन का बीड़ा उठाया और हर दिन सुबह-शाम का खाना इन लोगों तक पहुंचाया जाता है.
झलकन बताते है कि ऐसा नहीं है, कि सरकार के स्तर पर सहायता नहीं हो रही. लेकिन जो जरूरत इनको उसके अनुसार इनको नहीं मिल रहा. झलकन सिंह ने भोजन के साथ पुलिस और होमगार्ड के जवानों को अपने स्वंय के खर्चे पर मास्क, सेनेटाइजर और ग्लव्स भी उपलब्ध करवाए है ताकि वो ड्यूटी के दौरान सुरक्षित रह सके और पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी को कर सके. झलकन सिंह बताते है, कि होमगार्ड के जवान इस कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है. दरअसल झलकन सिंह अकेले ऐसे होमगार्ड के जवान नहीं है जो जन सेवा कर रहे है. जयपुर के एक होमगार्ड के जवान लक्ष्मीनारायण ने तो जरूतमंदों तक सहायता पहुंचाने के लिए अपनी एफडी को तुड़वा दिया, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए.