जयपुर. लॉकडाउन के तीसरे चरण के लिए गृह विभाग ने मंगलवार को संशोधित आदेश जारी कर कुछ स्पष्टीकरण जारी किए हैं. इनमें राज्य में अनुमति प्राप्त आद्यौगिक और निमार्ण इकाईयों तक श्रमिकों को राज्य में एक बार एक जिले से दूसरे जिले या उसी जिले में परिवहन कर सकने की सशर्त अनुमति दी है.
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की ओर से जारी आदेश के मुताबिक म्युनिसिपल क्षेत्रों में रेड और ऑरेंज जोन के आद्यौगिक क्षेत्रों के बाहर म्युनिसिपल क्षेत्र में स्थित ऐसे एकल उद्योग, जिनमें श्रमिक परिसर के अंदर ही रहते हैं और प्रवेश नियंत्रण है, उन्हें सुरक्षा उपायों के साथ खोला जा सकता है. ऐसी औद्योगिक इकाइयों को अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी जो रेड और ऑरेंज जोन में हैं और गृह विभाग के 2 मई के आदेश के मुताबिक चल रही हैं.
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इन्हें पूर्व के दिशा निर्देशों की पालना करनी होगी लेकिन, विभाग ने यह साफ कर दिया है कि कंटेनमेंट क्षेत्र में कोई भी औद्योगिक इकाई का संचालन नहीं होगा. साथ ही जिला प्रशासन ऐसी किसी भी अनुमति प्राप्त औद्योगिक इकाई को मौखिक या लिखित आदेश जारी कर खुलने से नहीं रोकेंगे, जब तक कि औद्योगिक इकाई ने सुरक्षा के जुड़े दिए गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया है.
अन्य किसी भी स्थिति में जरूरत महसूस होने पर कलेक्टर गृह विभाग से अनुमति लेकर कदम उठाएंगे. सभी प्रकार के सामान और खनिज का परिवहन को अनुमति दी गई है. नाप तोल कांटा खोलने की अनुमति विभाग ने दी है.
एक बार हो सकेगा श्रमिकों का परिवहन
गृह विभाग ने श्रमिकों के लिए राज्य में एक जिले या एक जोन से दूसरे जोन में निर्माण कार्य या अनुमति श्रेणी के औद्योगिक इकाई में कार्यस्थल पर ही ठहरने की शर्त के साथ एक बार के परिवहन की मंजूरी दी है.
हालांकि, नियोक्ताओं को श्रमिकों के परिवहन के लिए अपने या किराए का वाहन उपलब्ध करवाना होगा. संबंधित जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी. यात्रा के दौरान सभी जरूरी सुरक्षा के उपाय करने होंगे, जिनमें परिवहन से पहले बस को सैनिटाइज करना, सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क इत्यादि की गाइडलाइन की पालना करनी होगी.
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कार्यस्थल पर ही लेबर के रहने की उचित व्यवस्था सुरक्षा उपायों समेत करनी होगी. हालांकि, विभाग ने साफ कर दिया है कि रेड और ऑरेंज जोन में आने म्युनिसिपल क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के यह लागू नहीं होगा, जहां अनुमति केवल कार्यों के लिए ही है. सिर्फ ऐसे जहा श्रमिक पहले से ही परिसर के भीतर निवास कर रहे हैं.
आवागमन में इन्हें समय की छूट दी
विभाग ने शाम को 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक आवाजाही पर रोक के अपने पूर्व के आदेश में कुछ छूट दी है. जारी स्पष्टीकरण के मुताबिक पुलिस, जिला प्रशासन के फील्ड ड्यूटी में लगे स्टाफ, लॉकडाउन इंप्लीमेंटेशन से सीधे तौर पर जुड़े हुए सरकारी कार्मिक.
सरकारी और निजी क्षेत्र के दूसरे मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल इमरजेंसी में व्यक्ति को परिचाकर के साथ अनुमति दी गई है. इनके अलावा केमिस्ट दुकान के मालिक, उनके कार्मिक के साथ ही ट्रकों की आवाजाही को भी अनुमति दी गई है.
छह बजे बाद खुल सकेंगे ये कार्यस्थल
शाम 6 बजे के बाद निरंतर उत्पादन प्रकृति वाले कारखाने, रात की पारी वाले कारखाने, आईटी और आईटीईएस कंपनियां भी सशर्त खुल सकेंगी. केमिस्ट दुकानें भी खुल सकेंगी.
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इनके लिए जिला प्रशासन और पुलिस स्तर पर स्टाफ के घर वापस जाने के लिए विशेष पास जारी किए जाएंगे, जिसमें कार्मिक की पूरी जानकारी होगी.
कलेक्टर दे सकेंगे अन्तरराज्यीय यात्रा की अनुमति
इसके साथ ही अन्तरराज्यीय यात्रा की अनुमति जिला कलेक्टर की ओर से दी जा सकेगी. लेकिन, यह अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही मिल सकेगी.
आरटीओ, डीटीओ सिर्फ एमवी एक्ट के तहत जरूरत के हिसाब से परमिट जारी कर सकेंगे. लेकिन, ये लॉकडाउन की अवधि के दौरान अन्तरराज्यीय यात्रा के लिए कोई परमिट जारी नहीं कर सकेंगे.
स्टाफ की आवाजाही के लिए चल सकेंगे वाहन
रेड और ऑरेंज जोन में अनुमत श्रेणी के व्यक्तिगत वाहनों के अलावा कंपनियों के उन वाहनों को अनुमति दी जाएगी, जो कि स्टाफ को घर से ऑफिस तक लाने ले जाने में काम में लिए जाएंगे.
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इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी. इनमें कंपनी के खुद के या किराए, अनुबंधित वाहन (बस या कैब) शामिल हो सकेंगी. इन वाहनों में परिवहन के दौरान सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग समेत जरूरी उपायों का ध्यान रखना होगा. फोर व्हीलर में एक ड्राइवर और 2 लोगों के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति नहीं बैठ सकेंगे.
निजी कार्यालयों को मिली ये राहत
ऐसी कंपनियों को अपने कार्यालय खोलने की सशर्त अनुमति दी गई है, जिनका मुख्य कार्यालय म्युनिसिपल एरिया के रेड और ऑरेंज जोन में किसी एक शोरूम में है, लेकिन उसके विक्रय केन्द्र अन्य जिलों या संबंधित जिले में अन्य स्थानों पर हैं.
इनके सिर्फ कार्यालयों को ही खोला जा सकेगा. इन परिसरों से कोई विक्रय नहीं किया जाएगा. सुरक्षा सावधानियों के साथ यहां 33 फीसदी स्टाफ आ सकेगा.