जयपुर. करौली हिंसा के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अब गृह विभाग ने धार्मिक कार्यक्रम जुलूस और इसमें शामिल होने वाले ध्वनि यंत्रों को लेकर नई गाइडलाइन जारी (New guide lines after Karauli violence) कर दी है. इस नई गाइड लाइन के अनुसार किसी भी समुदाय की तरफ से धार्मिक कार्यक्रम, जुलूस और इसमें ध्वनि यंत्रों के प्रयोग के बारे में पहले से ही संबंधित जिलों के अधिकारियों को न केवल जानकारी देनी होगी बल्कि गाइड लाइन के अनुरूप पालना की जाएगी. इसको लेकर अंडरटेकिंग भी देनी होगी.
सीएस की अध्यक्षता में हुई कानून व्यवस्था को लेकर बैठक
दरअसल करौली में जिस तरह से हिंसा हुई है, उसके बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. प्रदेश की गहलोत सरकार ने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसको लेकर सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में आज कानून व्यवस्था को लेकर अहम बैठक हुई जिसमें करौली जैसी हिंसा दोबारा न हो इसे लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए. बैठक में एसीएस होम अभय कुमार सिंह, डीजीपी एमएल लाठर समेत गृह विभाग के कई आला अधिकारी मौजूद रहे.
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नई गाइड लाइन में सख्ती
- प्रदेश में विभिन्न धार्मिक त्योहार, जयन्ती, शोभायात्रा, प्रदर्शन, सार्वजनिक कार्यक्रम, शोभायात्रा, प्रदर्शन के सम्बन्ध में आयोजक निर्धारित प्रारूप में उपखंड मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नगर इसके अलावा प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति लेने के लिए प्रार्थना पत्र या शपथ-पत्र पेश करेंगे.
- उपखंड मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नगर के अधिकारी की ओर से प्रार्थना-पत्र के तथ्यों का सत्यापन सम्बन्धित क्षेत्र के थानाधिकारी से करवाने के पश्चात प्रार्थना इस तरह के कार्यक्रम की अनुमति देनी जोगी.
- उपखण्ड मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नगर, प्राधिकृत अधिकारी प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते समय महानिदेशक पुलिस, राजस्थान, जयपुर कीओर से जारी पत्र के बिन्दुओं और समय-समय पर इस विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखेंगे.
- उपखण्ड मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नगर, प्राधिकृत अधिकारी ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए प्राप्त प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते समय राजस्थान ध्वनि नियंत्रण अधिनियम, 1963 और राजस्थान ध्वनि नियंत्रण नियम, 1964 के प्रावधानों को भी ध्यान में रखेंगे.
- उपखंड मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नगर, प्राधिकृत अधिकारी ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम की आज्ञा निर्धारित प्रारूप में प्रदान करेंगे.
- उपखंड मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नगर, प्राधिकृत अधिकारी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए प्राप्त प्रार्थना पत्र की निस्तारण की सूचना सम्बन्धित जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक या उपायुक्त को देंगे.
गाइड लाइन नहीं मानने पर होगी सखती: दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत और विधिक प्रावधानों में कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में सरकार और प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करना जरूरी होगा.