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प्रिंसिपल को एसीपी के लाभ से वंचित करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल प्रिंसिपल को 20 वर्षीय एसीपी के लाभ से वंचित करने और कम ग्रेड पे देने के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और टोंक डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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प्रिंसिपल को एसीपी के लाभ से वंचित करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Aug 28, 2020, 8:24 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल प्रिंसिपल को 20 वर्षीय एसीपी (एशयोड करियर प्रोग्रेस) के लाभ से वंचित करने और कम ग्रेड पे देने के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और टोंक डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश गणेश नारायण माहेश्वरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1995 में स्कूल व्याख्याता नियुक्त हुआ था. उसे 10 वर्षीय एसीपी का लाभ वर्ष 2006 में दिया गया. वहीं जुलाई 2015 में उसे पदोन्नति देकर प्रिंसिपल बनाया गया. याचिका में कहा गया कि अब उसे 20 वर्षीय एसीपी का लाभ स्कूल व्याख्याता के पद के अनुसार ही दिया जा रहा है. जबकि वह 5 साल पहले ही प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नत हो चुका है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट: कनिष्ठ तकनीकी सहायक का अंतर पंचायत समिति तबादला करने पर मांगा जवाब

याचिका में यह भी कहा गया कि उसे ग्रेड पे 6600 रुपए दिया जा रहा है, जबकि नियमानुसार उसे ग्रेड पे 6800 रुपए दिया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में उच्चाधिकारियों को कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल प्रिंसिपल को 20 वर्षीय एसीपी (एशयोड करियर प्रोग्रेस) के लाभ से वंचित करने और कम ग्रेड पे देने के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और टोंक डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश गणेश नारायण माहेश्वरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1995 में स्कूल व्याख्याता नियुक्त हुआ था. उसे 10 वर्षीय एसीपी का लाभ वर्ष 2006 में दिया गया. वहीं जुलाई 2015 में उसे पदोन्नति देकर प्रिंसिपल बनाया गया. याचिका में कहा गया कि अब उसे 20 वर्षीय एसीपी का लाभ स्कूल व्याख्याता के पद के अनुसार ही दिया जा रहा है. जबकि वह 5 साल पहले ही प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नत हो चुका है.

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याचिका में यह भी कहा गया कि उसे ग्रेड पे 6600 रुपए दिया जा रहा है, जबकि नियमानुसार उसे ग्रेड पे 6800 रुपए दिया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में उच्चाधिकारियों को कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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