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Rajasthan Highcourt Decision: रीट पेपर लीक मामले की जांच फिलहाल सीबीआई को नहीं, हाईकोर्ट ने कहा- हम करेंगे मॉनिटरिंग

राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया है. यह भी कहा है कि अब कोर्ट खुद मामले की मॉनीटरिंग करेगी. मामले में अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी.

Rajasthan Highcourt Decision
रीट की जांच सीबीआई को नहीं
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Published : Feb 24, 2022, 8:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती-2021 से जुडे़ पेपर लीक मामले की जांच फिलहाल सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभी तक एसओजी ठीक तरह काम कर रही है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की खुद मॉनिटरिंग की बात करते हुए एसओजी से चार सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने मामले की सुनवाई 6 अप्रैल को तय करते हुए कहा है कि प्रगति रिपोर्ट के बाद जरूरत हुई तो एसआईटी गठित करने पर विचार किया जा सकता है.

वहीं अदालत ने भर्ती से जुड़ी एकलपीठ में लंबित याचिकाओं को भी जनहित याचिका के साथ सूचीबद्ध करने को कहा है. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने यह आदेश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जनहित याचिका पर दिए.

पढ़ें.Rajasthan High Court orders: पीपीटीसी और डीपीएसई करने वालों को प्री-प्राइमरी शिक्षक भर्ती में नियुक्ति देने के आदेश

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. एसओजी ने पेपर लीक मानते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. पेपर लीक में बड़े लोगों का हाथ होने की आशंका है. ऐसे में मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. इसके जवाब में महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने कहा कि पहले भी कई भर्तियों को एसओजी की जांच के बाद रद्द किया गया था. इसके अलावा याचिकाकर्ता अपने आप को राष्ट्रीय स्तर का संगठन बताता है, लेकिन अन्य राज्यों में रद्द हुई विभिन्न भर्तियों को लेकर संगठन ने सीबीआई जांच की मांग नहीं की है. एसओजी मामले में निष्पक्षता से जांच कर रही है. ऐसे में जनहित याचिका को खारिज किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती-2021 से जुडे़ पेपर लीक मामले की जांच फिलहाल सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभी तक एसओजी ठीक तरह काम कर रही है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की खुद मॉनिटरिंग की बात करते हुए एसओजी से चार सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने मामले की सुनवाई 6 अप्रैल को तय करते हुए कहा है कि प्रगति रिपोर्ट के बाद जरूरत हुई तो एसआईटी गठित करने पर विचार किया जा सकता है.

वहीं अदालत ने भर्ती से जुड़ी एकलपीठ में लंबित याचिकाओं को भी जनहित याचिका के साथ सूचीबद्ध करने को कहा है. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने यह आदेश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जनहित याचिका पर दिए.

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. एसओजी ने पेपर लीक मानते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. पेपर लीक में बड़े लोगों का हाथ होने की आशंका है. ऐसे में मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. इसके जवाब में महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने कहा कि पहले भी कई भर्तियों को एसओजी की जांच के बाद रद्द किया गया था. इसके अलावा याचिकाकर्ता अपने आप को राष्ट्रीय स्तर का संगठन बताता है, लेकिन अन्य राज्यों में रद्द हुई विभिन्न भर्तियों को लेकर संगठन ने सीबीआई जांच की मांग नहीं की है. एसओजी मामले में निष्पक्षता से जांच कर रही है. ऐसे में जनहित याचिका को खारिज किया जाए.

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