जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार और राज्य के मुख्य सचिव सहित गृह सचिव और एसीबी को नोटिस जारी कर पूछा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने में देरी क्यों की जा रही है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन अधिकांश मामलों में जांच पूरी होने के बाद मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल रही है. इस कारण इन मामलों में एसीबी चालान पेश नहीं कर पा रही है. इस कारण भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं हो पाती. जिससे शिकायतकर्ता और जांच करने वाले अधिकारी हतोत्साहित होते हैं और दोषी बच निकलते हैं.
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सरकार के पास ऐसे करीब 250 मामले लंबित हैं. कई मामलों में तो एसीबी की गिरफ्त में आए कर्मचारी और अधिकारी नौकरी में बहाल तक हो गए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.