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HC ने पौंडरिक पार्क में पार्किंग प्रोजेक्ट को लेकर सरकार से मांगा जवाब - Rajasthan High Court Order

राजस्थान हाईकोर्ट ने पौंडरिक पार्क में पार्किंग प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार से 15 फरवरी तक जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने यह आदेश प्रतीक खंडेलवाल और अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

Poundrich Park of Jaipur, Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Feb 10, 2021, 7:00 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के पौंडरिक पार्क की जमीन पर प्रस्तावित पार्किंग प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता को याचिका की कॉपी देने के निर्देश देते हुए 15 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश प्रतीक खंडेलवाल और अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

जनहित याचिकाओं में कहा है कि पौंडरिक पार्क शहर की विरासत है और आमजन की भावनाएं इससे जुड़ी हुई हैं. वहीं, ब्रह्मपुरी रिहायशी क्षेत्र है, जहां पार्किंग की जरूरत ही नहीं है. इसके बावजूद भी यदि नगर निगम को पार्किंग बनानी भी है तो पास के नाले के ऊपर बनाई जा सकती है. इसके अलावा वर्ष 2004 में यहां सामुदायिक भवन निर्माण के खिलाफ पेश याचिका में हाईकोर्ट ने यहां पार्क ही रखने को कहा था.

पढ़ें- आरोपी महिला RAS पिंकी मीणा को शादी करने के लिए मिली अंतरिम जमानत

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कई मामलों में कह चुके हैं कि पार्क व खुले क्षेत्र के स्वरूप में बदलाव नहीं किया जा सकता है. यदि इसके मौजूदा स्वरूप में बदलाव भी कर दिया है तो उसे वापस पुरानी स्थिति में ही लाना होगा. ऐसे में राज्य सरकार और नगर निगम को पौंडरिक पार्क में पार्किंग प्रोजेक्ट की मंजूरी नहीं दी जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के पौंडरिक पार्क की जमीन पर प्रस्तावित पार्किंग प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता को याचिका की कॉपी देने के निर्देश देते हुए 15 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश प्रतीक खंडेलवाल और अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

जनहित याचिकाओं में कहा है कि पौंडरिक पार्क शहर की विरासत है और आमजन की भावनाएं इससे जुड़ी हुई हैं. वहीं, ब्रह्मपुरी रिहायशी क्षेत्र है, जहां पार्किंग की जरूरत ही नहीं है. इसके बावजूद भी यदि नगर निगम को पार्किंग बनानी भी है तो पास के नाले के ऊपर बनाई जा सकती है. इसके अलावा वर्ष 2004 में यहां सामुदायिक भवन निर्माण के खिलाफ पेश याचिका में हाईकोर्ट ने यहां पार्क ही रखने को कहा था.

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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कई मामलों में कह चुके हैं कि पार्क व खुले क्षेत्र के स्वरूप में बदलाव नहीं किया जा सकता है. यदि इसके मौजूदा स्वरूप में बदलाव भी कर दिया है तो उसे वापस पुरानी स्थिति में ही लाना होगा. ऐसे में राज्य सरकार और नगर निगम को पौंडरिक पार्क में पार्किंग प्रोजेक्ट की मंजूरी नहीं दी जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

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