जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली जिले में स्वास्थ्य विभाग में सरप्लस घोषित किए कंप्यूटर ऑपरेटर विद मशीन का जिले में ही अन्य पदों पर समायोजन नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों के स्थान पर अन्य किसी को नियुक्ति नहीं देने को कहा है.
न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश अमन कुमार शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि एजेंसी के जरिए स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न केंद्रों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. गत फरवरी माह में विभाग ने आदेश जारी कर कंप्यूटर ऑपरेटर के पदों को कम किया.
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इसके साथ ही विभाग ने संविदाकर्मियों को अन्य संस्थानों में रिक्त पदों पर समायोजित करने के निर्देश दिए. याचिका में कहा गया कि विभाग ने याचिकाकर्ताओं को सरप्लस तो घोषित कर दिया, लेकिन उन्हें अन्य पदों पर समायोजित नहीं किया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओ के स्थान पर अन्य किसी को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है.
कांस्टेबल से वसूली पर HC ने लगाई रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक के पद पर चयनित पुलिस कांस्टेबल से वेतन और ट्रेनिंग खर्च वसूलने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में गृह सचिव, शिक्षा सचिव, डीजीपी और एसपी उदयपुर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश गणेश जोशी की याचिका पर दिए.