जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में हुए 883 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और फर्जी ब्रांच बनाकर लोन बांटने के मामले में सोसायटी के तत्कालीन सीईओ किशन सिंह चूली की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश दिए.
33 फर्जी ब्रांच बनाकर रुपये ट्रांसफर किए
जमानत अर्जी में कहा गया कि सोसायटी में हुए घोटाले में उसकी कोई भूमिका नहीं थी और न ही उसके बैंक खातों में कोई राशि थी. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि आरोपी सोसायटी के सीईओ के पद पर था और उसने 33 फर्जी ब्रांच बनाकर उनमें राशि को ट्रांसफर किया. उसके कार्यकाल के दौरान 724 करोड़ रुपए के फर्जी लोन मंजूर किए गए और उसने सोसायटी के खातों से 191 करोड़ रुपए निकाले थे.
विदेशों में भी खरीदी है 10 बीघा जमीन
इसके अलावा आरोपी कई कंपनियों में निदेशक भी रहा है और उस दौरान ही उसने फर्जी लोन दिए थे. उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलीभगत कर विदेशों में भी दस बीघा जमीन खरीदी थी. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दे सकते. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में हुई धोखाधड़ी के मामले में एसओजी ने अगस्त 2019 में मामला दर्ज किया था.