जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती निर्देश के बाद भी राजस्थान यूनिवर्सिटी के रिटायर शिक्षकों को पेंशन परिलाभ और प्रथम नियुक्ति तारीख से कॅरियर एडवांस स्कीम का लाभ नहीं देने के मामले में राजस्थान यूनिवर्सिटी को आदेश की पालना करने के लिए विषयवार कमेटियां बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही 6 नवंबर को इस संबंध में अदालत को कार्रवाई का ब्यौरा बताने के लिए कहा है. वहीं, अदालत ने आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है. अदालत ने यह अंतरिम निर्देश डॉ. बीडी रावत और अन्य की अवमानना याचिका पर दिया.
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गौरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने 2012 से याचिकाकर्ताओं सहित यूनिवर्सिटी के नियमित शिक्षकों को सीएएस का लाभ उनकी प्रारंभिक नियुक्ति की तारीख से देने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद यूनिवर्सिटी ने यह लाभ 2013 से दिया. इस पर डॉ. रावत ने 2015 में अवमानना याचिका दायर की. इस बीच खंडपीठ से सरकार और यूनिवर्सिटी की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील भी खारिज हो गई.
29 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट से सरकार और यूनिवर्सिटी की हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एसएलपी भी खारिज हो गई. इसके बाद प्रार्थियों ने खंडपीठ के आदेश की पालना नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर कर आदेश का पालन करवाने का आग्रह किया. अदालत ने पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार को कहा था कि वह यूनिवर्सिटी के आग्रह पर रिटायर शिक्षकों के परिलाभ देने के लिए जरूरी बजट मुहैया करवाए.