ETV Bharat / city

बागी विधायकों से जुड़े मामले में प्रार्थना पत्र की कॉपी देने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी किए गए नोटिस के मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब दोनों पक्ष एक हो गए हैं तो अब इन याचिकाओं में क्या बचा है.

Rajasthan High Court News,  Rajasthan political crisis
राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By

Published : Oct 20, 2020, 4:28 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 4:42 PM IST

जयपुर. सचिन पायलट सहित कांग्रेस के बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी किए गए नोटिस के मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान मामले से जुड़े पक्षकार मोहनलाल नामा की ओर से सभी याचिकाओं को खारिज करने को लेकर प्रार्थना पत्र पेश किया गया.

बागी विधायकों से जुड़ा मामला

प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि चूंकि ये राजनैतिक मामला था और दोनों ही पक्षों के बीच अब विवाद समाप्त होने के साथ ही वे अब एक हो चुके हैं. ऐसे में पृथ्वीराज मीणा सहित सभी याचिकाओं को भारी हर्जाने के साथ खारिज किया जाए. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि खंडपीठ ने इस मामले को संविधान की अनुसूची 10 सहित दो कानूनी बिंदू को तय करने के लिए विचारार्थ रखा हुआ है. ऐसे में जब तक कानूनी बिंदुओं पर फैसला नहीं हो जाता तब तक याचिकाओं का निस्तारण नहीं किया जाना चाहिए.

पढ़ें- पद्मश्री और अर्जुन अवार्डी खिलाड़ियों को नौकरी की तलाश, राजस्थान हाईकोर्ट को सरकार के जवाब की दरकार

वहीं, सुनवाई के दौरान स्पीकर सहित अन्य पक्षकारों की ओर से प्रार्थना पत्र की प्रति नहीं मिलने की बात कही गई. जिस पर न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने पक्षकार मोहनलाल नामा को प्रार्थना पत्र की प्रति सभी पक्षकारों को देने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब दोनों पक्ष एक हो गए हैं तो अब इन याचिकाओं में क्या बचा है.

जयपुर. सचिन पायलट सहित कांग्रेस के बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी किए गए नोटिस के मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान मामले से जुड़े पक्षकार मोहनलाल नामा की ओर से सभी याचिकाओं को खारिज करने को लेकर प्रार्थना पत्र पेश किया गया.

बागी विधायकों से जुड़ा मामला

प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि चूंकि ये राजनैतिक मामला था और दोनों ही पक्षों के बीच अब विवाद समाप्त होने के साथ ही वे अब एक हो चुके हैं. ऐसे में पृथ्वीराज मीणा सहित सभी याचिकाओं को भारी हर्जाने के साथ खारिज किया जाए. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि खंडपीठ ने इस मामले को संविधान की अनुसूची 10 सहित दो कानूनी बिंदू को तय करने के लिए विचारार्थ रखा हुआ है. ऐसे में जब तक कानूनी बिंदुओं पर फैसला नहीं हो जाता तब तक याचिकाओं का निस्तारण नहीं किया जाना चाहिए.

पढ़ें- पद्मश्री और अर्जुन अवार्डी खिलाड़ियों को नौकरी की तलाश, राजस्थान हाईकोर्ट को सरकार के जवाब की दरकार

वहीं, सुनवाई के दौरान स्पीकर सहित अन्य पक्षकारों की ओर से प्रार्थना पत्र की प्रति नहीं मिलने की बात कही गई. जिस पर न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने पक्षकार मोहनलाल नामा को प्रार्थना पत्र की प्रति सभी पक्षकारों को देने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब दोनों पक्ष एक हो गए हैं तो अब इन याचिकाओं में क्या बचा है.

Last Updated : Oct 20, 2020, 4:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.