जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझूनूं और कोटा सीएमएचओ को आदेश दिए हैं. जिसमें कहा है कि वो गर्भवती दुष्कर्म पीड़िताओं का तत्काल सुरक्षित गर्भपात कराने के लिए कदम उठाए. साथ ही अदालत ने भ्रूण के डीएनए जांच को सुरक्षित रखने को कहा है. न्यायाधीश महेन्द्र गोयल और न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकल पीठों ने ये आदेश पीडिताओं की ओर से दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि कि झुंझुनूं निवासी पीड़िता के साथ कुछ लोगों ने गैंग रेप किया था. जिसके चलते वो गर्भवती हो गई. फिलहाल, याचिकाकर्ता करीब 21 सप्ताह का गर्भ है.
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वहीं कोटा में रिश्तेदार की ओर से किए दुष्कर्म के चलते नाबालिग पीड़िता के करीब 24 सप्ताह का गर्भ है. ऐसे में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेन्सी एक्ट, 1971 के तहत पीडिताओं को गर्भपात की अनुमति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठों ने दोनों जिलों के सीएमएचओ को गर्भपात कराने के आदेश दिए हैं.