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कोटपा कानून का उल्लंघन करने वालों के फूड लाइसेंस रद्द करने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश - Order to cancel Food License

राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटपा कानून का उल्लंघन करने वाले होटल, रेस्तरां आदि का फूड लाईसेंस रद्द करने का खाद्य विभाग को आदेश दिए हैं. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शहर में स्मोकिंग जोन के बाहर हुक्का सर्व नहीं किया जाए.

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Published : Aug 21, 2019, 8:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटपा कानून का उल्लंघन करने वाले होटल, रेस्तरां आदि का फूड लाईसेंस रद्द करने का खाद्य विभाग को आदेश दिए हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश जन हिताय जन सुखाय एनजीओ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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कोटपा कानून का उल्लंघन करने वालों के फूड लाइसेंस होंगे रद्द

जानकारी के अनुसार अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शहर में स्मोकिंग जोन के बाहर हुक्का सर्व नहीं किया जाए. वहीं इसी तरह स्मोकिंग जोन में खाना सर्व करने पर अदालत ने रोक लगाई है. अदालत ने कहा है कि स्मोकिंग जोन में उपलब्ध कराए जाने वाले हुक्के पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी लिखी जाए. इसके अलावा यह भी बताया जाए कि हुक्के में कितना फीसदी तम्बाकू है.

पढ़ें- एडहॉक कमेटी पर हाईकोर्ट की रोक, वैभव गहलोत के दोस्त को बनाया था सरकार ने संयोजक

याचिका में अधिवक्ता कृतेश ओसवाल ने अदालत को बताया कि कोटपा कानून के प्रावधानों के तहत कोई भी होटल और रेस्तरां आदि बंद कमरे में बने स्मोकिंग जोन में ही धूम्रपान उत्पाद उपयोग की अनुमति दे सकते हैं. इसके बावजूद कई होटल और रेस्तरां संचालकों ने छत पर हुक्का बार बना रखे हैं और खुले में स्मोकिंग जोन निर्धारित किए हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा हुक्का आदि धूम्रपान के साथ अन्य खाद्य उत्पाद सर्व नहीं किए जा सकते और ना ही स्मोकिंग जोन में खाद्य उत्पाद दिए जा सकते हैं.

याचिका में कहा गया कि कोटपा कानून के प्रावधानों की अवहेलना की जा रही है. ऐसे में नगर निगम को खाद्य लाईसेंस देने के लिए बने नियमों में यह शर्त जोड़नी चाहिए कि यदि कोई प्रतिष्ठान कोटपा कानून की अवहेलना करेगा तो उसका लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटपा कानून का उल्लंघन करने वाले होटल, रेस्तरां आदि का फूड लाईसेंस रद्द करने का खाद्य विभाग को आदेश दिए हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश जन हिताय जन सुखाय एनजीओ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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कोटपा कानून का उल्लंघन करने वालों के फूड लाइसेंस होंगे रद्द

जानकारी के अनुसार अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शहर में स्मोकिंग जोन के बाहर हुक्का सर्व नहीं किया जाए. वहीं इसी तरह स्मोकिंग जोन में खाना सर्व करने पर अदालत ने रोक लगाई है. अदालत ने कहा है कि स्मोकिंग जोन में उपलब्ध कराए जाने वाले हुक्के पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी लिखी जाए. इसके अलावा यह भी बताया जाए कि हुक्के में कितना फीसदी तम्बाकू है.

पढ़ें- एडहॉक कमेटी पर हाईकोर्ट की रोक, वैभव गहलोत के दोस्त को बनाया था सरकार ने संयोजक

याचिका में अधिवक्ता कृतेश ओसवाल ने अदालत को बताया कि कोटपा कानून के प्रावधानों के तहत कोई भी होटल और रेस्तरां आदि बंद कमरे में बने स्मोकिंग जोन में ही धूम्रपान उत्पाद उपयोग की अनुमति दे सकते हैं. इसके बावजूद कई होटल और रेस्तरां संचालकों ने छत पर हुक्का बार बना रखे हैं और खुले में स्मोकिंग जोन निर्धारित किए हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा हुक्का आदि धूम्रपान के साथ अन्य खाद्य उत्पाद सर्व नहीं किए जा सकते और ना ही स्मोकिंग जोन में खाद्य उत्पाद दिए जा सकते हैं.

याचिका में कहा गया कि कोटपा कानून के प्रावधानों की अवहेलना की जा रही है. ऐसे में नगर निगम को खाद्य लाईसेंस देने के लिए बने नियमों में यह शर्त जोड़नी चाहिए कि यदि कोई प्रतिष्ठान कोटपा कानून की अवहेलना करेगा तो उसका लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने खाद्य विभाग को आदेश दिए हैं कि कोटपा कानून का उल्लघंन करने वाले होटल, रेस्तरां आदि का फूड लाईसेंस रद्द कर दिया जाए। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने यह आदेश जन हिताय जन सुखाय एनजीओ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शहर में स्मोकिंग जोन के बाहर हुक्का सर्व नहीं किया जाए। इसी तरह स्मोकिंग जोन में खाना सर्व करने पर अदालत ने रोक लगाई है। अदालत ने कहा है कि स्मोकिंग जोन में उपलब्ध कराए जाने वाले हुक्के पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी लिखी जाए। इसके अलावा यह भी बताया जाए कि हुक्के में कितना फीसदी तम्बाकू है।
याचिका में अधिवक्ता कृतेश ओसवाल ने अदालत को बताया कि कोटपा कानून के प्रावधानों के तहत कोई भी होटल और रेस्तरां आदि बंद कमरे में बने स्मोकिंग जोन में ही धूम्रपान उत्पाद उपयोग की अनुमति दे सकते हैं। इसके बावजूद कई होटल व रेस्तरां संचालकों ने छत पर हुक्का बार बना रखे हैं और खुले में स्मोकिंग जोन निर्धारित किए हैं। इसके अलावा हुक्का आदि धुम्रपान के साथ अन्य खाद्य उत्पाद सर्व नहीं किए जा सकते और ना ही स्मोकिंग जोन में खाद्य उत्पाद दिए जा सकते हैं। याचिका में कहा गया कि कोटपा कानून के प्रावधानों की अवहेलना की जा रही है। ऐसे में नगर निगम को खाद्य लाईसेंस देने के लिए बने नियमों में यह शर्त जोडऩी चाहिए कि यदि कोई प्रतिष्ठान कोटपा कानून की अवहेलना करेगा तो उसका लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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