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इंटरनेशनल पदक विजेताओं से भेदभाव क्यों: हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीएस डीओपी, प्रमुख खेल सचिव और स्पोर्ट्स काउंसिल को नोटिस जारी कर पूछा है कि आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने में रोल बॉल के इंटरनेशनल पदक विजेताओं के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है.

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Published : Nov 6, 2020, 7:32 PM IST

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इंटरनेशनल पदक विजेताओं से भेदभाव को लेकर हाई कोर्ट ने जवाब मांगा

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीएस डीओपी, प्रमुख खेल सचिव और स्पोर्ट्स काउंसिल को नोटिस जारी कर पूछा है कि आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने में रोल बॉल के इंटरनेशनल पदक विजेताओं के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है. न्यायाधीश सबीना खान और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने यह आदेश रमेश सिंह व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए.

याचिकाओं में अधिवक्ता तनवीर अहमद और अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के नियमों के तहत खिलाड़ियों को विभिन्न श्रेणियों में सीधे नियुक्ति देने का प्रावधान किया है. नियमों के तहत पोलो के वर्ल्ड कप में पदक जीतने वाले खिलाड़ी को ए ग्रेड के पद के लिए पात्र माना है, जबकि रोल बॉल के वर्ल्ड कप में पदक जीतने वाले खिलाडियों को इन नियमों के तहत नियुक्ति के पात्र नहीं माना जा रहा है.

पढ़ें- मुख्य सूचना आयुक्त के लिए गहलोत सरकार ने फिर मांगे आवेदन, डीबी गुप्ता इस दौड़ में क्या रह जाएंगे पीछे...

इसके अलावा एक जनवरी 2016 के बाद पदक जीतने वालों को ही इन नियमों के तहत नियुक्ति के पात्र माना गया है. ऐसे में यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 के प्रावधानों के विपरीत हैं. इसलिए इन नियमों को इस हद तक रद्द किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीएस डीओपी, प्रमुख खेल सचिव और स्पोर्ट्स काउंसिल को नोटिस जारी कर पूछा है कि आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने में रोल बॉल के इंटरनेशनल पदक विजेताओं के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है. न्यायाधीश सबीना खान और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने यह आदेश रमेश सिंह व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए.

याचिकाओं में अधिवक्ता तनवीर अहमद और अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के नियमों के तहत खिलाड़ियों को विभिन्न श्रेणियों में सीधे नियुक्ति देने का प्रावधान किया है. नियमों के तहत पोलो के वर्ल्ड कप में पदक जीतने वाले खिलाड़ी को ए ग्रेड के पद के लिए पात्र माना है, जबकि रोल बॉल के वर्ल्ड कप में पदक जीतने वाले खिलाडियों को इन नियमों के तहत नियुक्ति के पात्र नहीं माना जा रहा है.

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इसके अलावा एक जनवरी 2016 के बाद पदक जीतने वालों को ही इन नियमों के तहत नियुक्ति के पात्र माना गया है. ऐसे में यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 के प्रावधानों के विपरीत हैं. इसलिए इन नियमों को इस हद तक रद्द किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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