ETV Bharat / city

Obligation to lift liquor in Rajasthan : शराब उठाव की बाध्यता को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने शराव उठाव के मामले में (Obligation to lift liquor in Rajasthan) एक याचिका पर सुनवाई करते हुए वित्त सचिव और आबकारी आयुक्त से जवाब तलब किया है.

Obligation to lift liquor in Rajasthan
Obligation to lift liquor in Rajasthan
author img

By

Published : Feb 12, 2022, 10:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वित्त सचिव और आबकारी आयुक्त सहित अन्य से पूछा है कि कोरोना की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद शराब ठेकेदारों को (Obligation to lift liquor in Rajasthan) तय मात्रा में शराब उठाव की शर्त क्यों रखी गई है?. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश लिकर कांट्रेक्टर यूनियन की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब ठेकेदारों को 50 फीसदी राजस्थान निर्मित शराब खरीदनी पड़ती है. इसके अलावा उन्हें 25 फीसदी तक कमीशन भी देने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि इस साल कोरोना के चलते शराब कारोबार काफी प्रभावित हुआ है.

यह भी पढ़ें- PIL in SC: लागू हो यूनिफॉर्म ड्रेस कोड नहीं तो कल नागा साधु भी कॉलेजों में ले सकते हैं प्रवेश

राज्य सरकार ने काफी दिनों तक सिर्फ सुबह ही दुकान खोलने की अनुमति दी है. ऐसे में देखा जाए तो पूरे साल में सिर्फ छह माह की दुकानें पूरी तरह खुली पाई हैं. इसके बावजूद भी कम शराब उठाव पर उन पर पेनल्टी लगाई जा रही है. वहीं कमीशन के तौर पर भी सिर्फ 12 फीसदी राशि ही दी जा रही है. ऐसे में उन्हें पूरा कमीशन दिलाया जाए और कम्पोजिट फीस से कम से कम 50 फीसदी की छूट दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वित्त सचिव और आबकारी आयुक्त सहित अन्य से पूछा है कि कोरोना की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद शराब ठेकेदारों को (Obligation to lift liquor in Rajasthan) तय मात्रा में शराब उठाव की शर्त क्यों रखी गई है?. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश लिकर कांट्रेक्टर यूनियन की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब ठेकेदारों को 50 फीसदी राजस्थान निर्मित शराब खरीदनी पड़ती है. इसके अलावा उन्हें 25 फीसदी तक कमीशन भी देने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि इस साल कोरोना के चलते शराब कारोबार काफी प्रभावित हुआ है.

यह भी पढ़ें- PIL in SC: लागू हो यूनिफॉर्म ड्रेस कोड नहीं तो कल नागा साधु भी कॉलेजों में ले सकते हैं प्रवेश

राज्य सरकार ने काफी दिनों तक सिर्फ सुबह ही दुकान खोलने की अनुमति दी है. ऐसे में देखा जाए तो पूरे साल में सिर्फ छह माह की दुकानें पूरी तरह खुली पाई हैं. इसके बावजूद भी कम शराब उठाव पर उन पर पेनल्टी लगाई जा रही है. वहीं कमीशन के तौर पर भी सिर्फ 12 फीसदी राशि ही दी जा रही है. ऐसे में उन्हें पूरा कमीशन दिलाया जाए और कम्पोजिट फीस से कम से कम 50 फीसदी की छूट दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.