जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश के वकीलों की सुरक्षा व कल्याण से जुड़े एडवोकेट वेलफेयर फंड बनाने (High court on advocate welfare fund) और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लिए क्या कार्रवाई की है. इस संबंध में अदालत ने एजीजी आरपी सिंह को विस्तृत शपथ पत्र भी पेश करने के लिए कहा है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व एमके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा की पीआईएल पर दिए.
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वकीलों की सुरक्षा के लिए बनाए गए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू नहीं किया है. इस पर एएजी ने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट विधायिका के पास प्रक्रियाधीन है. वहीं बीसीआर के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि राज्य सरकार दो चरणों में वकीलों के कल्याण के लिए दस करोड़ रुपए दे चुकी है.
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दरअसल पीआईएल में कहा है कि प्रदेश में लगातार वकीलों पर हमले हो रहे हैं. बीसीआर ने वकीलों की सुरक्षा से जुड़े प्रोटेक्शन बिल को बनाकर राज्य सरकार के पास भेज रखा है, लेकिन अभी तक वह लागू नहीं हो पाया है. नए वकीलों के पास आय का कोई साधन नहीं है. इसलिए अधिकतम तीन साल का कार्य अनुभव रखने वालों को मासिक मानदेय दिया जाना चाहिए. बीसीआर ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर सौ करोड़ रुपए की मांग कर रखी है.