ETV Bharat / city

बीवीजी रिश्वत प्रकरण में आरोपी राजाराम को हाईकोर्ट से जमानत

बीवीजी रिश्वत प्रकरण में आरोपी राजाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम के खिलाफ कार्रवाई की थी.

राजस्थान हाईकोर्ट , बीवीजी रिश्वत प्रकरण, Rajasthan High Court,  BVG Bribery Case
आरोपी राजाराम को हाईकोर्ट से जमानत
author img

By

Published : Sep 30, 2021, 6:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले बीस करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुडे़ मामले में आरोपी राजाराम को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने यह आदेश आरोपी राजाराम की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए दिए हैं.

जमानत याचिका में कहा गया कि प्रकरण में एसीबी को किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी. एसीबी ने अपने स्तर पर ही प्रकरण में भ्रष्टाचार होने की धारणा बना रखी है. याचिकाकर्ता ने न तो किसी काम के बदले किसी व्यक्ति से रिश्वत मांगी है और न ही वह किसी को अनुचित लाभ देने की स्थिति में है. मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और विपक्षी पार्टी का महापौर बनने के कारण याचिकाकर्ता को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

पढ़ें: सीजे के आश्वासन के बाद हाईकोर्ट के वकीलों ने न्यायिक बहिष्कार किया स्थगित

इसके अलावा एसीबी ने अब तक कथित वीडियो की वास्तविक क्लिप भी बरामद नहीं की है. वह गत 29 जून से न्यायिक अभिरक्षा में है और सह आरोपी ओमकार सप्रे को जमानत दी जा चुकी है. एसीबी मामले में आरोप पत्र भी पेश कर चुकी है. ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत दी जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील मंगल सैनी ने कहा कि मामले में एसीबी ने राजाराम को दोषी मानकर अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

गौरतलब है कि वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, कंपनी प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी व आरएसएस प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था. प्रकरण में एसीबी ने राजाराम और सप्रे को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया था. आरोपी सप्रे जमानत पर बाहर है और हाईकोर्ट निंबाराम की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा चुका है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले बीस करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुडे़ मामले में आरोपी राजाराम को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने यह आदेश आरोपी राजाराम की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए दिए हैं.

जमानत याचिका में कहा गया कि प्रकरण में एसीबी को किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी. एसीबी ने अपने स्तर पर ही प्रकरण में भ्रष्टाचार होने की धारणा बना रखी है. याचिकाकर्ता ने न तो किसी काम के बदले किसी व्यक्ति से रिश्वत मांगी है और न ही वह किसी को अनुचित लाभ देने की स्थिति में है. मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और विपक्षी पार्टी का महापौर बनने के कारण याचिकाकर्ता को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

पढ़ें: सीजे के आश्वासन के बाद हाईकोर्ट के वकीलों ने न्यायिक बहिष्कार किया स्थगित

इसके अलावा एसीबी ने अब तक कथित वीडियो की वास्तविक क्लिप भी बरामद नहीं की है. वह गत 29 जून से न्यायिक अभिरक्षा में है और सह आरोपी ओमकार सप्रे को जमानत दी जा चुकी है. एसीबी मामले में आरोप पत्र भी पेश कर चुकी है. ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत दी जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील मंगल सैनी ने कहा कि मामले में एसीबी ने राजाराम को दोषी मानकर अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

गौरतलब है कि वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, कंपनी प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी व आरएसएस प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था. प्रकरण में एसीबी ने राजाराम और सप्रे को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया था. आरोपी सप्रे जमानत पर बाहर है और हाईकोर्ट निंबाराम की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.