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ड्रीम-11 के जरिए सट्टेबाजी का आरोप लगाने वाले जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज - मोबाइल एप्लीकेशन ड्रीम-11

राजस्थान हाईकोर्ट ने मोबाइल एप्लीकेशन ड्रीम-11 पर सट्टेबाजी का आरोप लगाने वाले जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश अजमेर निवासी चन्द्रेश सांखला जनहित याचिका पर दिए.

जयपुर की खबर,  High court dismisses PIL, jaipur news
राजस्थान उच्च न्यायालय
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Published : Feb 14, 2020, 10:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोबाइल एप्लीकेशन ड्रीम-11 के जरिए सट्टेबाजी का आरोप लगाने वाले जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश अजमेर निवासी चन्द्रेश सांखला जनहित याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा है कि मामले में बॉम्बे, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट भी इस विवाद को तय कर चुका है. ऐसे में इस पर दखल की कोई जरूरत नहीं है. खंडपीठ ने गत 10 फरवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. याचिका में कहा गया था कि देश में सट्टेबाजी गैर कानूनी है. इसके बावजूद ड्रीम-11 नाम से चल रही मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए खुलेआम सट्टेबाजी की जा रही है, जिसमें खिलाडियों का चयन करवाकर उसमें पैसा लगवाया जाता है.

पढ़ें: जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारियों ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता का घेराव कर की नारेबाजी

इसका विरोध करते हुए ड्रीम-11 की ओर से अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और बॉम्बे हाईकोर्ट इसे वैध करार दे चुके हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट भी इसे स्किल का गेम मान चुका है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोबाइल एप्लीकेशन ड्रीम-11 के जरिए सट्टेबाजी का आरोप लगाने वाले जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश अजमेर निवासी चन्द्रेश सांखला जनहित याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा है कि मामले में बॉम्बे, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट भी इस विवाद को तय कर चुका है. ऐसे में इस पर दखल की कोई जरूरत नहीं है. खंडपीठ ने गत 10 फरवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. याचिका में कहा गया था कि देश में सट्टेबाजी गैर कानूनी है. इसके बावजूद ड्रीम-11 नाम से चल रही मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए खुलेआम सट्टेबाजी की जा रही है, जिसमें खिलाडियों का चयन करवाकर उसमें पैसा लगवाया जाता है.

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इसका विरोध करते हुए ड्रीम-11 की ओर से अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और बॉम्बे हाईकोर्ट इसे वैध करार दे चुके हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट भी इसे स्किल का गेम मान चुका है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है.

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