जयपुर. राजस्थान में 1 दिसंबर को हुए पंचायतों के पुनर्गठन पर हाईकोर्ट की रोक के बाद सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील पर बुधवार को सुनवाई होगी. वहीं इससे परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्य के चुनाव और बची हुई पंचायतों के चुनाव का रास्ता साफ होगा.
राजस्थान में इस बार सरकार ने 16 नवंबर को पंचायतों का पुनर्गठन कर नई पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया था. यहां तक सब ठीक था लेकिन 1 दिसंबर को राज्य सरकार की ओर से एक बार फिर पंचायतों का संशोधित पुनर्गठन किया गया.
जिसे लेकर जोधपुर हाई कोर्ट में मामला पहुंच गया और जोधपुर हाईकोर्ट ने 16 नवंबर के बाद हुए संशोधित पुनर्गठन पर रोक लगा दी. वहीं राज्य सरकार को पूरी उम्मीद है कि 1 दिसंबर को जो संशोधित किया गया था उसे सुप्रीम कोर्ट इजाजत देगा.
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इस मामले को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन इस दौरान ग्राम पंचायतों का चुनाव कार्यक्रम भी जारी होना था. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने उन पंचायतों में चुनाव नहीं करवाने का निर्णय लिया. जिन पंचायतों पर हाईकोर्ट के आदेशों के बाद होने वाली सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का असर पड़ सकता था.
इसके साथ ही प्रदेश में इस सुनवाई के चलते पंचायत समितियों के चुनाव कार्यक्रम नहीं बनाया गया है. अब बुधवार को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से जिला परिषद मेंबर पंचायत समितियों के सदस्यों और प्रभावित पंचायतों के चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा. साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि यह चुनाव 16 नवंबर पंचायत के पुनर्गठन के आधार पर होंगे या फिर इसमें 1 दिसंबर को संशोधित पंचायतों और समितियों को भी शामिल किया जाएगा.