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दूसरी सेवा में जाने पर कांस्टेबल से वसूली क्यों ? - भरतपुर पुलिस अधीक्षक

पुलिस विभाग में कार्यरत कांस्टेबल के दूसरी सेवा में जाने के चलते विभाग की ओर से करीब डेढ़ लाख रुपए की वसूली करने पर गृह सचिव सहित अन्य को राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किए हैं. कोर्ट ने यह आदेश हेमराज गुर्जर और अन्य की याचिका पर दी है.

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दूसरी सेवा में जाने पर कांस्टेबल से वसूली क्यों
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Published : Nov 17, 2020, 7:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने पुलिस विभाग में कार्यरत कांस्टेबल के दूसरी सेवा में जाने के चलते विभाग की ओर से करीब डेढ़ लाख रुपए की वसूली करने पर गृह सचिव, डीजीपी और भरतपुर पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश हेमराज गुर्जर और अन्य की याचिका पर दिए हैं.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का साल 2018 में कांस्टेबल पद पर चयन हुआ था. वहीं, बाद में याचिकाकर्ताओं का अध्यापक और एलडीसी पद पर चयन हो गया. विभाग की ओर से वेतन और प्रशिक्षण व्यय का हवाला देते हुए दूसरे पद पर ज्वाइनिंग के लिए रिलीव करने के बदले याचिकाकर्ताओं से डेढ़ लाख रुपए की वसूली की गई.

यह भी पढ़ें: मिलीभगत में शामिल मीटर रीडर और सहायक अभियंताओं पर कार्रवाई के आदेश

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता राज्य सरकार के ही दूसरे विभाग में गए हैं. इसके अलावा वेतन के बदले उन्होंने कांस्टेबल पद पर अपनी सेवाएं दी हैं. इसलिए उनसे वसूल की गई राशि लौटाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने पुलिस विभाग में कार्यरत कांस्टेबल के दूसरी सेवा में जाने के चलते विभाग की ओर से करीब डेढ़ लाख रुपए की वसूली करने पर गृह सचिव, डीजीपी और भरतपुर पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश हेमराज गुर्जर और अन्य की याचिका पर दिए हैं.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का साल 2018 में कांस्टेबल पद पर चयन हुआ था. वहीं, बाद में याचिकाकर्ताओं का अध्यापक और एलडीसी पद पर चयन हो गया. विभाग की ओर से वेतन और प्रशिक्षण व्यय का हवाला देते हुए दूसरे पद पर ज्वाइनिंग के लिए रिलीव करने के बदले याचिकाकर्ताओं से डेढ़ लाख रुपए की वसूली की गई.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता राज्य सरकार के ही दूसरे विभाग में गए हैं. इसके अलावा वेतन के बदले उन्होंने कांस्टेबल पद पर अपनी सेवाएं दी हैं. इसलिए उनसे वसूल की गई राशि लौटाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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