जयपुर. राजधानी का ऐतिहासिक नगरी आमेर जो पहले खुद नगरपालिका हुआ करती थी, उस संपूर्ण नगर पालिका का एक वार्ड बनाया गया था वार्ड नं. 91 और अब ये हेरिटेज नगर निगम के वार्ड 1 से 4 बना दिए गया हैं.
हालांकि इस क्षेत्र को प्रमुख रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है, पहला आमेर की चार दिवारी जबकि दूसरा ग्रामीण क्षेत्र. वहीं अगर परिक्षेत्र की बात की जाये तो एयर फोर्स स्कूल को शामिल करते हुए कनक घाटी, जयगढ़, आमेर, सागर होते हुए दिल्ली रोड तक जाता है.
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उसके बाद आगे कुंडा से पीली की तलाई होते हुए रामगढ़ मोड़ तक पुरानी नगरपालिका का संपूर्ण क्षेत्र इसमें आता है. इसकी खासियत ये है कि यहां आमेर जयगढ़ जैसी ऐतिहासिक धरोहर भी है, तो वहीं राजस्थान की पुरानी विरासत भी यहीं बसती है. बता दें कि 2014 में हुए वार्डों के पुनर्गठन की स्थिति में ये वार्ड सबसे ज्यादा 50050 जनसंख्या के साथ सबसे बड़ा वार्ड था.
ईटीवी भारत ने जाना यहां के लोगों की राय...
- सफाई की समस्या है, आवारा पशुओं का खौफ है
- रोड की समस्या है, पानी के टैंकर बिकते हैं
- ट्रैफिक जाम की परेशानी रहती है
- महिला कॉलेज की कोई व्यवस्था नहीं, सीवर का गंदा पानी बहता रहता है
- रास्ते में गड्ढे हैं, जिन्हें दुरुस्त नहीं किया गया है
वहीं टूरिस्ट सेंटर पॉइंट होने के बावजूद यहां सफाई की कोई व्यवस्था नहीं देखने को मिलती है. हालांकि ये क्षेत्र हेरिटेज और ऐतिहासिक होने के साथ-साथ आधुनिकता की ओर भी बढ़ रहा है.