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बुजुर्ग पिता ने रोते हुए बेटे की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने की शिकायत की, हेल्पलाइन के जरिए 45 मिनट तक काउंसलिंग कर समस्या का किया समाधान

जयपुर प्रशासन और जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के सहयोग से बुजुर्गों के लिए समर्पित हेल्पलाइन केयरिंग-शेयरिंग के लॉन्चिंग के बाद बेहद उत्साहजनक रिस्पांस मिला. इस हेल्पलाइन को 17 अप्रैल को जिला कलक्टर डाॅ. जोगाराम ने लॉन्च किया था. हेल्पलाइन बुजुर्गों समस्याओं का समाधान कर रही है.

जयपुर हेल्पलाईन, Corona virus news
हेल्पलाइन के जरिए किया जा रहा समस्या का समाधान
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Published : Apr 19, 2020, 9:18 PM IST

जयपुर. जिला प्रशासन और जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के सहयोग से बुजुर्गों के लिए समर्पित हेल्पलाइन केयरिंग-शेयरिंग (7428518030) के लॉन्चिंग के बाद बेहद उत्साहजनक रिस्पांस मिला. इस हेल्पलाइन को 17 अप्रैल को जिला कलक्टर डाॅ. जोगाराम ने लॉन्च किया था. हेल्पलाइन बुजुर्गों समस्याओं का समाधान कर रही है. एक बुजुर्ग पिता ने रोते हुए बेटे द्वारा धयान नहीं दिए जाने की शिकायत की. इस पर 45 मिनट तक उसकी कॉउंसलिंग की गई.

हेल्पलाइन के जरिए किया जा रहा समस्या का समाधान

हेल्पलाइन के नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय पुरूषोत्तम शर्मा ने बताया कि हेल्पलाइन पर पहले ही दिन सहायता के लिए 150 से ज्यादा बुजुर्गों या उनके परिचितों ने सम्पर्क किया. चिकित्सा, भोजन, डिप्रेशन, दवाइयां, राशन और ऐसी विविध प्रकार की सहायता की अपेक्षा से किए गए इन काॅल्स को यूनिवर्सिटी के फैकल्टी एवं स्टाफ मेंबर्स ने पूरे धैर्य से सुना एवं उनकी सहायता एवं काउन्सलिंग की.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: कोरोना ने थाम दी राजधानी के इन पांच बड़े प्रोजेक्टों की रफ्तार

बुजुर्गों की कुछ शिकायतें जिनको हल किया गया

  • बेटे के व्यवहार से दुखी होकर किया काॅल, 45 मिनट की काउंसलिंग से मिली राहत

संस्थान की फैकल्टी डॉ. उपासना सिंह ने बताया कि एक बुजुर्ग पीड़ित अपने घर में ही अपने पुत्र की ओर से कोई ध्यान नहीं दिए जाने को लेकर अपने आंसुओं को नहीं छिपा पा रहे थे. लगभग 91 वर्षीय बुजुर्ग ने करीब 45 मिनट तक डाॅ. सिंह से बात की और अपने दुखों को साझा कर मन को शांत किया. डाॅ.सिंह ने पूरे धैर्य से उनको सुनते हुए उनकी काउंसलिंग की. उनके दो बेटों में से एक बाहर है और दूसरा ध्यान नहीं रख रहा था. हेल्पलाइन की ओर से उनके लिए निःशुल्क राशन की व्यवस्था कराई गई.

  • सेवानिवृत कर्नल को अटैक, पुत्र राज्य से बाहर, सहारा बनी हेल्पलाइन

हेल्पलाइन की लॉन्चिंग शुक्रवार रात को हुई थी. लेकिन इससे पूर्व ही हेल्पलाइन द्वारा अम्बाबाड़ी निवासी सेवानिवृत कर्नल 84 वर्षीय बुजुुर्ग को अटेक आने पर आपातकालीन परिस्थिति में मदद पहुंचाई गई. उनकी तबीयत खराब होने पर राज्य से बाहर रह रहे उनके पुत्र ने डॉक्टर को संपर्क किया तो डॉक्टर ने तुरंत इन बुजुर्ग के लैब परीक्षण की आवश्यकता बताई. इस पर पुत्र ने मदद के लिए हेल्पलाइन पर संपर्क किया.

हेल्पलाइन द्वारा शीघ ही पैथोलाॅजी लैब से संपर्क कर यह सुनिश्चित किया गया और उनके घर से तुरंत सैंपल लिए जा सके और जल्द से जल्द इसके परिणाम मिल सके. इसके बाद लैब ने टेस्ट किए जिसमें थोड़ा इन्फेक्शन आया जिसकी दवाइयां शुरू कर दी गई है. अब उनके पुत्र जो राज्य से बाहर हैं, लेकिन वे पूरी तरह संतुष्ट और हेल्पलाइन को सेवा के लिए धन्यवाद दे रहे हैं.

  • वेतन काटे जाने से बुजुर्ग डिप्रेशन में, काउन्सलिंग से बढ़ा विश्वास

एक 68 वर्षीय कर्मचारी की खाना सप्लाई करने वाली कम्पनी द्वारा उनके वेतन में कटौती के कारण वे डिप्रेशन में थे. उसकी तुरंत काउन्सलिंग की गई और बताया गया कि जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के निर्देश पर ना तो उनके वेतन में कटौती की जा सकती है और ना ही उन्हेें नौकरी से निकाला जा सकता है. उन्हें आश्वासन दिया गया कि प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगा. इस मामले के निराकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा श्रम विभाग के ज्वांइट कमिश्नर को निर्देशित कर दिया गया है.

  • आधे घंटे में राशन की समस्या हल, आवास की पेशकश

शनिवार सुबह हेल्पलाइन पर यूनविर्सिटी की स्टाफ मेम्बर निधि कच्छावा के पास एक पीड़ित बुजुर्ग महिला का फोन आया. उसने बताया कि वह एक थड़ी पर अपने 4 वर्षीय पुत्र के साथ अकेली रह रही है और उसके पास राशन नहीं है. हेल्पलाइन द्वारा उसे आधे घंटे से भी कम समय में भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई और आवास व्यवस्था के बारे में भी पूछा गया. अब इस महिला का नियमित ध्यान रखा जाएगा. इसी प्रकार राशन ना होने की कुछ और समस्याओं को भी स्वयंसेवी संस्थाओ के माध्यम से समाधान कराया गया.

  • 97 वर्षीय दंपत्ति की सात्विक भोजन की मांग पूरी

हेल्पलाइन पर एक काॅल ऐसा आया, जिसमें 97 वर्षीय बुजुर्ग दम्पत्ति ने ऐसे गर्म एवं सात्विक भोजन की. आवश्यकता बताई जिसे वे आसानी से चबा सकें. हेल्पलाइन पर कार्य कर रहे जेकेएलयू के फैकल्टी जिवान्शु जैन ने तुरंत ऐसे भोजन की व्यवस्था एक भोजनालय से उनके लिए की. इसी प्रकार भोजन के सम्बन्ध में कई बुजुर्गों को सहायता पहुंचाई गई.

  • बुजुर्ग ने कहा पार्क जाना है, काउन्सलिंग से माने

हेल्पलाइन द्वारा बुजुर्गों के लिए केवल भोजन की ही नहीं, चिकित्सा एवं मनोविज्ञान से जुड़ी कई तरह की शिकायतों और समस्याओं का निस्तारण भी हेल्पलाइन के माध्यम से पहले ही दिन किया गया. यूनिवर्सिटी के स्टाफ मेम्बर को कोरोना की आशंका के चलते आइसोलेशन में रह रहे एक 65 वर्षीय बुजुर्ग ने काॅल कर बताया कि वे 2001 से डिप्रेशन से पीड़ित हैं. ये बुजुर्ग घर से बाहर पार्क तक जाना चाह रहे थे. उनका संपर्क संस्थान की काउंसलिंग एजेंसी से करवाया गया, जिसने बताया कि अभी पार्क तक जाना ठीक नहीं है, इस पर वे मान गए एवं आगे से उनकी नियमित काउंसलिंग की जाएगी.

  • कोरोना संदिग्ध की आशंका पर स्वास्थ्य विभाग से दिलाई जानकारी

गीजगढ़ विहार में रहने वाले बुजुर्ग को अचानक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हई. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करवाया गया और यह मालूम होने पर कि लक्षण कोरोना संदिग्ध के भी हो सकते हैं. तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर परिवार को इसके लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की गई. ऐसे ही एक और कोरोना संदिग्ध होने की आशंका से डरे हुए एक बुजुर्ग को काउंसलिग कर आवश्यक जानकारी दी गई.

  • दिव्यांग बुजुर्ग ने मांगा ऑटो, मिली सहायता

यूनिवर्सिटी के शौनक को एक दिव्यांग बुजुर्ग ने फोन कर ऑटो से सब्जी विक्रय का कार्य करने की जानकारी देते हुए मंडी तक वाहन ले जा सकने के लिए मदद मांगी. इस पर उसे प्रशासन के नियमों से आवेदन के लिए काउन्सलिंग कर पास जारी करने की व्यवस्था कराई और भोजन संबंधी समस्या हल कराई.

  • दवाएं घर-घर पहुंचाई

हेल्पलाइन पर कई काॅल दवाएं उपलब्ध कराने से संबंधित थे. जरूरी दवाइयों की घर पर उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए निकटतम मेडिकल स्टोर एवं मेट्रो मास अस्पताल के माध्यम से दवाइयां घर पर पंहुचाई गईं.

  • घर जाने और बच्चों को बुलाने के लिए आए काॅल

हेल्पलाइन पर ऐसे बुजुर्गों को समझाने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी, जिनके परिवार वाले किसी कारणवश लॉकडाउन में बाहर रह गए या ये बुजुर्ग जयपुर आए और यहीं रह गए. इन सभी बुजुर्गाें की मांग थी कि उन्हें परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए अथवा बाहर अटक गए. परिजनों को जयपुर वापस बुलाने की व्यवस्था की जाए. इन बुजुर्गाें को कोरोना महामारी की भयावहता के बारे में समझाते हए संतुष्ट करने का प्रयास किया गया.

जयपुर. जिला प्रशासन और जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के सहयोग से बुजुर्गों के लिए समर्पित हेल्पलाइन केयरिंग-शेयरिंग (7428518030) के लॉन्चिंग के बाद बेहद उत्साहजनक रिस्पांस मिला. इस हेल्पलाइन को 17 अप्रैल को जिला कलक्टर डाॅ. जोगाराम ने लॉन्च किया था. हेल्पलाइन बुजुर्गों समस्याओं का समाधान कर रही है. एक बुजुर्ग पिता ने रोते हुए बेटे द्वारा धयान नहीं दिए जाने की शिकायत की. इस पर 45 मिनट तक उसकी कॉउंसलिंग की गई.

हेल्पलाइन के जरिए किया जा रहा समस्या का समाधान

हेल्पलाइन के नोडल अधिकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय पुरूषोत्तम शर्मा ने बताया कि हेल्पलाइन पर पहले ही दिन सहायता के लिए 150 से ज्यादा बुजुर्गों या उनके परिचितों ने सम्पर्क किया. चिकित्सा, भोजन, डिप्रेशन, दवाइयां, राशन और ऐसी विविध प्रकार की सहायता की अपेक्षा से किए गए इन काॅल्स को यूनिवर्सिटी के फैकल्टी एवं स्टाफ मेंबर्स ने पूरे धैर्य से सुना एवं उनकी सहायता एवं काउन्सलिंग की.

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बुजुर्गों की कुछ शिकायतें जिनको हल किया गया

  • बेटे के व्यवहार से दुखी होकर किया काॅल, 45 मिनट की काउंसलिंग से मिली राहत

संस्थान की फैकल्टी डॉ. उपासना सिंह ने बताया कि एक बुजुर्ग पीड़ित अपने घर में ही अपने पुत्र की ओर से कोई ध्यान नहीं दिए जाने को लेकर अपने आंसुओं को नहीं छिपा पा रहे थे. लगभग 91 वर्षीय बुजुर्ग ने करीब 45 मिनट तक डाॅ. सिंह से बात की और अपने दुखों को साझा कर मन को शांत किया. डाॅ.सिंह ने पूरे धैर्य से उनको सुनते हुए उनकी काउंसलिंग की. उनके दो बेटों में से एक बाहर है और दूसरा ध्यान नहीं रख रहा था. हेल्पलाइन की ओर से उनके लिए निःशुल्क राशन की व्यवस्था कराई गई.

  • सेवानिवृत कर्नल को अटैक, पुत्र राज्य से बाहर, सहारा बनी हेल्पलाइन

हेल्पलाइन की लॉन्चिंग शुक्रवार रात को हुई थी. लेकिन इससे पूर्व ही हेल्पलाइन द्वारा अम्बाबाड़ी निवासी सेवानिवृत कर्नल 84 वर्षीय बुजुुर्ग को अटेक आने पर आपातकालीन परिस्थिति में मदद पहुंचाई गई. उनकी तबीयत खराब होने पर राज्य से बाहर रह रहे उनके पुत्र ने डॉक्टर को संपर्क किया तो डॉक्टर ने तुरंत इन बुजुर्ग के लैब परीक्षण की आवश्यकता बताई. इस पर पुत्र ने मदद के लिए हेल्पलाइन पर संपर्क किया.

हेल्पलाइन द्वारा शीघ ही पैथोलाॅजी लैब से संपर्क कर यह सुनिश्चित किया गया और उनके घर से तुरंत सैंपल लिए जा सके और जल्द से जल्द इसके परिणाम मिल सके. इसके बाद लैब ने टेस्ट किए जिसमें थोड़ा इन्फेक्शन आया जिसकी दवाइयां शुरू कर दी गई है. अब उनके पुत्र जो राज्य से बाहर हैं, लेकिन वे पूरी तरह संतुष्ट और हेल्पलाइन को सेवा के लिए धन्यवाद दे रहे हैं.

  • वेतन काटे जाने से बुजुर्ग डिप्रेशन में, काउन्सलिंग से बढ़ा विश्वास

एक 68 वर्षीय कर्मचारी की खाना सप्लाई करने वाली कम्पनी द्वारा उनके वेतन में कटौती के कारण वे डिप्रेशन में थे. उसकी तुरंत काउन्सलिंग की गई और बताया गया कि जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के निर्देश पर ना तो उनके वेतन में कटौती की जा सकती है और ना ही उन्हेें नौकरी से निकाला जा सकता है. उन्हें आश्वासन दिया गया कि प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगा. इस मामले के निराकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा श्रम विभाग के ज्वांइट कमिश्नर को निर्देशित कर दिया गया है.

  • आधे घंटे में राशन की समस्या हल, आवास की पेशकश

शनिवार सुबह हेल्पलाइन पर यूनविर्सिटी की स्टाफ मेम्बर निधि कच्छावा के पास एक पीड़ित बुजुर्ग महिला का फोन आया. उसने बताया कि वह एक थड़ी पर अपने 4 वर्षीय पुत्र के साथ अकेली रह रही है और उसके पास राशन नहीं है. हेल्पलाइन द्वारा उसे आधे घंटे से भी कम समय में भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई और आवास व्यवस्था के बारे में भी पूछा गया. अब इस महिला का नियमित ध्यान रखा जाएगा. इसी प्रकार राशन ना होने की कुछ और समस्याओं को भी स्वयंसेवी संस्थाओ के माध्यम से समाधान कराया गया.

  • 97 वर्षीय दंपत्ति की सात्विक भोजन की मांग पूरी

हेल्पलाइन पर एक काॅल ऐसा आया, जिसमें 97 वर्षीय बुजुर्ग दम्पत्ति ने ऐसे गर्म एवं सात्विक भोजन की. आवश्यकता बताई जिसे वे आसानी से चबा सकें. हेल्पलाइन पर कार्य कर रहे जेकेएलयू के फैकल्टी जिवान्शु जैन ने तुरंत ऐसे भोजन की व्यवस्था एक भोजनालय से उनके लिए की. इसी प्रकार भोजन के सम्बन्ध में कई बुजुर्गों को सहायता पहुंचाई गई.

  • बुजुर्ग ने कहा पार्क जाना है, काउन्सलिंग से माने

हेल्पलाइन द्वारा बुजुर्गों के लिए केवल भोजन की ही नहीं, चिकित्सा एवं मनोविज्ञान से जुड़ी कई तरह की शिकायतों और समस्याओं का निस्तारण भी हेल्पलाइन के माध्यम से पहले ही दिन किया गया. यूनिवर्सिटी के स्टाफ मेम्बर को कोरोना की आशंका के चलते आइसोलेशन में रह रहे एक 65 वर्षीय बुजुर्ग ने काॅल कर बताया कि वे 2001 से डिप्रेशन से पीड़ित हैं. ये बुजुर्ग घर से बाहर पार्क तक जाना चाह रहे थे. उनका संपर्क संस्थान की काउंसलिंग एजेंसी से करवाया गया, जिसने बताया कि अभी पार्क तक जाना ठीक नहीं है, इस पर वे मान गए एवं आगे से उनकी नियमित काउंसलिंग की जाएगी.

  • कोरोना संदिग्ध की आशंका पर स्वास्थ्य विभाग से दिलाई जानकारी

गीजगढ़ विहार में रहने वाले बुजुर्ग को अचानक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हई. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करवाया गया और यह मालूम होने पर कि लक्षण कोरोना संदिग्ध के भी हो सकते हैं. तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर परिवार को इसके लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की गई. ऐसे ही एक और कोरोना संदिग्ध होने की आशंका से डरे हुए एक बुजुर्ग को काउंसलिग कर आवश्यक जानकारी दी गई.

  • दिव्यांग बुजुर्ग ने मांगा ऑटो, मिली सहायता

यूनिवर्सिटी के शौनक को एक दिव्यांग बुजुर्ग ने फोन कर ऑटो से सब्जी विक्रय का कार्य करने की जानकारी देते हुए मंडी तक वाहन ले जा सकने के लिए मदद मांगी. इस पर उसे प्रशासन के नियमों से आवेदन के लिए काउन्सलिंग कर पास जारी करने की व्यवस्था कराई और भोजन संबंधी समस्या हल कराई.

  • दवाएं घर-घर पहुंचाई

हेल्पलाइन पर कई काॅल दवाएं उपलब्ध कराने से संबंधित थे. जरूरी दवाइयों की घर पर उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए निकटतम मेडिकल स्टोर एवं मेट्रो मास अस्पताल के माध्यम से दवाइयां घर पर पंहुचाई गईं.

  • घर जाने और बच्चों को बुलाने के लिए आए काॅल

हेल्पलाइन पर ऐसे बुजुर्गों को समझाने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी, जिनके परिवार वाले किसी कारणवश लॉकडाउन में बाहर रह गए या ये बुजुर्ग जयपुर आए और यहीं रह गए. इन सभी बुजुर्गाें की मांग थी कि उन्हें परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए अथवा बाहर अटक गए. परिजनों को जयपुर वापस बुलाने की व्यवस्था की जाए. इन बुजुर्गाें को कोरोना महामारी की भयावहता के बारे में समझाते हए संतुष्ट करने का प्रयास किया गया.

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