जयपुर. प्रदेश में आगामी 3 महीने चिकित्सा विभाग की ओर से मिलावट रोकने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाएगा. चिकित्सा विभाग की ओर से मिलावट को लेकर अभियान तो चलाया जाता है, लेकिन मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अभी भी प्रदेश में टेस्टिंग लैब की कमी बनी हुई है, लेकिन राजधानी जयपुर की बात की जाए तो हाल ही में फूड टेस्टिंग लैब को अपग्रेड किया गया है जिसके बाद हेवी मेटल्स एंड पेस्टिसाइड की जांच भी अब लैब में हो सकेगी.
मामले को लेकर चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर त्योहारी सीजन में विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाए जाते हैं और आगामी कुछ महीने प्रदेश में काफी त्योहार होने वाले हैं. ऐसे में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच को लेकर जयपुर स्थित फूड टेस्टिंग लैब को अपग्रेड किया गया है. इससे पहले हेवी मेटल्स एंड पेस्टिसाइड की जांच के लिए खाद्य पदार्थों के नमूने प्राइवेट लैब या बाहर भेजे जाते थे लेकिन अब इनकी जांच सरकारी लैब में हो सकेगी.
चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में सरकारी क्षेत्र की कुछ लैब ही है जिनको नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कॉलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) से मान्यता प्राप्त है. जिसमें जयपुर की फूड टेस्टिंग लैब भी शामिल है.
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इस फूड टेस्टिंग लैब में कोडिंग और डिकोडिंग सिस्टम के जरिए मिलावट की जांच की जाती है. जिसमें केमिकल और माइक्रोबायोलॉजिकल (microbiological) टेस्ट भी खाद्य पदार्थों में किए जाते हैं. हाल ही में चिकित्सा विभाग की ओर से मिलावट को लेकर अभियान भी चलाया गया था. जिसमें तकरीबन 39 खाद्य पदार्थों के नमूने स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उठाए थे. इसके अलावा 200 किलो से अधिक मिलावटी मावा भी नष्ट करवाया था.